हरियाणा का पानी रोकने पर भड़के विज: बोले- अगर हम आपकी रेल और सड़कें रोक लें, फेडरल समझौते को तोड़ना गलत
The Airnews | अंबाला
पंजाब सरकार द्वारा भाखड़ा डैम पर सिक्योरिटी बढ़ाकर हरियाणा का पानी रोकने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब सरकार पर फेडरल समझौते को तोड़ने का गंभीर आरोप लगाया है। विज ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर हरियाणा भी इसी तरह का कदम उठाए, जैसे कि रेल और सड़कें रोक दे, तो क्या होगा? हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हरियाणा ऐसा नहीं करेगा, क्योंकि वह भारत के संघीय ढांचे (फेडरल स्ट्रक्चर) में विश्वास रखता है।
विज ने जताई नाराजगी, फेडरल स्ट्रक्चर को बताया सर्वोपरि
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा, “पंजाब की संस्कृति तो प्यासे को पानी पिलाने की रही है, लेकिन अब वही पंजाब हरियाणा के लोगों का पीने का पानी रोक रहा है। यह फेडरल स्ट्रक्चर के खिलाफ है। अगर हम भी आपकी रेल और सड़कों को रोक दें, तो स्थिति कितनी गंभीर हो जाएगी। हम ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि हम देश के कानून और संविधान का सम्मान करते हैं।”
विज ने कहा कि पड़ोसी राज्य के रूप में हम एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और यह जरूरी है कि परस्पर विश्वास और सहयोग की भावना से काम किया जाए। उनका मानना है कि पानी जैसे मुद्दों को राजनीतिक नहीं बनाना चाहिए, बल्कि इनका समाधान संयुक्त प्रयासों से किया जाना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी को फिर बताया “गद्दार”
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने वाले बयान पर भी अनिल विज ने तीखी प्रतिक्रिया दी। विज ने कहा, “चन्नी को न तो भारतीय सेना पर भरोसा है और न ही भारत सरकार पर। उन्हें सिर्फ पाकिस्तान की बातों पर यकीन है। ऐसे लोग गद्दार होते हैं। ये तभी मानेंगे जब पाकिस्तान खुद मानेगा कि भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी।”
सर्वदलीय बैठक की तारीफ की
हरियाणा में SYL नहर और पानी को लेकर आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को विज ने सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा, “हम आपस में चाहे कितनी ही राजनीतिक लड़ाइयां लड़ लें, लेकिन जब बात कॉमन इंटरेस्ट की आती है, तो हम एकजुट होकर रणनीति बनाते हैं। पहले भी SYL के मुद्दे पर हमने सर्वदलीय बैठकें की हैं और अब भी यही रास्ता अपनाया जा रहा है। इस बैठक में जो भी निर्णय होगा, हम उसी के अनुसार आगे की रणनीति बनाएंगे।”
पानी की राजनीति या संसाधनों की लड़ाई?
हरियाणा और पंजाब के बीच पानी के बंटवारे का मुद्दा दशकों पुराना है। SYL नहर हो या भाखड़ा डैम से पानी की आपूर्ति, दोनों राज्यों के बीच तनातनी बनी रही है। पंजाब की ओर से बार-बार सुरक्षा के नाम पर जल आपूर्ति को रोका जाना हरियाणा के लिए गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। अनिल विज जैसे वरिष्ठ मंत्री की प्रतिक्रिया यह बताती है कि मामला केवल राजनीति तक सीमित नहीं, बल्कि लोगों की जीवनरेखा से जुड़ा है।
क्या कहते हैं नियम और समझौते?
भारत में राज्यों के बीच जल बंटवारे को लेकर फेडरल समझौते और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश लागू होते हैं। यदि कोई राज्य इनका उल्लंघन करता है, तो वह न केवल कानून का उल्लंघन करता है बल्कि अन्य राज्यों के अधिकारों का भी हनन करता है। इस संदर्भ में विज का बयान उस चिंता को दर्शाता है जो हरियाणा के अंदर फैल रही है।