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Saturday, November 8, 2025

“हरियाणा की जेल से ‘गायब’ हुआ सवा 2 लाख का कुत्ता: मोबाइल-ड्रग्स खोजने वाला विदेशी नस्ल का डॉगी ट्रेनर ने हड़पा!”

जींद |तारीख: 17 मई 2025 | Sahil Kasoon The Airnews


विदेशी नस्ल का ‘सिक्योरिटी डॉगी’ ट्रेनिंग के नाम पर गायब, जींद जेल प्रशासन FIR तक पहुंचा

हरियाणा की जेलों में सुरक्षा बढ़ाने और अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए जिन विदेशी नस्ल के कुत्तों को लाखों रुपये खर्च कर खरीदा गया था, उनमें से एक डॉगी अब तक जेल प्रशासन को नहीं लौटाया गया है। मामला जींद जेल से जुड़ा है, जहां एक विशेष प्रशिक्षित कुत्ता, जो मोबाइल और ड्रग्स की पहचान कर सकता था, को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था लेकिन 15 महीने बाद भी वह नहीं लौटा।

कौन था यह कुत्ता और क्यों था खास?

  • इस विदेशी नस्ल के कुत्ते की कीमत ₹2,25,000 थी।

  • इसे हरियाणा कारागार विभाग द्वारा मोबाइल फोन और ड्रग्स जैसी आपत्तिजनक चीजों को सूंघ कर पहचानने की विशेष ट्रेनिंग दी जानी थी।

  • इसके लिए ESD नेटवर्क इंडिया कंपनी को कुत्तों की ट्रेनिंग का काम सौंपा गया था।


ट्रेनिंग डील की पूरी कहानी

साल 2020 में चंडीगढ़ की ESD Network India Pvt. Ltd. कंपनी ने पंजाब होमगार्ड कैनिंग ट्रेनिंग एंड ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट के ज़रिए हरियाणा की जेलों के लिए 23 स्पेशल डॉग्स ट्रेनिंग के प्रस्ताव दिए थे।

इसके तहत 13 कुत्तों की ट्रेनिंग के बदले में हरियाणा सरकार ने ₹29,25,000 की राशि मंजूर की थी।
साथ ही, प्रत्येक कुत्ते के लिए ₹8500 प्रति माह दवा, भोजन और देखरेख के लिए भी निर्धारित किए गए थे।


जनवरी 2021 में जींद जेल को मिले थे डॉग्स, लेकिन…

इन डॉग्स में से एक विशेष कुत्ता ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था लेकिन 15 महीने बीतने के बाद भी न तो उसे वापस भेजा गया और न ही कोई जानकारी दी गई।

कारागार विभाग ने 27 सितंबर 2024 से लेकर अब तक कई बार पत्राचार किया, लेकिन ट्रेनिंग संस्था या कंपनी ने जवाब नहीं दिया।


अब कानूनी कार्रवाई की राह पर प्रशासन

जींद जेल अधीक्षक उपाधीक्षक सुरेंद्र सिंह ने अंततः ESD नेटवर्क इंडिया के निदेशक सिमरत पाल सिद्धू के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के लिए जींद सिविल लाइन थाना में शिकायत दर्ज करवाई।

FIR धारा 314, 316, 318 IPC के तहत दर्ज की गई है, जिसमें धोखाधड़ी, सरकारी धन का दुरुपयोग और विश्वासघात के गंभीर आरोप हैं।


प्रशासन का बयान

“हमने ट्रेनिंग के लिए एक उच्च स्तरीय व्यवस्था की थी लेकिन अब यह मामला धोखाधड़ी का प्रतीत हो रहा है। जेल सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे के लिए खरीदे गए कुत्तों में से एक का इस प्रकार लापता होना चिंताजनक है। जांच जारी है।”
सुरेंद्र सिंह, उपाधीक्षक, जींद जेल


सवाल उठते हैं…

  • क्या ₹2.25 लाख का विदेशी कुत्ता निजी उपयोग में लिया गया?

  • क्या अन्य जेलों में भी इसी तरह की अनियमितताएं हुई हैं?

  • क्या हरियाणा सरकार इस पूरे नेटवर्क की जांच करेगी?

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