हरियाणा के 14 जिलों में अपराध का ग्राफ चढ़ा: 8 महीनों में जबरन वसूली के 275 से ज्यादा केस, STF ने पकड़े 800 से अधिक गैंगस्टर, ₹7.5 करोड़ की रिकवरी
चंडीगढ़ | Sahil Kasoon The Airnews
हरियाणा में जबरन वसूली, फिरौती और संगठित अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते 8 महीनों में प्रदेशभर में जबरन वसूली के 275 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। यह आंकड़े पिछले साल के मुकाबले अधिक हैं, और प्रदेश के 14 जिलों में इस प्रकार के अपराधों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सख्त, पुलिस को दिए कड़े निर्देश
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कानून व्यवस्था को लेकर हाई लेवल बैठक बुलाई और पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि—
“फिरौती या रंगदारी जैसे अपराध किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। पुलिस तुरंत कार्रवाई करे और जनता में सुरक्षा का विश्वास बनाए रखे।”
मुख्यमंत्री ने पुलिस को निर्देशित किया कि अपराधियों के खिलाफ तेज़ और प्रभावी कार्रवाई हो, ताकि आम नागरिकों में डर नहीं, बल्कि भरोसा पैदा हो।
2022-23 में भी बढ़ा था अपराध, लेकिन हुई थी गिरावट
गौरतलब है कि वर्ष 2022-23 के दौरान भी जबरन वसूली और फिरौती जैसे अपराधों में वृद्धि हुई थी। मगर उस समय पुलिस की त्वरित और सक्रिय कार्यप्रणाली के चलते अगले वर्ष यह अपराधों पर काबू पाया गया था। लेकिन अब फिर से ऐसे मामलों में इज़ाफा दर्ज किया जा रहा है, जिस पर एक बार फिर पुलिस गंभीरता से काम कर रही है।
STF की बड़ी कार्रवाई: 800 से अधिक गैंगस्टर पकड़े, ₹7.5 करोड़ की वसूली
हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) अपराधियों के खिलाफ लगातार मोर्चा संभाले हुए है। बीते कुछ महीनों में STF ने:
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800 से अधिक गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया।
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कई गैंगस्टरों को एनकाउंटर में ढेर किया गया।
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1450 से अधिक आपराधिक मामलों को सुलझाया।
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अपराधियों से ₹7.5 करोड़ की रिकवरी की गई।
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2000 से अधिक भगौड़ा आरोपी और
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3200 बेल जंपर्स को गिरफ्तार किया गया।
यह पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जो हरियाणा में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मुख्यमंत्री का संदेश: “जनता का भरोसा ही पुलिस की असली शक्ति”
सीएम नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट किया कि सरकार अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस को हर स्थिति में चौकस और मुस्तैद रहना होगा। आमजन को कानून का भरोसा दिलाना ही सरकार की प्राथमिकता है।




