हरियाणा को दिशाहीन बजट: कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
कैथल, 17 मार्च 2025 –(Sahil Kasoon) हरियाणा विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा पेश किए गए बजट को लेकर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने इस बजट को “झूठ और छल का पुलिंदा” बताते हुए भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह बजट हरियाणा की जनता की उम्मीदों पर प्रहार करने वाला है और इसमें बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं और ग्रामीण इलाकों से जुड़े मुद्दों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।
इस लेख में हम इस बजट की मुख्य बातें, कांग्रेस का रुख, भाजपा सरकार की नीतियां, हरियाणा की जनता की प्रतिक्रियाएं और आगे की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. आदित्य सुरजेवाला का भाजपा सरकार पर हमला
हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कैथल से विधायक आदित्य सुरजेवाला ने बजट को लेकर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यह बजट न सिर्फ दिशाहीन है, बल्कि प्रदेश की जनता के साथ एक और धोखा भी है। उन्होंने कहा:
“इस बजट में बेरोजगारी दूर करने के कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, महंगाई से राहत देने का कोई प्रावधान नहीं है और किसानों के हितों की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। यह बजट सिर्फ भाजपा सरकार की झूठी वाहवाही और चुनावी प्रचार का हिस्सा है।”
आदित्य सुरजेवाला का मानना है कि सरकार सिर्फ गोलमोल आंकड़ों के जरिए जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रही है, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और है।
2. क्या यह बजट जनता की उम्मीदों पर खरा उतरता है?
हरियाणा की जनता को इस बजट से कई उम्मीदें थीं, खासकर जब राज्य में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है और महंगाई लगातार बढ़ रही है। लेकिन सुरजेवाला के अनुसार, यह बजट न सिर्फ जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा, बल्कि सरकार ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप्पी साध ली।
2.1 बेरोजगारी और युवाओं को लेकर क्या कदम उठाए गए?
हरियाणा में युवाओं की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। राज्य में हजारों युवा डिग्री लेकर नौकरी की तलाश में हैं, लेकिन इस बजट में सरकारी भर्तियों या निजी नौकरियों को बढ़ावा देने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई।
सुरजेवाला ने इस पर कहा:
“हरियाणा में बेरोजगारी अपने चरम पर है और सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। नौकरियों के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है, बल्कि युवा सिर्फ सरकार के झूठे वादों का शिकार बनते जा रहे हैं।“
2.2 महंगाई से राहत क्यों नहीं?
देशभर में महंगाई लगातार बढ़ रही है और हरियाणा भी इससे अछूता नहीं है। खाद्य पदार्थों, पेट्रोल-डीजल और रोजमर्रा की जरूरतों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन इस बजट में महंगाई पर कोई ठोस उपाय नहीं किए गए।
2.3 किसानों को क्या मिला?
हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, लेकिन इस बजट में किसानों के लिए कोई खास राहत नहीं दी गई। न एमएसपी पर कोई ठोस फैसला, न ही बिजली सब्सिडी में कोई बढ़ोतरी। सुरजेवाला ने कहा:
“किसानों को राहत देने के बजाय भाजपा सरकार ने उनके लिए मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। एमएसपी को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं, फसलों का उचित दाम नहीं और सरकार की योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित हैं।“
3. भाजपा सरकार का रुख और बजट की मुख्य बातें
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बजट को लेकर कहा कि यह हरियाणा को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और राज्य के समग्र विकास को गति देने वाला बजट है। सरकार के अनुसार, इस बजट में विकास योजनाओं, बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है।
3.1 भाजपा सरकार की मुख्य घोषणाएँ
- बुनियादी ढांचे में निवेश – हाईवे, एक्सप्रेसवे और नई सड़क परियोजनाओं पर फोकस।
- शिक्षा के लिए बजट बढ़ाया – नए स्कूल और कॉलेज खोलने की योजना।
- स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार – नए अस्पतालों और मेडिकल सुविधाओं की घोषणा।
- कृषि क्षेत्र में सुधार – किसानों को डिजिटल सुविधाएं देने पर जोर।
- रोजगार योजनाएं – निजी कंपनियों के साथ साझेदारी करके रोजगार के अवसर बढ़ाने का वादा।
4. जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
हरियाणा की जनता की राय इस बजट को लेकर मिश्रित रही है। जहाँ भाजपा समर्थकों का कहना है कि यह बजट राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत करने वाला है, वहीं कांग्रेस समर्थकों और आम जनता का मानना है कि इसमें बेरोजगारी और महंगाई से राहत देने के लिए कुछ भी नया नहीं है।
4.1 क्या कहते हैं आम लोग?
✔ रोहतक के एक किसान ने कहा:
“हमारे लिए इस बजट में कुछ भी नया नहीं है। सरकार एमएसपी को कानूनी दर्जा देने पर चुप है और फसल बीमा योजना के नाम पर सिर्फ प्रचार कर रही है।”
✔ गुड़गांव के एक युवा नौकरीपेशा व्यक्ति ने कहा:
“बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है, लेकिन सरकार सिर्फ बड़े-बड़े वादे कर रही है। इस बजट में कोई ठोस उपाय नहीं है।”
✔ एक कॉलेज स्टूडेंट ने कहा:
“शिक्षा के नाम पर सिर्फ आंकड़े दिखाए जा रहे हैं, लेकिन असल में युवाओं के लिए कोई मजबूत योजना नहीं है।”