हरियाणा पुलिस के ASI ने रोहतक में सुसाइड किया:मरने से पहले VIDEO बना बोला- करप्शन केस में बदनामी के डर से IPS पूरन ने सुसाइड किया
- सुसाइड नोट देखिए…




हरियाणा में रोहतक के साइबर सैल में तैनात ASI संदीप कुमार ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया है। उनकी डेडबॉडी लाढ़ौत रोड पर खेत में बने मामा के मकान से मिली। मौके से 4 पेज का सुसाइड नोट मिला है। उन्होंने मरने से पहले एक वीडियो बनाया। ASI ने दिवंगत IPS वाई पूरन कुमार और उनके गनमैन सुशील कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उसने वीडियो में कहा- करप्शन केस में बदनामी के डर से IPS पूरन ने सुसाइड किया है। उसे डर था कि परिवार की राजनीति पर असर पड़ेगा। हालांकि, पुलिस ने न तो सुसाइड नोट की पुष्टि की और न ही वीडियो की। 6 अक्टूबर को रोहतक पुलिस ने पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार को शराब कारोबारी से रिश्वत मांगने पर गिरफ्तार किया था। इससे अगले ही दिन 7 अक्टूबर को पूरन कुमार ने चंडीगढ़ में अपनी कोठी पर खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। संदीप कुमार मूल रूप से जींद जिले के जुलाना के वार्ड नंबर 4 का रहने वाले थे। फिलहाल वह रोहतक के लाढ़ौत रोड पर अपने मामा बलवान देशवाल के घर रहते थे। वह पिछले एक साल से रोहतक के साइबर सेल में तैनात थे। रविवार को वह जुलाना अपने घर आए थे। आज सुबह वह ड्यूटी पर नहीं आए तो साथी कर्मचारियों ने उन्हें कॉल किए। दोपहर करीब 2 बजे पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना आई कि संदीप ने आत्महत्या कर ली है। इसके बाद SP रेंद्र भौरिया, ASP प्रतीक अग्रवाल, CIA और सदर थाने की टीमें पहुंचीं। मौके पर साक्ष्य जुटाने के लिए एफएसएल एक्सपर्ट डॉ. सरोज दहिया को भी बुलाया गया।
संदीप का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कह रहा है – “मैं संदीप कुमार आपको एक सच्चाई से अवगत कराना चाहता हूं। सच्चाई की कीमत बहुत बड़ी होती है। भगत सिंह ने भी अपना त्याग किया था। उन्हें अपना जीवन खत्म करना पड़ा, तभी ये देश जागा था। एक भ्रष्ट पुलिस अफसर है, जिसने सदर थाने के एक मर्डर में पैसे लिए। इसने राव इंद्रजीत को बचाने के लिए 50 करोड़ की डील की।” “इनके सामने ईमानदार अफसर नरेंद्र बिजारणिया अड़े रहे। इन्होंने अपनी पोस्टिंग के दौरान हमेशा ईमानदारी से काम किया, भ्रष्टाचारियों को तो छोड़ो, अपनी सैलरी में गुजारा करते थे। इन्होंने पुलिस कर्मचारियों का भला किया। IG जिस दिन पोस्टेड हुए, उन्होंने देखा कि ऑफिस में किस कर्मचारी की क्या जाति है, और उन्हें हटाना शुरू कर दिया। अपने करप्ट आदमी लगाने शुरू कर दिए।” “उन आदमियों को पता था कि किन फाइलों में गलती है, तो उन्होंने लोगों को बुलाकर पैसे मांगने शुरू कर दिए। मेरी बातों में सच्चाई है। इन्होंने वहां पर ऐसा माहौल बना दिया कि वहां कोई भी जाता तो पूरन का गनमैन सुशील पैसे मांगने लग जाता था। तुम लोग न्याय की कुर्सी पर बैठे हो, कैसे पैसे मांग रहे हो? एक व्यापारी पहले ही परेशान है, पहले ही उसे गुंडे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। तुम लोग उसे बुलाकर परेशान कर रहे हो। क्या ये कुर्सी इसलिए मिली है? इसकी पत्नी IAS है, साला विधायक है। न्याय हमेशा जनता करती है। मैं आज सच्चाई बता रहा हूं। जो इनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत दी गई थी, उसी से डरकर उसने सुसाइड किया है। जब हमने सुशील गनमैन को पकड़ा था, रास्ते में उसने बताया था कि एक चीज और रह गई। मैंने एक जगह और से रिश्वत कलेक्ट की थी, वे पैसे गाड़ी के डैशबोर्ड में ही रह गए। धर्मेंद्र ड्राइवर उस गाड़ी को लेकर गया है। धर्मेंद्र और सुशील ही उस गाड़ी में थे। उन्हें इस केस में शामिल होने के लिए नोटिस दिया था। उन्होंने हमें कहा कि अफसर बैठे हैं, 10 मिनट में बाहर आ जाएंगे। हमने कहा कि हमारी ये ड्यूटी है।”आगे तेरे खिलाफ जांच होगी, सच्चाई सामने आएगी। इनमें अहंकार इतना था। जब ये देखा कि पाप का घड़ा भर गया, जब पता लगा कि बदनाम होगा और परिवार की राजनीति पर भी नुकसान होगा, तो इसने अपने परिवार को बचाने के लिए सुसाइड किया। बड़ी-बड़ी जांच चली हैं, औरतें भी जेल में गई हैं। घरवाली को भी डर था कि भ्रष्टाचार केस में न आ जाए। आयोग में बैठकर इनके घरवालों ने भ्रष्टाचार किया। इसकी जांच होनी चाहिए। इन्हें इसका लाइसेंस नहीं मिल रहा। सभी की जांच होनी चाहिए। इसने रिश्वत ली है, ये भ्रष्टाचारी आदमी था। मैं बताता हूं कि जो पैसे सुनारिया से सुशील कुमार ने इसे लाकर दिए हैं, गाड़ी के डैशबोर्ड में थे पैसे। इसकी बेटी ने लिए थे पैसे। इसे पता चल गया था कि वो पैसे की बात सामने आ गई है, इसलिए सुसाइड किया। अब मैं इस बात पर आहुति दे रहा हूं इस चीज पर। हमारी देश की जनता आहुति पर ही जागी है। मैं फक्र महसूस कर रहा हूं कि मैं ईमानदार आदमी था। ऐसी कोई बात नहीं है। हिम्मत है, इसलिए बच्चों को पढ़ा रहा हूं। मैं भ्रष्टाचारी नहीं हूं, मैं भगत सिंह का फैन हूँ। लेकिन आज पब्लिक को जगाने के लिए ये जरूरी हो गया है कि सच्चाई की लड़ाई लड़ रहा हूं। DGP बहुत ईमानदार आदमी है। ये IAS लॉबी ये चाहती है कि ये DGP चले जाएं और हम मलाई खाएं। ये देश का नाश कर रहे हैं। भगत सिंह इसलिए चले गए थे क्या? आज वो लोग जिंदा होते तो उन्हें शर्म आती कि ये जाति का जहर घोल रहे हैं। पूरन कुमार जैसे आदमियों के लिए लड़ गए? जातिगत रंग देने की कोशिश कर रहे हैं ये। एक व्यापारी आदमी को दबाया जा रहा है। उसकी सच्चाई को कोई सामने नहीं लाना चाह रहा। ये उसका संस्कार रोककर पॉलिटिक्स कर रहे हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगा। इसने गलत कर रखा है, फल मिलेगा इन्हें। इसी बात के साथ अलविदा दोस्तों। अगले जन्म में भी आएंगे तो ऐसे ही बनेंगे।”
घटनास्थल के 3 PHOTOS….








