हरियाणा पुलिस ने कबूला- अजीमगढ़ चौकी के बाहर विस्फोटक मिला: आतंकियों ने ली थी ग्रेनेड अटैक की जिम्मेदारी
कैथल – हरियाणा पुलिस ने अब यह स्वीकार किया है कि कैथल जिले के अजीमगढ़ पुलिस चौकी पर हुआ हमला खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) द्वारा किया गया था। हालांकि, पुलिस ने इसे ग्रेनेड अटैक नहीं माना है, लेकिन विस्फोटक पदार्थ मिलने की पुष्टि कर दी है। इस मामले में अब तक ग्रेनेड अटैक की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकियों हैप्पी पासियां, गोपी नवांशहरिया और मन्नू अगवान के खिलाफ थाना गुहला में FIR दर्ज कर ली गई है।
आतंकी संगठन द्वारा जिम्मेदारी लेना
6 अप्रैल को सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद पुलिस ने पहले इस घटना को सिरे से नकारा था। पुलिस ने इसे महज पत्तों में आग लगने का परिणाम बताया था और कहा था कि कुत्तों ने राख को बिखेर दिया। इस बयान से confusion का माहौल पैदा हो गया था। बाद में पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि विस्फोटक पदार्थ का उपयोग हुआ था, हालांकि यह ग्रेनेड से हुआ था या किसी अन्य उपकरण से, इसकी जांच जारी है।
कैसे हुई धमाके की पुष्टि?
सूत्रों के अनुसार, अजीमगढ़ चौकी पर हुए हमले की तीव्रता कम थी, जिससे किसी को नुकसान नहीं हुआ, लेकिन राख फैली थी। इस घटना के बाद आतंकवादियों द्वारा जारी की गई सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। वीडियो में विस्फोट के बाद आग लगते हुए दिखाई दी। पुलिस ने चौकी के अंदर और बाहर की जांच की, जिसमें पाया गया कि विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल हुआ था। जांच में कुछ राख और मिट्टी के नमूने भेजे गए, जिनकी पुष्टि के बाद यह माना गया कि विस्फोटक पदार्थ का उपयोग हुआ था।
BKI की पोस्ट और धमाका
बब्बर खालसा इंटरनेशनल द्वारा फेसबुक पेज पर एक पोस्ट जारी की गई थी, जिसमें धमाके की जिम्मेदारी ली गई थी। इस पोस्ट में कहा गया था कि “आज सुबह करीब 4 बजे जीनगढ़ चौकी (हरियाणा) में जो ग्रेनेड अटैक हुआ है, उसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासियां, गोपी नवांशहरिया और मन्नू अगवान लेते हैं।” आतंकियों ने इस हमले को सरकार द्वारा सिखों के खिलाफ किए गए जुल्म का विरोध बताया।
आतंकियों ने यह भी कहा था कि “जितनी देर सरकार सिखों के खिलाफ जुल्म करने से नहीं हटेगी और उनके परिवारों को परेशान करने से नहीं हटेगी, उतनी देर हमले जारी रहेंगे।”
आतंकवादियों का मकसद और संगठन का इतिहास
बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) एक खालिस्तानी आतंकवादी संगठन है, जो 1978 में बना था। इस संगठन ने कई आतंकवादी हमलों और हत्याओं को अंजाम दिया है, जिसमें सबसे प्रमुख 1985 का एयर इंडिया फ्लाइट-182 विस्फोट था, जिसमें 329 लोग मारे गए थे। वर्तमान में, संगठन का प्रमुख वधावा सिंह बब्बर है, जो पाकिस्तान में छिपा हुआ है। भारत के साथ ही कनाडा, ब्रिटेन और जर्मनी ने BKI को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
कैथल के डीएसपी सुशील प्रकाश ने पुष्टि की है कि इस मामले में अब तक दो आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ग्रेनेड अटैक के पूर्व घटनाएं
यह पहला मामला नहीं है जब पंजाब और हरियाणा में ग्रेनेड अटैक हुआ है। पहले भी कई बार आतंकवादी संगठन द्वारा ग्रेनेड अटैक किए गए हैं। हाल ही में, 11 सितंबर 2024 को चंडीगढ़ में एक ग्रेनेड हमला हुआ था, जिसकी जिम्मेदारी भी हैप्पी पासियां ने ली थी। इसी तरह की घटनाएं पंजाब के अन्य शहरों जैसे अमृतसर, गुरदासपुर और नवांशहर में भी घट चुकी हैं।
आतंकी घटनाओं की पुनरावृत्ति
कैथल जिले के इस घटना से पहले भी पंजाब और हरियाणा में कई आतंकी हमले हुए हैं। 2024 में ही अमृतसर के अजनाला थाने के बाहर RDX रखा गया था, हालांकि यह नहीं फटा। 27 नवंबर 2024 को अमृतसर के गुरबख्श नगर में एक बंद पुलिस चौकी में ग्रेनेड विस्फोट हुआ था। इसी तरह की घटनाएं नवंबर और दिसंबर 2024 में भी हुईं।
आगे की राह
कैथल पुलिस और अन्य एजेंसियां इस मामले की गहन जांच कर रही हैं, और आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी कर रही हैं। पुलिस ने दोनों पक्षों से दस्तावेज मांगे हैं, और जांच के आधार पर आगामी कदम उठाए जाएंगे।
कैथल जिले में बढ़ते आतंकवादी हमलों से राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ा चुनौती साबित हो सकता है, और यह महत्वपूर्ण है कि पुलिस जल्दी और प्रभावी तरीके से आतंकियों को पकड़े और ऐसे हमलों को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करें।