हरियाणा में अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में 20% आरक्षण: अमित शाह ने मंगाई पॉलिसी की कॉपी, जल्द लौटेगा पहला बैच

हरियाणा में अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में 20% आरक्षण: अमित शाह ने मंगाई पॉलिसी की कॉपी, जल्द लौटेगा पहला बैच
5 April 2025 | Source: The Air News | Report: Yash
हरियाणा में सेवा देकर लौटने वाले अग्निवीरों को अब राज्य पुलिस में भर्ती के दौरान 20% आरक्षण मिलेगा। यह फैसला देश के गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय का प्रतीक माना जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस विषय में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक सिफारिशी पत्र भेजा है, जिसमें हरियाणा सरकार की नीति की कॉपी भी मांगी गई है। यह कदम न केवल अग्निवीरों को सिविल सेवाओं में बेहतर अवसर देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है, बल्कि यह उनके भविष्य को सुरक्षित करने का भी माध्यम बन रहा है।
क्या है अग्निपथ योजना और अग्निवीरों की भूमिका?
अग्निपथ योजना केंद्र सरकार द्वारा 2022 में शुरू की गई थी, जिसके तहत युवाओं को 4 वर्षों के लिए सेना में सेवा देने का अवसर मिलता है। इन युवा सैनिकों को “अग्निवीर” कहा जाता है। चार साल की सेवा के बाद इनमें से 25% को सेना में स्थायी रूप से रखा जाता है, जबकि बाकी 75% को नागरिक जीवन में अन्य अवसरों के लिए तैयार किया जाता है।
सरकार का उद्देश्य था कि ये अग्निवीर, सैन्य प्रशिक्षण और अनुशासन के साथ लौटकर समाज में सेवा करें और राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें। अब हरियाणा सरकार ने उन्हें पुलिस में शामिल करने का रास्ता खोल दिया है, जो इस योजना को और अधिक प्रभावी बना सकता है।
अमित शाह का हस्तक्षेप और नीति की मांग
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर अग्निवीरों को 20% आरक्षण देने की राज्य सरकार की नीति को जल्द सार्वजनिक करने को कहा है। साथ ही उन्होंने नीति की कॉपी गृह मंत्रालय को भेजने की मांग की है ताकि अन्य राज्य भी इससे प्रेरणा ले सकें और इसी तरह की व्यवस्था अपने यहां लागू कर सकें।
यह कदम अग्निवीरों को स्थायी रोजगार देने की दिशा में बड़ा और सराहनीय माना जा रहा है। केंद्रीय बलों में 25% अग्निवीरों की नियुक्ति पहले से ही निर्धारित है, और अब राज्य सरकारें भी उन्हें मौका देने के लिए नीति बना रही हैं।
पहला बैच जल्द लौटेगा
जानकारी के अनुसार, अग्निपथ योजना के तहत चयनित पहले बैच के अग्निवीर जल्द ही अपनी 4 साल की सेवा पूरी करके वापस लौटेंगे। ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि राज्य सरकारें उनके लिए नागरिक सेवाओं में रोजगार के द्वार खोलें। हरियाणा सरकार की यह नीति अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है।
राज्य सरकार का दावा है कि पुलिस विभाग में ऐसे अग्निवीरों की भर्ती से विभाग को अनुशासित, प्रशिक्षित और फिट जवान मिलेंगे जो पहले से ही कठिन परिस्थितियों में काम करने के आदी हैं। इससे न केवल कानून व्यवस्था में मजबूती आएगी, बल्कि युवाओं को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
हरियाणा सरकार की पहल: युवा सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम
हरियाणा सरकार लगातार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए काम कर रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का मानना है कि अग्निवीरों को राज्य पुलिस में शामिल करना न केवल युवाओं का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि समाज को भी बेहतर सुरक्षा सेवाएं मिलेंगी। यह पहल युवाओं को राष्ट्र सेवा के साथ-साथ नागरिक सेवा में भी योगदान देने के लिए प्रेरित करेगी।
पुलिस विभाग में अग्निवीरों की भर्ती के लिए अलग से नियमावली तैयार की जा रही है जिसमें उनकी सेवा अवधि, शारीरिक दक्षता, प्रशिक्षण अनुभव आदि को ध्यान में रखते हुए चयन प्रक्रिया बनाई जाएगी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
हालांकि, इस कदम पर विपक्षी दलों ने सवाल भी उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने पूछा है कि जब अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं ने विरोध किया था, तब केंद्र सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी। अब उन्हीं अग्निवीरों को रोजगार देने की नीति क्यों बनाई जा रही है? विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस योजना को लेकर पहले से स्पष्ट नहीं थी और अब अस्थायी कदमों से युवाओं का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही है।
लेकिन सरकार का कहना है कि अग्निपथ योजना का उद्देश्य ही था कि युवाओं को सेना की ट्रेनिंग के बाद देश के अन्य क्षेत्रों में सेवा देने का अवसर मिले।
सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
कई पूर्व सैनिक संगठनों और सामाजिक संस्थाओं ने इस फैसले की सराहना की है। उनका मानना है कि सेना से लौटने के बाद यदि अग्निवीरों को पुलिस जैसी सेवाओं में स्थान मिलता है तो इससे उनकी मेहनत का सम्मान होगा और उन्हें स्थायी रोजगार की दिशा में मदद मिलेगी।
भविष्य की योजना और संभावनाएं
हरियाणा सरकार के इस कदम के बाद संभावना है कि अन्य राज्य भी अपने-अपने स्तर पर अग्निवीरों के लिए ऐसी नीतियां बनाएंगे। केंद्र सरकार पहले ही सभी केंद्रीय बलों में 25% अग्निवीरों की नियुक्ति का एलान कर चुकी है। अब राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।
अग्निवीरों की वापसी के बाद यदि उन्हें नौकरी और सम्मानजनक जीवन मिल सके, तो इससे न केवल उनके जीवन में स्थिरता आएगी, बल्कि समाज को भी बेहतर प्रशिक्षित और अनुशासित कार्यबल मिलेगा।




