हरियाणा में धान पर नई MSP का ऐलान:पिछले साल से 69 रुपए ज्यादा मिलेंगे, 4 दिन बाद सरकार शुरू कर सकती है
धान की फसल के लिए केंद्र सरकार ने नए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद अब हरियाणा के किसान सामान्य धान 2369 रुपए और ग्रेड-ए धान 2389 रुपए प्रति क्विंटल बेच सकेंगे। यह पिछले साल की तुलना में 69 रुपए ज्यादा है।
वहीं, दूसरी ओर धान की खरीद अभी तक शुरू नहीं हो पाई है, जिसके कारण करनाल और कैथल में किसान धरना दे रहे हैं। तीन दिन पहले ही सीएम नायब सैनी ने दिल्ली में खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रह्लाद जोशी से भी मुलाकात की थी। सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग में धान खरीद से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। जिसके बाद अब 23 सितंबर से सरकार धान खरीद शुरू कर सकती है।
वहीं, राज्य सरकार नई मिलिंग पॉलिसी 2025-26 को पहले ही मंजूरी दे चुकी है, जिसके तहत राइस मिलरों को अब रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह व्यवस्था धान के सुचारू उठान के लिए की गई है।

पिछले साल ये रेट था खरीफ विपणन सत्र 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने धान (सामान्य) के लिए 2300 रुपए प्रति क्विंटल और धान (ग्रेड-ए) के लिए 2320 रुपए प्रति क्विंटल की MSP तय की थी। यह पिछले साल की तुलना में अधिक है।
प्रदेश सरकार ने मिलिंग पॉलिसी को मंजूरी दी राज्य सरकार ने गुरुवार को ही धान खरीद को मिलिंग नीति 2025-26 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत यदि ठेकेदार समय पर धान का उठान नहीं करता है, तो राइस मिलर्स धान उठा सकेंगे। इसमें जो भी खर्च होगा, उसका भुगतान हरियाणा सरकार करेगी। यह कदम धान की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए उठाया गया है। हालांकि कस्टम मिलर राइस (CMR) की कीमतें अभी तक तय नहीं की गई हैं। राज्य सरकार का कहना है कि CMR की कीमतें भारत सरकार से प्राप्त नहीं हुई हैं। भारत सरकार से प्राप्त होने पर इसे प्रसारित किया जाएगा।
23 सितंबर से खरीद शुरू हो सकती है पॉलिसी के मुताबिक धान की खरीद 1 अक्टूबर से 15 नवंबर 2025 तक होगी। हालांकि राज्य सरकार ने पहले खरीद की अनुमति केंद्र सरकार से मांगी हुई है। जिसके बाद अब 22 या 23 सितंबर से धान की खरीद शुरू की जा सकती है। नीति में उल्लेख किया गया है कि कृषि विभाग के पूर्व अनुमानों के अनुसार हरियाणा की मंडियों और खरीद केंद्रों में लगभग 84 लाख मीट्रिक टन धान की आवक होगी।
खरीद एजेंसियों की खरीद में हिस्सेदारी लगभग 54 लाख मीट्रिक टन होगी। खरीफ विपणन सत्र 2025-26 दौरान खरीद एजेंसियां केंद्रीय पूल में लगभग 36 लाख मीट्रिक टन कस्टम मिल राइस का योगदान देंगी।




