हरियाणा में पटवारी और कानूनगो को हर दिन 10 से 12 बजे तक बैठना अनिवार्य: सरकार का बड़ा प्रशासनिक फैसला

हरियाणा में पटवारी और कानूनगो को हर दिन 10 से 12 बजे तक बैठना अनिवार्य: सरकार का बड़ा प्रशासनिक फैसला
स्रोत: The Airnews
संपादन: Yash
हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण और आमजन से जुड़ा प्रशासनिक आदेश जारी किया है, जिसके अंतर्गत अब प्रदेश भर के सभी पटवारी और कानूनगो को हर कार्यदिवस पर सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक अपने कार्यालय में अनिवार्य रूप से मौजूद रहना होगा। इस निर्णय का उद्देश्य आम नागरिकों को राजस्व संबंधित सेवाएं सुलभ और समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराना है।
आदेश का औपचारिक ऐलान और प्रभावी तिथि
फाइनेंशियल कमिश्नर (राजस्व) और मुख्य सचिव ने इस आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश हरियाणा के 22 जिलों में एक साथ लागू होगा और सभी जिलों के उपायुक्तों को इसकी सख्ती से निगरानी करने को कहा गया है।
कार्यालय उपस्थिति का समय निर्धारित: पारदर्शिता की ओर कदम
सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक सभी पटवारी और कानूनगो को अपने-अपने कार्यालयों में मौजूद रहना होगा। इस अवधि में वे नागरिकों की शिकायतों, भूमि अभिलेखों की जानकारी, और अन्य राजस्व संबंधी कार्यों के लिए उपलब्ध रहेंगे। यह समय विशेष रूप से आम लोगों से संवाद और कार्य निष्पादन के लिए निर्धारित किया गया है।
सीट छोड़ने पर करना होगा रोजनामचा में उल्लेख
यदि कोई पटवारी या कानूनगो विशेष परिस्थिति जैसे फील्ड वर्क, पैमाइश, या अदालत में पेशी के कारण सीट छोड़ता है, तो उसे अपने कार्यालय के रोजनामचा में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना अनिवार्य होगा। यह कदम भी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
डिप्टी कमिश्नर की निगरानी और कार्रवाई के अधिकार
राज्य सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को अधिकृत किया है कि वे इस आदेश की अनुपालना की निगरानी करें और किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित अधिकारी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करें। इससे स्पष्ट है कि सरकार इस आदेश को लेकर पूरी तरह गंभीर है।
जनता को कैसे मिलेगा लाभ?
- समय पर सेवा: नागरिकों को अब यह निश्चित रहेगा कि उन्हें सुबह 10 से 12 बजे के बीच पटवारी या कानूनगो से भेंट और सहायता मिलेगी।
- कम होंगे अनावश्यक चक्कर: पहले लोग कई बार कार्यालय जाकर भी संबंधित अधिकारी से नहीं मिल पाते थे।
- प्रक्रिया होगी पारदर्शी: स्पष्ट रोजनामचा एंट्री से विभागीय जांच में सहूलियत होगी।
- भरोसे में इजाफा: आम जनता और प्रशासन के बीच विश्वास बढ़ेगा।
भिवानी जिले का उदाहरण: लगभग 100 अधिकारी होंगे प्रभावित
केवल भिवानी जिले में ही लगभग 100 पटवारी और कानूनगो कार्यरत हैं। पूरे हरियाणा में यह संख्या लगभग 1450 है। यह आदेश सभी पर लागू होगा और प्रत्येक को इसका अनुपालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
आदेश से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- आदेश सोमवार से प्रभावी हो चुका है।
- सभी कार्यालयों में इस संबंध में बोर्ड लगाए जाएंगे।
- नागरिकों को इस समय का प्रचार-प्रसार कर जानकारी दी जाएगी।
- फील्ड वर्क या किसी विशेष कार्य के लिए रोजनामचा में एंट्री के बाद ही अनुपस्थिति स्वीकार होगी।
सरकारी तंत्र की छवि सुधारने की दिशा में कदम
यह आदेश सरकारी तंत्र की छवि को सुधारने की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। लंबे समय से जनता द्वारा यह शिकायत की जाती रही है कि पटवारी और कानूनगो आसानी से उपलब्ध नहीं होते, जिससे उनके कार्य अधूरे रह जाते हैं। अब निश्चित समय में उपस्थिति अनिवार्य कर इस समस्या का स्थायी समाधान लाया जा रहा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और सामाजिक असर
प्रदेश में इस फैसले की सराहना हो रही है। विपक्ष ने इसे देर से लिया गया लेकिन सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है। सामाजिक संगठनों और किसान यूनियनों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, क्योंकि इससे सीधे तौर पर ग्रामीण और कृषि आधारित समाज को लाभ होगा।




