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Saturday, November 8, 2025

हरियाणा में मंत्री के सामने गिड़गिड़ाई रेप पीड़िता:बोली- पुलिस-डॉक्टरों ने रिश्वत लेकर मामला दबाया, नरबीर ने अनसुना कर बाहर निकलवाया

हरियाणा ( Sahil Kasooon)  नूंह जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले ने प्रशासनिक प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़िता और उसके पिता ने आरोप लगाया है कि पुलिस और डॉक्टरों ने रिश्वत लेकर मामले को दबाने का प्रयास किया। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब कष्ट निवारण समिति की बैठक में, जिसकी अध्यक्षता मंत्री राव नरबीर सिंह कर रहे थे, उनकी शिकायत को अनसुना कर उन्हें बाहर निकाल दिया गया।

घटना का विवरण

14 अक्टूबर 2024 को, पिनगवां थाना क्षेत्र के एक गांव में, नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। पीड़िता के पिता के अनुसार, जब वे पुलिस थाने पहुंचे, तो पुलिस ने मामला दर्ज किया, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी में लापरवाही बरती। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मेडिकल रिपोर्ट में हेरफेर की गई और पुलिस ने उन पर समझौता करने का दबाव डाला।

कष्ट निवारण समिति की बैठक में घटनाक्रम

दिसंबर महीने में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में, पीड़िता और उसके पिता ने मंत्री राव नरबीर सिंह के सामने अपनी शिकायत रखी। उन्होंने पुलिस अधिकारियों और डॉक्टरों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया। हालांकि, मंत्री ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया और उन्हें बैठक से बाहर निकलवा दिया। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पिता-पुत्री को न्याय की गुहार लगाते हुए देखा जा सकता है।

पुलिस और डॉक्टरों पर आरोप

पीड़िता के पिता का आरोप है कि पुलिस और डॉक्टरों ने आरोपियों से रिश्वत लेकर मेडिकल रिपोर्ट में हेरफेर किया, जिससे दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो सकी। इसके अलावा, पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाय, पीड़िता के परिवार पर समझौता करने का दबाव डाला।

न्याय की तलाश में संघर्ष

पीड़िता और उसके पिता छह महीने से न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन से निराश होकर, उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की गुहार लगाने का निर्णय लिया है।

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