loader image
Friday, November 7, 2025

हरियाणा में मानसून से पहले नालों और नहरों की सफाई सुनिश्चित करें: उपायुक्त नेहा सिंह

हरियाणा में मानसून से पहले नालों और नहरों की सफाई सुनिश्चित करें: उपायुक्त नेहा सिंह

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले की उपायुक्त नेहा सिंह ने आगामी मानसून के मौसम में जिले में जलभराव रोकने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि नालों की सफाई और नहरों की डिसिल्टिंग कार्य समय से पूरे किए जाएं, ताकि मानसून के दौरान किसी प्रकार की जलभराव की समस्या का सामना न करना पड़े। उपायुक्त ने विशेष ध्यान इस बात पर दिया कि बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं की निरंतर समीक्षा की जाए और किसी भी प्रकार की देरी या कमी को तुरंत दूर किया जाए।

उपायुक्त ने कहा, “बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करना हमारी प्राथमिकता है। यदि परियोजना में कोई कमी पाई जाती है या इसमें देरी होती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

जलभराव रोकने के लिए किए गए दिशा-निर्देश

उपायुक्त ने अपने निर्देशों में जलभराव और बाढ़ से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय सुझाए। उन्होंने कहा कि जिले में स्टोन स्टड, स्टोन स्टीनिंग, नालों की रीमॉडलिंग, स्थायी पंप हाउसों का निर्माण और निचले इलाकों में पाइपलाइन बिछाने के कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी नदी के तटबंध गांवों की ओर स्थित हैं, तो उन तटबंधों को मजबूत करने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन तटबंधों में कोई भी कमजोर स्थान न हो जो भविष्य में बाढ़ के दौरान समस्याएं पैदा कर सके।

सीवेज और प्रदूषित पानी की रोकथाम

उपायुक्त नेहा सिंह ने विशेष रूप से सरस्वती नदी का उल्लेख करते हुए कहा कि नदी में सीवेज का पानी या कोई प्रदूषित नाला नहीं गिरना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि सरस्वती नदी को साफ रखा जाए। इसके लिए हमें सीवेज के पानी के बहाव के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।”

उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करें, ताकि प्रदूषित पानी को सरस्वती नदी में जाने से रोका जा सके। यह कदम न केवल नदी की सफाई के लिए आवश्यक है, बल्कि यह जल गुणवत्ता को भी बनाए रखेगा और आसपास के इलाकों में प्रदूषण को कम करेगा।

सिंचाई और जल आपूर्ति का समान वितरण

उपायुक्त ने अधिकारियों से कहा कि जिले में सिंचाई के लिए उपलब्ध पानी का समान वितरण सुनिश्चित किया जाए। इससे किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी और वे अपनी फसलों की उचित सिंचाई कर सकेंगे। उन्होंने कहा, “हमारे प्रयासों का मुख्य उद्देश्य है कि हर किसान को सिंचाई के पानी के लिए संघर्ष न करना पड़े, और इसके लिए जल के स्रोतों का समुचित प्रबंधन किया जाए।”

इसके अलावा, उपायुक्त ने आगामी गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति की स्थिति पर भी जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पेयजल आपूर्ति की कोई कमी नहीं होनी चाहिए और इसके लिए जलाशयों की सफाई, रॉ वाटर की आपूर्ति और टैंकर्स की आवश्यक संख्या को सुनिश्चित किया जाए।

किसानों को फसल विविधीकरण के लिए जागरूक करना

उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि जिले के किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं। उनका उद्देश्य यह था कि किसान धान जैसी पानी की अधिक खपत वाली फसलों की बजाय अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करें। इससे न केवल पानी की बचत होगी, बल्कि फसल विविधीकरण से किसानों को अधिक लाभ भी होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!