हरियाणा BJP अध्यक्ष बड़ौली-मित्तल केस की रिवीजन पिटीशन मंजूर: पीड़िता को राहत, अब कसौली कोर्ट करेगा फैसला
सोलन | Sahil Kasoon The Airnews –हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और गायक रॉकी मित्तल पर गैंगरेप के आरोप लगाने वाली महिला को बड़ी राहत मिली है। सोलन सेशन कोर्ट ने पीड़िता की ओर से दायर रिवीजन पिटीशन को मंजूरी दे दी है। अब यह केस पुनः कसौली कोर्ट में खुलेगा, और वहीं पर यह तय होगा कि बड़ौली और मित्तल पर केस चलेगा या उन्हें क्लीन चिट दी जाएगी।
कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट पर दोबारा सुनवाई के आदेश दिए
एडवोकेट नीरज गाजटा ने जानकारी दी कि कसौली कोर्ट में पीड़िता को 30 जुलाई को पेश होकर अपने ऑब्जेक्शन दर्ज कराने होंगे। इसके बाद पीड़िता के बयान और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट तय करेगा कि FIR के तहत आगे ट्रायल चलेगा या नहीं।
इससे पहले, कसौली पुलिस ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर कर केस बंद करने की सिफारिश की थी, जिसे 12 मार्च को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।
क्या है मामला?
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13 दिसंबर 2024 को पीड़िता ने बड़ौली और रॉकी मित्तल पर IPC 376D (गैंगरेप) के तहत FIR दर्ज कराई थी।
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आरोप था कि 23 जुलाई 2024 को कसौली के होटल रोज कॉमन में पीड़िता के साथ जबरन शराब पिलाकर गैंगरेप किया गया।
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पीड़िता के मुताबिक, वह अपनी सहेली और बॉस अमित बिंदल के साथ कसौली घूमने आई थी।
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आरोप है कि आरोपियों ने बाद में पंचकूला बुलाकर धमकाया और झूठे केस में फंसाने की कोशिश की।
पुलिस जांच में क्या निकला?
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कसौली पुलिस को इस केस में कोई ठोस भौतिक साक्ष्य नहीं मिले।
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पीड़िता ने मेडिकल जांच कराने से इनकार कर दिया था।
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एफआईआर दर्ज होने में भी महीनों की देरी हुई, जिससे CCTV फुटेज, बेडशीट, शराब के गिलास जैसे फॉरेंसिक सबूत नहीं जुट पाए।
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होटल कर्मचारियों ने भी ज्यादा जानकारी नहीं दी।
अब क्या होगा?
रिवीजन पिटीशन स्वीकार होने के बाद कसौली कोर्ट में 30 जुलाई को सुनवाई होगी। पीड़िता के बयान और दिए गए साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट यह तय करेगा कि मामले में आरोपियों के खिलाफ ट्रायल शुरू होगा या नहीं।





