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Saturday, November 8, 2025

हरियाणा IPS सुसाइड केस- DGP समेत 14 अफसरों पर FIR:IAS पत्नी की चंडीगढ़ SSP से हॉट टॉक, पूछा- इनके नाम आरोपियों के कॉलम में क्यों नहीं


हरियाणा में पहली बार DGP समेत 14 सीनियर अफसरों पर FIR हुई है।

हरियाणा के सीनियर IPS अफसर पूरन कुमार के सुसाइड केस में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया सहित 14 अफसरों पर गुरुवार देर रात एफआईआर दर्ज कर ली गई। चंडीगढ़ पुलिस की ओर से सुसाइड नोट को आधार बनाते हुए सेक्टर-11 थाने में 156 नंबर FIR भारत न्याय संहिता (BNS) की धारा 108, 3(5) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(r) के तहत दर्ज की गई है।

इसमें खास बात ये है कि गुरुवार तक पूरन कुमार के परिवार की ओर से 15 अफसरों पर आरोप लगाए गए थे। इनमें मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी का नाम भी शामिल था। लेकिन, जो एफआईआर में उनका नाम नहीं है। हरियाणा के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी मामले में डीजीपी सहित 14 पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर रिपोर्ट दर्ज हुई है।

वहीं IPS पूरन की IAS पत्नी अमनीत पी. कुमार ने इस FIR पर एतराज जताए हैं। उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस को एप्लिकेशन देकर कहा कि FIR में आरोपी अफसरों के नाम अलग से कॉलम में नहीं लिखे गए हैं। FIR को फिक्स फॉर्मेट में लिखा जाए। इसको लेकर उनकी चंडीगढ़ की SSP कंवरदीप कौर से हॉट टॉक भी हुई है। अभी IPS अफसर के पोस्टमॉर्टम पर भी संशय बना हुआ है। दलित संगठन भी DGP और SSP रोहतक की मांग कर रहे हैं।

SC वर्ग के IAS-IPS अफसर खुलकर पूरन के परिवार के साथ इस बीच हरियाणा ब्यूरोक्रेसी में शामिल SC वर्ग के IAS-IPS और HCS अफसर खुलकर पूरन कुमार के परिवार के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि पूरन कुमार को रोहतक रेंज के IG जैसी मेन पोस्टिंग मिलने से कई बड़े अफसर नाराज थे और उन्हें किसी भी कीमत पर डाउन करना चाहते थे। यही अफसर पूरन कुमार को लंबे अरसे से प्रताड़ित कर रहे थे और सीनियॉरिटी को नजरअंदाज कर उन्हें खुड्डेलाइन पोस्टिंग दी जा रही थीं।

कांग्रेस sc सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र गौतम और अन्य नेता आईपीएस के घर पहुंचे।
कांग्रेस sc सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र गौतम और अन्य नेता आईपीएस के घर पहुंचे।

एक वरिष्ठ IAS अफसर नेबातचीत में नाम न छापने की शर्त पर कहा- SC कम्युनिटी से आने वाले वरिष्ठ IPS अफसर पूरन कुमार को लंबे अरसे से प्रताड़ित किया जा रहा था। उनकी सीनियॉरिटी को नजरअंदाज करके नॉन कैडर वाली पोस्टिंग दी जा रही थीं। उन्हें मार्च-2023 में आईजी होमगार्ड की जिम्मेदारी दी गई। पूरन कुमार ने अक्टूबर 2023 में चीफ सेक्रेटरी से शिकायत भी की थी कि उन्हें नॉन कैडर-नॉन एग्जिस्टिंग पोस्ट पर लगाया जा रहा है।

इसके 9 महीने बाद, नवंबर 2023 में हुए प्रशासनिक फेरबदल में पूरन कुमार को IG (टेलीकम्युनिकेशन) की जिम्मेदारी दी गई। हालांकि ये कैडर पोस्ट थी, लेकिन पुलिस महकमे में इसे मेन स्ट्रीम का पद नहीं माना जाता।

वरिष्ठ IAS अफसर के मुताबिक, अप्रैल–2025 में जब पूरन कुमार किसी तरह अपने बूते रोहतक रेंज के IG की मेन स्ट्रीम वाली पोस्टिंग पाने में कामयाब हो गए तो राज्य के कई बड़े अफसरों की भौंहे तन गईं। ये अफसर किसी भी कीमत पर पूरन कुमार को डाउन करना चाहते थे।

5 महीने बाद 29 सितंबर 2025 में पूरन कुमार को रोहतक रेंज के IG पद से हटाकर सुनारिया में बने पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज भेज दिया गया। वहां ड्यूटी जॉइन करने के बाद पूरन कुमार दो अक्टूबर को पांच दिन की छुट्टी पर चले गए। 8 अक्टूबर को उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करनी थी लेकिन उससे एक दिन पहले, 7 अक्टूबर को उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपनी कोठी में खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया।

7 अक्टूबर को इसी सोफे पर बैठकर आईपीएस वाई पूरन कुमार ने सुसाइड किया था। इनसेट में पूरन कुमार और उनकी पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार की फाइल फोटो।
7 अक्टूबर को इसी सोफे पर बैठकर आईपीएस वाई पूरन कुमार ने सुसाइड किया था। इनसेट में पूरन कुमार और उनकी पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार की फाइल फोटो।

एससी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ IAS अफसर के मुताबिक, रोहतक रेंज के IG बन जाने वाले पूरन कुमार को नीचा दिखाने के मकसद से ही एक शराब कारोबारी की शिकायत पर रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में उस जूनियर अफसर से FIR दर्ज कराई गई जो कुछ दिन पहले तक वहां पूरन कुमार को सैल्यूट करता था।

बेशक इस FIR में पूरन कुमार के गनमैन सुशील को नामजद किया गया लेकिन असल मंशा पूरन कुमार को फंसाने की थी। इसी वजह से FIR में नौ बार उनका, IG रोहतक और IG ऑफिस का जिक्र किया गया।

यही नहीं, नियम ये है कि यदि ADGP लेवल के किसी अफसर की करप्शन की शिकायत हो तो उसकी जांच DG लेवल का अधिकारी ही कर सकता है, लेकिन रोहतक में दर्ज FIR के मामले में ऐसा नहीं हुआ।

एससी वर्ग से जुड़े तमाम अफसरों और समाज के लोगों ने दिवंगत पूरन कुमार के परिवार को पूरा समर्थन दिया है। साथ ही कहा कि इस केस को दो चरणों में देखना चाहिए। पहला– मौजूदा डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया पर तुरंत FIR कर उनकी अरेस्ट व सस्पेंशन हो। दूसरा– सुसाइड नोट में जिन अफसरों पर जातीय आधार पर उत्पीड़न के आरोप हैं, उनकी निष्पक्ष जांच करवाई जाए। CBI जांच की मांग भी हो सकती है।

पूरन कुमार की पत्नी और हरियाणा की सीनियर IAS अफसर अमनीत पी कुमार ने बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस के सेक्टर-11 थाने में शिकायत दी। इसमें डीजीपी और रोहतक एसपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। गुरुवार को जब CM नायब सैनी उनके आवास पर शोक जताने पहुंचे तो अमनीत पी कुमार ने दूसरी रिप्रेजेंटेशन दी।

इसमें मांग की गई कि उनके पति के सुसाइड नोट में जितने अफसरों के नाम हैं, उन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके सबकी अरेस्ट हो। सुसाइड नोट में 15 मौजूदा या रिटायर्ड IAS-IPS अफसरों के नाम हैं।

आईपीएस वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को इसी मकान में सुसाइड किया था।
आईपीएस वाई पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को इसी मकान में सुसाइड किया था।

 इस बीच चंडीगढ़ पुलिस ने गुरुवार देर रात तकरीबन साढ़े 10 बजे इस मामले में FIR दर्ज कर ली। इस FIR में उन सभी को आरोपी बनाया गया है जिनके नाम पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में लिखे थे। उन्होंने सुसाइड नोट में हरियाणा के 15 IAS-IPS अफसरों के नाम लिखे थे।

 गुरुवार को हरियाणा सीएम नायब सैनी पूरन कुमार की पत्नी और आईएएस अफसर अमनीत पी. कुमार से मिलने उनके सरकारी आवास पर पहुंचे। अमनीत पी. कुमार ने CM को 2 पेज की शिकायत सौंपी। उन्होंने सीएम से यहां तक कह दिया कि ये सुसाइड नहीं, एक तरह से मर्डर का केस है।

सूत्रों के मुताबिक DGP शत्रुजीत कूपर को जबरन छुट्टी और रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया को हटाने के लिए सरकार कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इसको लेकर चंडीगढ़ सीएम आवास पर हाई लेवल मीटिंग भी हुई।

गुरुवार को चंडीगढ़ पहुंचते ही सीएम सैनी ने DGP शत्रुजीत कपूर से एयरपोर्ट पर ही मुलाकात की। CM ने उनसे पूरी रिपोर्ट ली। CM से पहले हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी और गृह सचिव सुमिता मिश्रा सेक्टर-24 में अमनीत पी. कुमार के सरकारी आवास पर पहुंचे। इसके साथ कैबिनेट मंत्री कृष्ण पंवार और कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल भी अमनीत से मुलाकात करने पहुंचे।

अमनीत पी. कुमार ने बुधवार शाम को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 थाने में हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया के खिलाफ शिकायत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि DGP और SP ने उनके पति का उत्पीड़न किया, जातिगत भेदभाव किया और उन्हें प्रताड़ित किया। SC/ST समुदाय से होने के कारण उन्हें जातिसूचक गालियां दी गईं और सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया।

संविधान विशेषज्ञ व सुप्रीम कोर्ट के बकौल विराम गुप्ता ने बताया कि सरकारी कर्मचारी पर केस दर्ज करने पर रोक नहीं है, लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट में मुकदमा शुरू होने से पहले सक्षम अधिकारी या सरकार की अनुमति की जरूरत पड़ सकती है। अगर अभियोजन को बुलाने की अनुमति नहीं दी जाए तो इस आधार पर केस भी खारिज हो सकता है। प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत भी जांच के लिए भी अनुमति जरूरी है।

केस केंद्रशासित चंडीगढ़ में दर्ज हुआ है। जिन अफसरों पर आरोप है, वे हरियाणा कैडर के हैं। ऐसे में सरकार की ओर से जांच पूरी होने के बाद ही एक्शन लेने की संभावना है। एकसाथ बड़ी संख्या में अफसरों पर केस दर्ज हुआ है. इसे देखते हुए भी यह फैसला तत्काल लेना मुश्किल लग रहा है।आईपीएस पूरन कुमार के सुसाइड केस में अब 14 पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके बाद परिवार ने उनके शव को पोस्टमॉर्टम कराने की अनुमति दे दी है। इसके लिए पीजीआई के डॉक्टरों का पैनल भी गठित किया जाएगा। संभावना है कि आज पोस्टमॉर्टम के बाद आईपीएस के शव को अंतिम किया जा सकता है।

हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड के तीसरे दिन, गुरुवार देर शाम को चंडीगढ़ पुलिस ने FIR दर्ज कर ली। सेक्टर-11 थाने में 156 नंबर ये FIR भारत न्याय संहिता (BNS) की धारा 108, 3(5) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(r) के तहत दर्ज की गई है। सुसाइड नोट को आधार मानते हुए ही आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज किया गया है। (पूरी खबर पढ़ें)

Sahil Kasoon

The Air News (Writer/Editer)

Sahil Kasoon

The Air News (Writer/Editer)

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