
हिसार नगर निगम का नया बजट: आमदनी 248 करोड़, खर्च 365 करोड़; घाटा बढ़ा, लेकिन उम्मीदें भी बढ़ीं
The Airnews | हिसार | 9 अप्रैल 2025
हिसार नगर निगम की बजट बैठक बुधवार को निगम सभागार में आयोजित की गई। मेयर प्रवीण पोपली की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत किया गया, जिसमें आमदनी और खर्च के बीच भारी अंतर सामने आया। इस बार नगर निगम ने करीब 365 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया है, जबकि उसकी कुल आमदनी वर्ष 2024 में महज 248 करोड़ रुपए रही। इस प्रकार 117 करोड़ रुपए का घाटा नगर निगम की वित्तीय सेहत पर सवाल खड़े करता है।
बजट में पिछली बार की तुलना में 57 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार का बजट 57 करोड़ रुपए अधिक है। इससे यह स्पष्ट होता है कि नगर निगम अपनी परियोजनाओं और विकास योजनाओं के लिए पहले से अधिक धनराशि खर्च करने की योजना बना रहा है। लेकिन इस खर्च के पीछे पर्याप्त आमदनी का न होना चिंता का विषय है। बजट पास होने के बाद इसे शहरी स्थानीय निकाय विभाग हरियाणा के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
बजट घाटे की स्थिति बनी रही
हिसार नगर निगम की आमदनी और खर्च के आंकड़े देखकर यह साफ है कि निगम को हर साल घाटे में ही काम करना पड़ रहा है। इस बार 248 करोड़ रुपए की आमदनी के मुकाबले 365 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया गया है, जिससे साफ है कि नगर निगम को अपने संसाधनों की पुनर्समीक्षा करनी होगी। यदि आमदनी नहीं बढ़ती और खर्च यूं ही बढ़ता रहा, तो आने वाले वर्षों में हिसार की वित्तीय व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता है।
क्या है बजट के प्रमुख स्रोत?
नगर निगम की आय के प्रमुख स्रोतों में प्रापर्टी टैक्स, फायर टैक्स, एम-टैक्स, सरकारी अनुदान, लाइसेंस फीस, किराया व विज्ञापन टैक्स शामिल हैं। वर्ष 2024-25 में प्रापर्टी टैक्स से निगम को 21.49 करोड़ रुपए की आमदनी हुई, जबकि फायर टैक्स और एम-टैक्स मिलाकर यह आंकड़ा लगभग 32.48 करोड़ रुपए रहा। लेकिन इसका लक्ष्य 42.50 करोड़ रुपए था, जो कि पूरा नहीं हो पाया।
2025-26 के लिए आय का नया लक्ष्य
अब नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नगर निगम ने 46.50 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है, लेकिन जब तक वसूली की व्यवस्था पारदर्शी और प्रभावशाली नहीं होगी, तब तक इस लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल साबित हो सकता है।
बजट में प्रस्तावित खर्चों की झलक
नगर निगम के बजट में जिन मदों पर प्रमुखता से खर्च किया जाना है, उनमें शहर की सफाई व्यवस्था, जल आपूर्ति, सड़क निर्माण व मरम्मत, स्ट्रीट लाइट्स, पार्कों का रख-रखाव, सीवरेज सिस्टम और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजनाएं भी बजट का हिस्सा हैं।
विकास योजनाएं और उनकी प्राथमिकताएं
- स्वच्छता मिशन:
- नगर निगम ने शहर को स्वच्छ बनाने के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने का संकल्प लिया है।
- कचरा संग्रहण और निपटान की व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए बजट में अच्छा-खासा प्रावधान किया गया है।
- जलापूर्ति और सीवरेज:
- शहर में लगातार जल संकट और सीवरेज की समस्याओं को देखते हुए, निगम ने इन दोनों विषयों पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है।
- पुराने पाइप लाइनों को बदलने और नई लाइनों के विस्तार के लिए बजट निर्धारित किया गया है।
- सड़क निर्माण और मरम्मत:
- टूटी हुई और खस्ताहाल सड़कों के निर्माण व मरम्मत के लिए भी विशेष बजट आवंटित किया गया है।
- स्मार्ट सड़कों और फुटपाथों के निर्माण पर भी कार्ययोजना बनाई गई है।
- पार्क और हरियाली:
- शहर के विभिन्न हिस्सों में नए पार्कों का निर्माण और पुराने पार्कों का सौंदर्यीकरण करने की योजना बनाई गई है।
- पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए वृक्षारोपण अभियानों को भी प्राथमिकता दी गई है।
चुनौतीपूर्ण रहेगा लक्ष्य हासिल करना
बजट में प्रस्तावित आय और व्यय को देखते हुए स्पष्ट है कि नगर निगम को अपने राजस्व स्रोतों को सुदृढ़ करना होगा। प्रापर्टी टैक्स जैसे प्रमुख स्रोतों से आय में वृद्धि जरूरी है। इसके लिए करदाताओं में जागरूकता, टैक्स रेट में यथोचित वृद्धि, और डिजिटल माध्यम से भुगतान की व्यवस्था को मजबूत करना होगा।
राजनीतिक दृष्टिकोण और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
नगर निगम की बजट बैठक में जनप्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने वार्ड की समस्याओं को उठाया। कई पार्षदों ने कहा कि पिछले बजट में जिन कार्यों के लिए बजट पारित हुआ था, वे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में बजट पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों के साथ बनाया जाए।
आम जनता की उम्मीदें
हिसार की आम जनता की नजर इस बजट पर टिकी हुई है। उन्हें उम्मीद है कि इस बार निगम केवल योजनाएं नहीं बनाएगा, बल्कि धरातल पर कार्य भी करेगा। शहर की सफाई, जलापूर्ति, ट्रैफिक व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लोग खासे चिंतित हैं। बजट में यदि इन समस्याओं के समाधान की ठोस योजना बनती है, तो यह एक स्वागतयोग्य कदम होगा।