हिसार में तीसरी मंजिल से गिर गई ‘जुगाड़ू लिफ्ट’, दुकानदार बोला था- सुरक्षित है; अब खुद भी ICU में

हिसार में तीसरी मंजिल से गिर गई ‘जुगाड़ू लिफ्ट’, दुकानदार बोला था- सुरक्षित है; अब खुद भी ICU में
Hisar | 16 अप्रैल 2025
रिपोर्टर: Sahil Kasoon | संपादन: The Air News Team
हिसार के बरवाला बाजार में फर्नीचर की दुकान पर एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां एक जुगाड़ू लिफ्ट तीसरी मंजिल से गिर गई और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना 16 अप्रैल की है लेकिन अब जाकर पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच प्रक्रिया तेज़ की है। घायलों में दुकान का मालिक और ग्राहक दोनों शामिल हैं।
📍 घटना का पूरा विवरण:
बरवाला क्षेत्र के फर्नीचर मार्केट में स्थित एक फैंसी फर्नीचर की दुकान पर यह हादसा उस समय हुआ जब बालक गांव निवासी रमेश (52 वर्ष) वहां सामान देखने आया था। दुकान के मालिक चंद्रप्रकाश ने रमेश से कहा कि टंकी तीसरी मंजिल पर रखी है और ऊपर जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
रमेश ने पहले लिफ्ट में चढ़ने से इनकार कर दिया, लेकिन मालिक ने भरोसा दिलाया कि यह लिफ्ट रोजाना कई बार इस्तेमाल होती है और पूरी तरह सुरक्षित है। दुकान मालिक के विश्वास पर रमेश ने सहमति दे दी और लिफ्ट में सवार हो गया।
लेकिन जैसे ही दोनों तीसरी मंजिल पर पहुंचे, लिफ्ट अचानक तेज़ गति से नीचे गिर गई। लिफ्ट का संतुलन बिगड़ने और अचानक हुए इस झटके से दोनों को गंभीर चोटें आईं।
🏥 अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग:
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दोनों घायलों को तुरंत स्थानीय लोगों ने मदद करके पास के जिंदल अस्पताल, हिसार में भर्ती कराया।
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रमेश को इतनी गंभीर चोटें आईं कि वह कई दिनों तक होश में नहीं आया।
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दोनों की हालत अब भी गंभीर बताई जा रही है, विशेष रूप से उनकी कमर और पैरों में गहरी चोटें पाई गई हैं।
⚖️ पीड़ित का बयान और FIR दर्ज:
रमेश ने पुलिस को दिए बयान में साफ कहा कि यह एक “जुगाड़ू लिफ्ट” थी, जिसमें तकनीकी सुरक्षा मानकों की कोई पालना नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि दुकान मालिक ने उसे जबरन उस लिफ्ट में चढ़ाया और उसकी जान को खतरे में डाला।
बरवाला थाना पुलिस ने रमेश के बयान के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 125(a) के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने घटनास्थल की जांच शुरू कर दी है और मामले की गंभीरता को देखते हुए MLR रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
🚨 लिफ्ट सुरक्षा पर सवाल:
यह मामला एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि बाजारों और दुकानों में प्रयोग हो रही ऐसी ‘जुगाड़ टेक्नोलॉजी’ कितनी खतरनाक हो सकती है।
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क्या इन लिफ्टों की कोई तकनीकी जांच होती है?
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क्या दुकान मालिकों के पास इनका कोई प्रमाणपत्र होता है?
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और सबसे बड़ा सवाल: आम नागरिक की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा?
🧑⚖️ अब क्या होगी कार्रवाई?
बरवाला पुलिस का कहना है कि मामला तकनीकी रूप से गंभीर है और दोषी की जिम्मेदारी तय करने के लिए मेडिकल रिपोर्ट, लिफ्ट की जांच रिपोर्ट और गवाहों के बयान अहम साबित होंगे।
यदि दोष सिद्ध होता है, तो दुकान मालिक पर गैर इरादतन हत्या का प्रयास और लापरवाही से जान जोखिम में डालने जैसी धाराएं भी जुड़ सकती हैं।




