1 अप्रैल से कुरुक्षेत्र में बढ़ेगा टोल टैक्स

(Yash) 1 अप्रैल से कुरुक्षेत्र में बढ़ेगा टोल टैक्स, जानें नए रेट्स और इसका असर!
कुरुक्षेत्र | 15 घंटे पहले
अगर आप कुरुक्षेत्र के थाना टोल प्लाजा (हिसार-चंडीगढ़ हाईवे 152) से सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने टोल दरों में 5% की वृद्धि कर दी है, जो 1 अप्रैल सुबह 8 बजे से लागू होगी। इस बदलाव के बाद से सभी वाहनों को पहले से ज्यादा टोल चुकाना पड़ेगा।
हर साल NHAI टोल दरों में संशोधन करता है, लेकिन इस बार महंगाई और ईंधन की बढ़ती कीमतों के बीच यह बढ़ोतरी वाहन चालकों के लिए एक नए आर्थिक बोझ के रूप में सामने आई है। दैनिक सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह वृद्धि उनके मासिक खर्चों में और इजाफा करेगी।
क्या बदलेगा?
टोल दरों में 5% की बढ़ोतरी का असर सभी प्रकार के वाहनों पर पड़ेगा। चाहे आप छोटे वाहन से सफर करते हों या फिर बड़े व्यावसायिक ट्रकों का संचालन करते हों, सभी को इस नए नियम के तहत अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
✔ छोटे वाहन (कार, जीप, वैन) – अब इन्हें पहले से ज्यादा टोल देना होगा।
✔ बड़े वाहन (बस, ट्रक) – इनके लिए भी टोल टैक्स में वृद्धि की गई है।
✔ मंथली पास धारकों के लिए बढ़ोतरी – अब मंथली पास बनवाने के लिए 10 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे।
✔ फास्ट टैग यूजर्स के लिए भी नया शुल्क – फास्ट टैग से टोल चुकाने वालों को भी अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
यह वृद्धि NHAI द्वारा पूरे देश के टोल प्लाजा पर की जा रही बढ़ोतरी का हिस्सा है, जिसमें हर साल टोल दरों को संशोधित किया जाता है ताकि सड़क मरम्मत और नई परियोजनाओं के लिए फंड जुटाया जा सके।
NHAI टोल दरों में बढ़ोतरी क्यों करता है?
NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) हर साल टोल दरों में संशोधन करता है। यह बदलाव आमतौर पर राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव, नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और सड़क सुधार योजनाओं को फंड करने के लिए किया जाता है। टोल से मिलने वाले पैसे का उपयोग हाईवे के मरम्मत, नए फ्लाईओवर, सर्विस रोड और अन्य सुविधाओं के निर्माण में किया जाता है।
हालांकि, इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। हर रोज हाईवे से सफर करने वाले लोगों की जेब पर यह अतिरिक्त खर्च भारी पड़ता है। कई व्यवसायी, ट्रांसपोर्टर और आम नागरिक इस बढ़ोतरी से खासे नाराज हैं।
टोल टैक्स वृद्धि का असर
टोल दरों में बढ़ोतरी का सीधा असर आम लोगों, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय और यात्रा करने वालों पर पड़ेगा।
हर रोज यात्रा करने वालों की मुश्किलें बढ़ीं
जो लोग रोजाना हाईवे का इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए यह वृद्धि एक नई आर्थिक चुनौती बन सकती है। खासकर वे लोग जो दैनिक आवागमन (डेली कम्यूटर्स) के लिए टोल रोड्स का उपयोग करते हैं, उन्हें अब हर महीने अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।
बढ़ेगा ट्रांसपोर्टेशन खर्च
टोल टैक्स में बढ़ोतरी से लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट बिजनेस पर सीधा असर पड़ेगा। ट्रकों और बसों के टोल दरों में वृद्धि के कारण, ट्रांसपोर्ट कंपनियों को अपनी सेवाओं की कीमतें बढ़ानी पड़ेंगी। इसका सीधा असर आम जनता तक पहुंचेगा, क्योंकि माल ढुलाई और बस टिकट के दाम भी बढ़ सकते हैं।
महंगाई पर असर
जब ट्रांसपोर्टेशन की लागत बढ़ेगी, तो सामान और सेवाओं की कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है। खासतौर पर फल-सब्जियों, अनाज और रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीज़ें महंगी हो सकती हैं। लॉजिस्टिक्स कंपनियां अपना बढ़ा हुआ खर्च ग्राहकों से वसूलने की कोशिश करेंगी, जिससे महंगाई दर पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
फास्ट टैग यूजर्स को अतिरिक्त शुल्क
फास्ट टैग का उपयोग करने वालों को भी इस बार कुछ अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यह शुल्क टोल दरों में बढ़ोतरी के साथ जुड़ा हुआ है और इसे NHAI द्वारा समय-समय पर संशोधित किया जाता है।
जनता का गुस्सा और सरकार का रुख
इस बढ़ोतरी को लेकर आम लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। वाहन चालक और ट्रांसपोर्ट कंपनियां इस बढ़ोतरी को अनुचित और आर्थिक रूप से नुकसानदायक मान रही हैं।
कई लोगों का कहना है कि हाईवे पर सुविधाएं पहले से ही सीमित हैं, और गड्ढे, ट्रैफिक जाम और अन्य समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं। ऐसे में टोल टैक्स में वृद्धि करना गलत फैसला है।
हालांकि, सरकार और NHAI का मानना है कि सड़कों को बेहतर बनाए रखने और नए हाईवे प्रोजेक्ट्स के लिए यह बढ़ोतरी जरूरी है।
टोल टैक्स पर सरकार की योजना
सरकार FASTag को अनिवार्य कर चुकी है, जिससे टोल कलेक्शन को डिजिटल किया जा सके। इससे सरकार को ज्यादा ट्रांसपेरेंट तरीके से टोल कलेक्शन करने में मदद मिल रही है।
भारत में टोल टैक्स को लेकर क्या बदलाव हो सकते हैं?
आने वाले समय में, सरकार GPS आधारित टोल सिस्टम लागू करने की योजना बना रही है, जिससे टोल बूथ की जरूरत खत्म हो सकती है और वाहन जहां से एंट्री करेंगे, वहां से उनकी दूरी के हिसाब से टोल लिया जाएगा।
नया टोल सिस्टम कब लागू होगा?
NHAI का कहना है कि अगले कुछ वर्षों में GPS आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम लागू किया जाएगा। इससे टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइनों से छुटकारा मिलेगा और वाहनों की आवाजाही तेज होगी।




