(Yash) 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा नया बजट: जानें 6 बड़े बदलाव और इनका असर
भारत सरकार का नया बजट 1 अप्रैल 2025 से लागू हो रहा है। इस बजट में कई बड़े बदलाव किए गए हैं जो टैक्स, निवेश और रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों पर प्रभाव डालेंगे। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में विस्तार से:
1. टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव
सरकार ने टैक्स स्लैब में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिससे आम जनता को राहत मिलेगी।
- 12 लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं: पहले यह सीमा 7 लाख थी, जिससे अब और अधिक लोगों को टैक्स छूट मिलेगी।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹75 हजार: पहले यह ₹50 हजार था। इससे नौकरीपेशा लोगों को फायदा होगा।
- 20-24 लाख रुपए की इनकम पर 25% टैक्स: पहले 30% टैक्स 15 लाख से ऊपर की इनकम पर लागू था, अब यह 24 लाख तक बढ़ा दिया गया है।
- सेक्शन 80C की सीमा बढ़कर ₹2 लाख कर दी गई है।
- स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स छूट की सीमा ₹75,000 कर दी गई है।
इस बदलाव का असर:
- मध्यम और उच्च-मध्यम वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी।
- अधिक डिस्पोजेबल इनकम से बाजार में खर्च बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- हेल्थ इंश्योरेंस लेने की प्रवृत्ति बढ़ेगी, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा।
2. TDS लिमिट में बढ़ोतरी
सरकार ने स्रोत पर कटौती (TDS) की कुछ लिमिट बढ़ाई हैं:
- रेंट से होने वाली इनकम पर TDS छूट ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक FD पर ब्याज आय की TDS सीमा ₹50 हजार से ₹1 लाख
- प्रोफेशनल सर्विस पर TDS सीमा ₹30 हजार से ₹50 हजार
- डिविडेंड इनकम पर TDS सीमा ₹5,000 से बढ़ाकर ₹20,000 कर दी गई है।
असर:
- छोटे इन्वेस्टर्स और फ्रीलांसर्स को राहत मिलेगी।
- रेंटल इनकम पर टैक्स का बोझ कम होगा।
- स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड निवेशकों को राहत मिलेगी।
3. विदेश में पढ़ाई के लिए TCS में बदलाव
- ₹10 लाख तक भेजने पर कोई TCS नहीं लगेगा (पहले सीमा ₹7 लाख थी)।
- यदि राशि बैंक लोन से ली गई है, तो कोई TCS नहीं लगेगा।
- टूर पैकेज पर TCS की सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दी गई है।
इसका असर:
- विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
- अनावश्यक कर भार कम होने से शिक्षा खर्च आसान होगा।
- विदेश यात्रा करने वालों को अतिरिक्त कर राहत मिलेगी।
4. अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की नई समय सीमा
अब टैक्सपेयर्स के पास अपने इनकम टैक्स रिटर्न को अपडेट करने के लिए ज्यादा समय होगा।
- पहले 24 महीने तक अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकते थे, अब यह सीमा 48 महीने कर दी गई।
- 24-36 महीने में दाखिल रिटर्न पर 60% अतिरिक्त टैक्स लगेगा।
- 36-48 महीने में दाखिल रिटर्न पर 70% अतिरिक्त टैक्स लगेगा।
- आयकर विभाग ऑनलाइन रिटर्न सुधार सुविधा लाएगा जिससे गलतियां जल्दी सुधारी जा सकेंगी।
असर:
- टैक्सपेयर्स को गलती सुधारने के लिए अधिक समय मिलेगा।
- सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा।
- टैक्स सिस्टम अधिक पारदर्शी और यूजर-फ्रेंडली बनेगा।
5. यूलिप (ULIP) पर कैपिटल गेन टैक्स लागू
यूलिप को लेकर सरकार ने नया फैसला लिया है:
- ₹2.5 लाख से अधिक प्रीमियम वाले ULIP को कैपिटल एसेट माना जाएगा।
- 12 महीने से ज्यादा रखने पर 12.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
- 12 महीने से कम रखने पर 20% शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
- पेंशन योजनाओं में निवेश करने वालों को विशेष टैक्स छूट दी जाएगी।
असर:
- हाई-इनकम टैक्सपेयर्स के लिए यूलिप अब टैक्स-फ्री इन्वेस्टमेंट नहीं रहेगा।
- निवेशकों को अपने फंड एलोकेशन पर दोबारा विचार करना होगा।
- पेंशन योजनाओं को अधिक लोकप्रिय बनाया जाएगा।
6. कस्टम ड्यूटी में बदलाव: 150-200 प्रोडक्ट होंगे सस्ते या महंगे
सस्ते होने वाले आइटम:
- 40 हजार डॉलर से महंगी लग्जरी कारें
- 1600 CC से कम इंजन क्षमता वाली आयातित बाइक
- 36 लाइफ सेविंग दवाएं
- इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और मोबाइल बैटरी
- LED लाइट्स और पावर सेविंग उपकरण
महंगे होने वाले आइटम:
- स्मार्ट मीटर
- सोलर सेल
- आयातित जूते
- आयातित नौकाएं और जहाज
- LCD/LED टीवी
- विदेशी फर्नीचर और डेकोर आइटम
इसका असर:
- इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना सस्ता होगा, जिससे ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा।
- LCD और LED टीवी महंगे होने से उपभोक्ताओं को ज्यादा कीमत चुकानी होगी।
- घरेलू निर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय उत्पादन बढ़ेगा।
बजट की अन्य प्रमुख बातें
- किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाएं: कृषि क्षेत्र के लिए ₹50,000 करोड़ का पैकेज दिया गया है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर और रेलवे: ₹2 लाख करोड़ के बजट से रेलवे के आधुनिकीकरण की योजना बनाई गई है।
- स्टार्टअप्स के लिए टैक्स छूट: नई कंपनियों को 3 साल तक टैक्स छूट मिलेगी।
- डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा: यूपीआई और डिजिटल ट्रांजैक्शन पर छूट मिलेगी।
बजट का समग्र प्रभाव
1 अप्रैल 2025 से लागू हो रहे इस बजट में टैक्स में राहत, TDS और TCS की सीमा बढ़ाने जैसे कई अहम बदलाव किए गए हैं। साथ ही, कई वस्तुएं सस्ती और महंगी होंगी, जिससे आम जनता पर सीधा असर पड़ेगा।