loader image
Saturday, November 8, 2025

2019 के बाद की सभी सरकारी भर्तियों पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला — 10 हजार से अधिक उम्मीदवारों पर असर | The Airnews Haryana चंडीगढ़, The Airnews

The AirNews | Amit Dalal
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 2019 के बाद की उन सभी सरकारी भर्तियों के परिणामों को नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है, जिनमें सामाजिक और आर्थिक आधार पर अतिरिक्त अंक दिए गए थे। इस फैसले का सीधा असर हरियाणा और पंजाब के हजारों युवाओं पर पड़ेगा, जो इन भर्तियों में चयनित हुए थे या बाहर रह गए थे।

2019 के बाद हुई सरकारी भर्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) या सामाजिक-आर्थिक मानकों पर अतिरिक्त अंक दिए जा रहे थे। कई अभ्यर्थियों ने इस पर आपत्ति जताई और अदालत में याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि पहले ही EWS वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है, फिर अलग से अंकों का लाभ देना दोहरा आरक्षण है।

हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह अतिरिक्त लाभ “आरक्षण की 50% सीमा” का उल्लंघन करता है और यह संवैधानिक रूप से गलत है।

  • सभी ऐसे परिणाम रद्द होंगे जिनमें सामाजिक-आर्थिक आधार पर अतिरिक्त अंक दिए गए थे।

  • बिना अतिरिक्त अंकों के जो अभ्यर्थी मेरिट में आएंगे, उन्हें नियुक्ति और वरिष्ठता दी जाएगी।

  • पहले से नियुक्त अभ्यर्थियों को नौकरी से नहीं हटाया जाएगा, क्योंकि यह उनकी गलती नहीं है।

  • जो अभ्यर्थी नए परिणाम के अनुसार बाहर हो जाएंगे, उनके लिए सरकार वैकल्पिक पद तलाशेगी, और जब तक पद उपलब्ध नहीं होंगे, उन्हें कच्चा कर्मचारी (Contractual Staff) मानकर रखा जाएगा।

  • भविष्य में पद रिक्त होने पर नियमित नियुक्ति दी जाएगी और वरिष्ठता उसी दिन से मानी जाएगी।

कोर्ट के इस फैसले से 10,000 से अधिक उम्मीदवारों की स्थिति प्रभावित होगी। इनमें से कुछ को नियुक्ति मिल सकती है, तो कुछ को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है, भले ही उन्हें “कच्चे कर्मचारी” के रूप में बनाए रखा जाएगा।

कोर्ट ने सरकार की प्रक्रिया पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा:

“जब पहले से ही आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया गया है, तो अतिरिक्त अंक देना संविधान के खिलाफ है। यह भी एक प्रकार का आरक्षण है, और इससे कुल आरक्षण सीमा 50% से अधिक हो जाती है।”

“सरकार ने चयन प्रक्रिया को बेहद लापरवाही और असंवैधानिक ढंग से अंजाम दिया है।”

इस फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार भविष्य में कोई भी सामाजिक-आर्थिक आधार पर अतिरिक्त अंक नहीं दे सकती जब तक कि वह संवैधानिक सीमाओं के अनुरूप न हों। इससे हरियाणा और पंजाब में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रणाली पर भरोसा बहाल होगा और मेधा आधारित चयन प्रक्रिया को बल मिलेगा।


#HighCourtVerdict #BhartiNews #HaryanaJobs #EWSReservation #RecruitmentResult #TheAirnews #TheAirnewsHaryana #SarkariNaukri #CourtDecision #BhartiCancelled #theairnews #thearinewsharyana

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!