2025 होगा सबसे गर्म साल: IMD का अनुमान, इस बार हीटवेव के दिन होंगे दोगुने!
नई दिल्ली | 29 मार्च 2025
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अनुमान लगाया है कि साल 2025 अब तक का सबसे गर्म साल हो सकता है। खासकर उत्तर-पश्चिमी भारत—हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दिल्ली में हीटवेव (लू) के दिनों की संख्या दोगुनी हो सकती है।
554 दिन हीटवेव: 2024 भी था सबसे गर्म सालों में से एक
IMD की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में देशभर में कुल 554 हीटवेव डे रिकॉर्ड किए गए थे। आमतौर पर अप्रैल से जून के बीच 5-6 दिन लू चलती है, लेकिन इस बार 10-12 दिन तक लू का असर बना रह सकता है। इस कारण तापमान सामान्य से 5°C या उससे ज्यादा रहने की संभावना है।
हीटवेव की गणना कैसे होती है?
हीटवेव दिनों की गणना किसी एक स्थान पर नहीं होती, बल्कि पूरे देश में इसके प्रभाव को देखते हुए की जाती है। उदाहरण के लिए, अगर दिल्ली में 10, राजस्थान में 15, यूपी में 12 और बिहार में 8 दिन लू चली, तो कुल हीटवेव डे 45 माने जाएंगे।
किस दिन को माना जाता है हीटवेव?
- मैदानी इलाके: अधिकतम तापमान 40°C से ऊपर हो।
- तटीय क्षेत्र: अधिकतम तापमान 37°C से ऊपर हो।
- पहाड़ी क्षेत्र: अधिकतम तापमान 30°C से ऊपर हो।
- गंभीर हीटवेव: जब तापमान सामान्य से 6.5°C या अधिक बढ़ जाए।
हीटवेव बढ़ने की 2 बड़ी वजहें
- अल-नीनो प्रभाव: प्रशांत महासागर के गर्म पानी की वजह से अल-नीनो स्थितियां बनी हुई हैं, जिससे भारत में बारिश कम होगी और गर्मी अधिक पड़ेगी।
- जलवायु परिवर्तन: ग्लोबल वार्मिंग के कारण लू की अवधि और तीव्रता लगातार बढ़ रही है।
देश के 8 राज्यों में अभी से 40°C पार तापमान
मार्च से ही कई राज्यों में भीषण गर्मी शुरू हो गई है। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली और हरियाणा में तापमान 40°C को पार कर गया है। उत्तर भारत में अगले कुछ दिनों में गर्मी और बढ़ सकती है।
गर्मी का असर कैसे पड़ता है?
IMD के अनुसार, गर्मी के मौसम को 3 भागों में बांटा जाता है:
- प्री-समर (मार्च-अप्रैल): गर्मी की शुरुआत।
- पीक समर (मई-मध्य जून): सबसे तेज गर्मी का समय।
- पोस्ट-समर (जून अंत-जुलाई): मानसून की एंट्री से गर्मी में कमी।
सरकार की तैयारी: हीटवेव से बचाव के उपाय
गर्मी से बचाव के लिए केंद्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है। राज्यों को तीन प्रमुख निर्देश दिए गए हैं:
- अस्पतालों में हीट स्ट्रोक मरीजों के लिए आइस पैक, ठंडे पानी और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था।
- सभी मेडिकल संस्थानों को हीटवेव से जुड़े केस ऑनलाइन अपडेट करने का निर्देश।
- डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स को हीटवेव से निपटने की विशेष ट्रेनिंग।
क्या करें, क्या न करें?
अधिक पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
हल्के रंग के और ढीले कपड़े पहनें।
घर से निकलते समय सिर और शरीर को ढककर रखें।
दोपहर 12 से 3 बजे के बीच धूप में निकलने से बचें।
अधिक गर्म और तैलीय भोजन न करें।
देश में बढ़ती गर्मी को देखते हुए सतर्क रहने और जरूरी एहतियात बरतने की जरूरत है। आने वाले महीनों में हीटवेव का प्रभाव और भी ज्यादा महसूस किया जा सकता है।