
हरियाणा के 30% प्राइवेट स्कूलों में RTE प्रक्रिया अधूरी: शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा की चेतावनी, 21 अप्रैल तक मुफ्त किताबें देने के निर्देश
The Airnews
हरियाणा में शिक्षा के अधिकार (Right to Education – RTE) अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया अधूरी रह गई है। शिक्षा विभाग ने खुलासा किया है कि प्रदेश के लगभग 30 प्रतिशत प्राइवेट स्कूलों ने अब तक RTE के तहत गरीब बच्चों को दाखिला नहीं दिया है। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों की एक सूची तैयार की है और शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अप्रैल तक सभी सरकारी स्कूलों के छात्रों को मुफ्त किताबें वितरित कर दी जाएंगी।
शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक
चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा की अध्यक्षता में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में हरियाणा एलीमेंट्री एजुकेशन के डायरेक्टर विवेक अग्रवाल और सेकेंडरी एजुकेशन के डायरेक्टर जितेंद्र दहिया सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में शिक्षा मंत्री ने RTE की स्थिति पर असंतोष जताया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो स्कूल निर्धारित समयावधि तक RTE के तहत दाखिला नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इनमें स्कूलों की मान्यता रद्द करने तक की कार्रवाई भी शामिल है।
सरकारी स्कूलों में बढ़ रहे दाखिले
शिक्षा मंत्री ने बैठक में बताया कि वर्ष 2024 में 30 अप्रैल तक सरकारी स्कूलों में कक्षा पांचवी में 2,07,685 बच्चों का दाखिला हुआ था, जबकि इस वर्ष 15 अप्रैल तक 2,04,163 बच्चों का दाखिला हो चुका है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार सरकारी स्कूलों में पिछले वर्ष से भी अधिक दाखिले होंगे। यह शिक्षा व्यवस्था में सुधार और सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में बढ़ोतरी का संकेत है।
21 अप्रैल तक सभी बच्चों को मुफ्त किताबें
महिपाल ढांडा ने यह भी कहा कि RTE अधिनियम के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक वर्दी के पैसे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही 21 अप्रैल तक इन बच्चों को मुफ्त किताबें भी वितरित कर दी जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आगे से किताबों की आपूर्ति में किसी प्रकार की देरी न हो।
30% स्कूलों ने RTE सीटें अब तक नहीं दी
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि RTE के तहत सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में पहली कक्षा में 25% सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित हैं। अब तक केवल 70% स्कूलों ने ‘उज्जवल पोर्टल’ के माध्यम से अपनी सीटें तय की हैं। शेष 30% स्कूलों ने यदि जल्द प्रक्रिया पूरी नहीं की, तो उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।
नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर निगरानी
हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2003 के तहत स्कूलों को विद्यार्थियों या उनके अभिभावकों को किसी विशेष दुकान से पुस्तकें, स्टेशनरी या वर्दी खरीदने के लिए बाध्य करना प्रतिबंधित है। नियम 158(6) के अनुसार यह गैरकानूनी है। इसके अतिरिक्त नियम 158(7) के तहत कोई भी स्कूल पांच साल से पहले अपनी यूनिफॉर्म में बदलाव नहीं कर सकता। शिक्षा विभाग को अब तक पोर्टल पर 40 और ई-मेल के माध्यम से 57 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतों की जांच चल रही है और दोषी पाए जाने पर संबंधित स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।
निजी स्कूलों की जवाबदेही तय करने की जरूरत
RTE अधिनियम देश में शिक्षा के अधिकार को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन निजी स्कूलों की उदासीनता इस उद्देश्य को प्रभावित कर रही है। यह देखा गया है कि कई निजी स्कूल RTE के तहत दाखिला देने से बचते हैं या फिर प्रक्रिया में देरी करते हैं। शिक्षा विभाग का यह कड़ा रुख इस संदर्भ में एक सकारात्मक संकेत है।
शिक्षा मंत्री के सख्त निर्देशों के बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश के सभी निजी स्कूल जल्द ही RTE के तहत आवश्यक प्रक्रिया पूरी करेंगे और पात्र बच्चों को उनके शिक्षा का अधिकार मिलेगा।