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Saturday, November 8, 2025

65 दिन बाद मिला नूंह के जवान का शव:8 माह पहले जॉइनिंग हुई; पिता बोले-अग्निवीर योजना खत्म हो, 4 साल के पीरियड में क्यों मरे

हरियाणा के नूंह जिले के रहने वाले इंडियन आर्मी के जवान का शव 65 दिन बाद बरामद हुआ है। अग्निवीर समय सिंह उत्तराखंड के हर्षिल में आर्मी कैंट के पास बादल फटने के बाद से लापता हो गए थे।

हादसे में समय सिंह के साथ सेना के करीब 9 जवान लापता हो गए थे। सेना को हाल ही में एक जवान का शव मिला था, जिसकी पहचान समय सिंह के रूप में हुई। समय 8 महीने पहले ही सेना में भर्ती हुए थे। ये उनकी पहली पोस्टिंग थी।

उधर, पिता दलबीर सिंह का कहना है कि अग्निवीर योजना खत्म होनी चाहिए। जब देश आजाद हुआ था तब भी फौज थी। इसे पहले जैसा ही कर देना चाहिए। ये देश के जवानों के लिए अपमान वाली बात है। हर आदमी सोचता है कि 4 साल के पीरियड में क्यों मरने के लिए जाएं ?
नूंह जिले के गांव कुर्थला के रहने वाले अग्निवीर उत्तराखंड के हर्षिल में 20 जून को ड्यूटी के लिए गए थे। 8 अगस्त को धराली, हर्षिल और सुक्की में बादल फट गया था। उसके बाद समय सिंह लापता हो गए थे। तभी से ही उनकी तलाश की जा रही थी। पिता दलबीर सिंह का कहना है कि कमांडिंग ऑफिसर के माध्यम से 9 जवानों के लापता होने की सूचना मिली थी। उनमें समय भी था। अब सेना को एक डेडबॉडी मिली थी, जिसके बाद पता चला कि वो समय ही है। उन्होंने कहा कि 65 दिन से गांव में कोई जनप्रतिनिधि और अधिकारी सांत्वना देने नहीं पहुंचा।

  • अग्निवीर समय सिंह के पिता दलबीर सिंह ने कहा कि मैंने देखी है फौज क्या है। इलीलिए मैं कह रहा हूं, इस पर गवर्नमेंट को दोबारा से विचार करना चाहिए। मुझे कॉफी अनुभव है। नेता-कमांडर तो ऑफिसों से लड़ाई लड़ते हैं। देश का सिपाही ही ग्राउंड पर लड़ता है।
  • दलबीर सिंह ने आगे कहा कि सिपाही ही देश के लिए अपनी जान देता है। ये योजना खत्म होनी चाहिए। देश की आजादी के समय से ये योजना चली आ रही थी। तब भी काम चल रहा था। इस योजना से जवानों के दिल पर असर पड़ता है।
  • दलबीर सिंह का कहना है कि इससे जवानों का मोरल डाउन होता है। 4 साल का पीरियड है। हर आदमी सोचता है कि क्यों मरने के लिए जाए? गवर्नमेंट कुछ लेती नहीं कुछ देती नहीं। पहले अच्छी सुविधा मिलती थी। ये जवानों के लिए अपमान की बात है।
  • उन्होंने आगे कहा कि पिछले 4 साल में गांव का कोई लड़का भर्ती में नहीं गया। क्योंकि मोरल डाउन है बच्चों का। मेरे बेटे की बस फौज की जिद थी, इसीलिए वो भर्ती हुआ। मैंने उसका पॉलिटेक्निक में एडमिशन कराया था। उसकी जिद आर्मी में जाने की थी।

    8 माह पहले सेना में भर्ती हुए थे समय पिता दलबीर सिंह ने बताया कि बेटा समय सिंह 30 अक्टूबर 2024 को सेना में अग्निवीर भर्ती हुए थे। उन्हें भारतीय सेना में 14 राजरिफ- राजपूताना राइफल्स में तैनाती मिली थी। वह 5 जून को अपनी ट्रेनिंग पूरी कर गांव आए थे। उनकी पहले पोस्टिंग उत्तराखंड के हर्षिल में हुई थी।

    20 जून को वह हर्षिल आर्मी कैंप में गए थे। इसके 18 दिन बाद ही वे त्रासदी में लापता हो गए। पिता का कहना है कि घटना के तुरंत बाद भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बन गए थे, जिसके बाद उनसे संचार संपर्क भी टूट गया था। समय सिंह परिवार में अकेले लड़के थे। उनकी दो बड़ी बहन भी हैं।

समय सिंह के पार्थिव शरीर को कंधा देते सेना के जवान, साथ में जाते गांव वाले।
समय सिंह के पार्थिव शरीर को कंधा देते सेना के जवान, साथ में जाते गांव वाले।

बेटे को आखिरी सलामी देते पिता के PHOTOS

बेटे समय सिंह को विदाई देते पिता दलबीर सिंह।
बेटे समय सिंह को विदाई देते पिता दलबीर सिंह।
पिता दलबीर सिंह को गले लगाकर सांत्वना देते सेना के अधिकारी।
पिता दलबीर सिंह को गले लगाकर सांत्वना देते सेना के अधिकारी।
बेटे को श्रद्धांजलि देते दलबीर सिंह।
बेटे को श्रद्धांजलि देते दलबीर सिंह।
समय सिंह की अंतिम यात्रा में गांव वालों ने देशभक्ति के नारे लगाए।
समय सिंह की अंतिम यात्रा में गांव वालों ने देशभक्ति के नारे लगाए
Sahil Kasoon

The Air News (Writer/Editer)

Sahil Kasoon

The Air News (Writer/Editer)

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