
कैथल में इंद्रेश कुमार ने बताया वक्फ संशोधन बिल का लाभ: बोले- माफिया से मिली मुक्ति, अब मुसलमानों को योजनाओं का लाभ
स्रोत: The Air News | संपादन: यश
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की राष्ट्र कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कैथल में आयोजित एक प्रेस वार्ता में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के विभिन्न पक्षों को विस्तार से समझाया। उन्होंने इसे ऐतिहासिक, व्यापक और मुसलमान समाज के हित में बताया। उनका कहना था कि यह पहला ऐसा बिल है जिसमें लाखों लोगों की राय ली गई, खुली बहस हुई और अंततः इसे पारित किया गया।
पारदर्शिता की ओर एक बड़ा कदम
इंद्रेश कुमार ने कहा कि पहले वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता का घोर अभाव था। बहुत से मामलों में दस्तावेज ही नहीं थे, जिससे यह बोर्ड मजहबी और सियासी माफिया का अड्डा बन गया था। उन्होंने कहा, “वक्फ की सम्पत्तियों का सही उपयोग नहीं हो रहा था, जिससे मुसलमान समाज को कोई कल्याणकारी लाभ नहीं मिल पा रहा था। वर्षों से समाज हित का कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। अब माफिया से वक्फ बोर्ड को पूर्ण मुक्ति मिल गई है।”
मुसलमानों को भय और राजनीति से मुक्ति
इंद्रेश कुमार ने आगे कहा कि इस संशोधन से मुसलमानों को राजनीतिक दलों, विशेषकर कांग्रेस और अन्य मजहबी संगठनों के भय से मुक्ति मिली है। “इन दलों ने मुसलमानों को केवल वोट बैंक बनाकर रखा था। अब उन्हें असली स्वतंत्रता मिली है,” उन्होंने कहा। उनका दावा था कि अब वक्फ की आमदनी सीधे मुसलमान समाज के कल्याण में खर्च होगी, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे क्षेत्रों में कार्य होंगे।
वक्फ संशोधन बिल से देश को क्या लाभ?
इंद्रेश कुमार ने बिल के प्रमुख लाभों की चर्चा करते हुए कहा:
- वक्फ बोर्ड अब पारदर्शी और उत्तरदायी होगा।
- आमदनी का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण में किया जाएगा।
- मजहबी और राजनीतिक नियंत्रण समाप्त होगा।
- देश में सांप्रदायिक तनाव और दंगों की संभावना घटेगी।
- माफिया और कट्टरपंथी संगठनों पर प्रभावी लगाम लगेगी।
उन्होंने कहा, “जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वे ना केवल मुसलमान समाज के, बल्कि भारत की एकता और अखंडता के भी विरोधी हैं।”
हैप्पी ईद और नई उम्मीदें
प्रेस वार्ता में इंद्रेश कुमार ने यह भी कहा कि अब भारत का मुसलमान ‘हैप्पी ईद’ मना रहा है क्योंकि अब उसके सामने कल्याणकारी योजनाओं के दरवाजे खुले हैं। उन्होंने कहा, “पहले केवल मजहब के नाम पर उन्हें भड़काया जाता था। अब उन्हें शिक्षा, विकास और रोजगार की दिशा में बढ़ने का अवसर मिलेगा।”
विरोध करने वालों पर टिप्पणी
उन्होंने कोर्ट में बिल को चुनौती देने वालों पर भी टिप्पणी की और कहा, “जिन्होंने संसद में अपना पक्ष नहीं रखा, वे अब कोर्ट में विरोध कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि वे जनमत और लोकतंत्र के विरोधी हैं। उनका असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है।”
हिंदुओं का योगदान और सामाजिक समरसता
इंद्रेश कुमार ने वक्फ की आमदनी में हिंदुओं के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि “दरगाहों पर चढ़ावा देने वालों में बड़ी संख्या हिंदुओं की होती है। इस पैसे से जब कल्याण होगा, तो इससे पूरे समाज को लाभ मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ मुसलमान, बल्कि सभी समुदायों को एक सकारात्मक दिशा मिलेगी। धर्मांतरण, लव जिहाद और कट्टरता पर रोक लगेगी।