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Saturday, November 8, 2025

कैथल में गौ तस्करी का भंडाफोड़: 17 गाय और बैल बरामद, एक की मौत, पंजाब से नूंह ले जाते समय हुआ गिरफ्तार

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी - Dainik Bhaskar
                                                          पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

कैथल में गौ तस्करी का भंडाफोड़: 17 गाय और बैल बरामद, एक की मौत, पंजाब से नूंह ले जाते समय हुआ गिरफ्तार

स्रोत: The Airnews
संपादन: Yash, The Airnews

कैथल जिले के कलायत में पुलिस और गोरक्षा दल ने एक बड़ी गौ तस्करी का पर्दाफाश करते हुए ट्रक से 17 गाय और बैल बरामद किए। इनमें से एक गाय की मौत हो चुकी थी। यह तस्करी पंजाब से नूंह की ओर की जा रही थी, जिसे गोकशी के लिए ले जाया जा रहा था। इस मामले में आरोपी ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ मामले की जांच शुरू कर दी है।

कैसे हुआ तस्करी का खुलासा?

4 अप्रैल को, कैथल निवासी सुशांत, जो गौ रक्षा दल का सदस्य है, ने कलायत थाना पुलिस को सूचना दी। सुशांत और उनके दल के सदस्य युवराज स्कूल के पास बाता क्षेत्र में मौजूद थे। उसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि जम्मू-कटरा हाईवे पर गांव खरक पांडवा के पास एक ट्रक में गाय और बैल लाए जा रहे हैं। यह सूचना तुरंत गोरक्षा दल ने पुलिस के साथ साझा की और वे मौके पर पहुंच गए।

मौके पर पहुंचने के बाद, पुलिस और गोरक्षा दल ने जम्मू-कटरा टोल से गांव बाता की ओर जा रहे ट्रक को रुकवाया। जैसे ही ट्रक रोका गया, टीम ने पाया कि ट्रक में गाय और बैल ठूंस-ठूंस कर भरे हुए थे। इस बीच, ट्रक में एक गाय की मौत हो चुकी थी, जबकि अन्य गाय और बैल जिंदा थे। इसके बाद, टीम ने ड्राइवर से पूछताछ की और उसकी पहचान हरप्रीत सिंह के रूप में हुई, जो पंजाब के खरोला राजपुरा का निवासी है। आरोपी ने बताया कि वह इन गायों और बैलों को गोकशी के लिए नूंह ले जा रहा था।

बरामदगी और जांच प्रक्रिया

ट्रक की गहन जांच के दौरान, पुलिस और गोरक्षा दल को 11 गाय, 1 गाय मृत अवस्था में, और 5 बैल बरामद हुए। ड्राइवर, हरप्रीत सिंह, किसी भी प्रकार के लाइसेंस या वैध कागजात नहीं दिखा सका। इससे साफ हो गया कि वह अवैध तरीके से इन गायों और बैलों को गोकशी के लिए ले जा रहा था। इस संबंध में शिकायतकर्ता सुशांत ने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

कलायत थाना के जांच अधिकारी, शक्ति सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर से गौ तस्करी के गंभीर मुद्दे को उजागर किया है और यह स्पष्ट किया है कि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है।

गौ तस्करी की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने की आवश्यकता

गौ तस्करी भारत में एक गंभीर समस्या बन चुकी है, खासकर उन राज्यों में जहां गोकशी पर पाबंदी है। गौ तस्करी के कारण न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है, बल्कि यह सामाजिक और कानूनी समस्याओं को भी जन्म देती है। गौ रक्षा दल और पुलिस प्रशासन के प्रयासों से कई बार इस तरह की तस्करी के मामले सामने आए हैं, लेकिन यह साफ है कि इस अपराध पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

इस घटना में देखा गया कि गायों और बैलों को अत्यधिक भीड़-भाड़ वाली स्थिति में ट्रक में भरकर ले जाया जा रहा था, जिससे उनकी स्थिति और भी गंभीर हो गई। इससे यह भी साबित होता है कि इन जानवरों के साथ क्रूरता की जा रही थी, जो न केवल अवैध है, बल्कि अमानवीय भी है। इस प्रकार की घटनाएं इस बात को रेखांकित करती हैं कि गौ तस्करी करने वाले लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं कम हो सकें।

गौ तस्करी पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता

इस मामले में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। हालांकि, यह केवल एक मामले का समाधान है, जबकि भारत के विभिन्न हिस्सों में इस प्रकार की तस्करी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। गौ तस्करी पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए सरकार और स्थानीय प्रशासन को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

कई राज्यों में गौ तस्करी के खिलाफ कानून बनाए गए हैं, लेकिन इन कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, गोरक्षा दलों को और अधिक प्रशिक्षित करने और उनका मनोबल बढ़ाने की भी जरूरत है ताकि वे इस तरह की घटनाओं का पर्दाफाश कर सकें।

समाज की भूमिका

इस तरह की घटनाओं को रोकने में समाज की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। जब भी किसी व्यक्ति को गौ तस्करी के बारे में जानकारी मिले, तो उसे तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। इसके साथ ही, समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करना भी जरूरी है ताकि लोग इस प्रकार की अवैध गतिविधियों के खिलाफ खड़े हो सकें।

गोरक्षा दलों और पुलिस को इस तरह के मामलों में और अधिक सहयोग की आवश्यकता है ताकि वे इस तरह के अपराधों पर रोक लगा सकें। केवल प्रशासनिक और कानूनी स्तर पर नहीं, बल्कि समाज में हर व्यक्ति को इस जिम्मेदारी को समझते हुए आगे आना होगा।

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