
गुरुग्राम में थाना प्रभारी, मुंशी और जांच अधिकारी सस्पेंड: बाइक चोरी की FIR 20 दिन तक दर्ज न करने पर पुलिस कमिश्नर ने की सख्त कार्रवाई
गुरुग्राम (The Airnews): हरियाणा के गुरुग्राम जिले के IMT मानेसर थाना क्षेत्र में लापरवाही बरतने पर थाना प्रभारी (SHO) देवेंद्र सिंह, मुंशी और जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा द्वारा उस समय की गई जब एक शिकायतकर्ता की बाइक चोरी की FIR 20 दिन तक दर्ज नहीं की गई।
20 दिन तक पीड़ित भटकता रहा, FIR नहीं लिखी गई
पीड़ित राजीव ने बताया कि उसकी बाइक चोरी हो गई थी और वह कई बार थाने गया, लेकिन हर बार टाल दिया गया। कभी कहा गया “कल आना”, तो कभी “फिर से आना पड़ेगा”, लेकिन शिकायत दर्ज नहीं हुई। थक-हार कर जब उसने पुलिस कमिश्नर से संपर्क किया, तो मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत प्रभाव से संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
पुलिस कमिश्नर का सख्त रुख
गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि—
“जनता की शिकायतों को अनदेखा करने वाले अधिकारी और कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे। पुलिस की जवाबदेही सबसे जरूरी है।”
उनकी सख्त टिप्पणी के बाद IMT मानेसर थाने के थाना प्रभारी, मुंशी और जांच अधिकारी को तत्काल निलंबित कर दिया गया।
पुलिसकर्मियों की लापरवाही बनी विश्वास की दीवार में दरार
हरियाणा में पुलिस सुधारों की बात की जा रही है, लेकिन इस तरह की घटनाएं पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाती हैं। आम जनता का पुलिस में भरोसा तभी मजबूत होगा जब कानून के रखवाले समय पर न्याय देंगे। इस मामले में देखा गया कि शिकायतकर्ता को 20 दिन तक केवल इंतजार कराया गया और उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया।
जनता को अधिकार और पुलिस की जिम्मेदारी
इस घटना ने फिर साबित कर दिया कि:
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FIR दर्ज करना हर नागरिक का अधिकार है।
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पुलिस का कर्तव्य है कि शिकायत को समय पर दर्ज कर उचित कार्रवाई करे।
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टालमटोल और लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
FIR न लिखने पर ये होगी सजा – एक उदाहरण
गुरुग्राम की यह घटना आने वाले समय में एक उदाहरण बनेगी कि अगर कोई पुलिसकर्मी FIR दर्ज करने में आनाकानी करता है तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इससे पुलिस महकमे में जवाबदेही और पारदर्शिता को बल मिलेगा।
सामाजिक चेतना और मीडिया की भूमिका
ऐसे मामलों में मीडिया और सोशल मीडिया की सक्रियता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर शिकायतकर्ता ने हिम्मत न की होती, तो शायद यह मामला दबा ही रह जाता। The Airnews जैसे मीडिया प्लेटफॉर्म आम जनता की आवाज को बुलंद करने का काम कर रहे हैं।
IMT मानेसर थाने की जांच जारी
अब सवाल यह उठता है कि—
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क्या थाने में पहले भी ऐसी लापरवाहियां होती रही हैं?
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क्या उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी थी?
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और क्या यह सिस्टम की विफलता है या कुछ व्यक्तियों की?
इन सवालों की जांच जारी है और उम्मीद है कि इससे पुलिस महकमे में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।