कैथल की अजीमगढ़ पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमले की अफवाह: प्रशासन सतर्क, पुलिस ने बताया झूठा दावा, बब्बर खालसा की सोशल पोस्ट की जांच शुरू
The Air News | रिपोर्ट: Yash | कैथल, हरियाणा
हरियाणा के कैथल जिले में स्थित गांव अजीमगढ़ की पुलिस चौकी को लेकर रविवार की सुबह एक अफवाह ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। सोशल मीडिया पर कथित तौर पर बब्बर खालसा नामक आतंकी संगठन की ओर से डाली गई एक पोस्ट में कहा गया कि सुबह करीब 4 बजे अजीमगढ़ पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला किया गया है। पोस्ट में न केवल हमले की जिम्मेदारी ली गई बल्कि खालिस्तान समर्थक विचारधाराएं भी उकेरी गईं।
हालांकि कुछ ही देर बाद हरियाणा पुलिस और कैथल प्रशासन ने इस पूरे मामले को सिरे से नकारते हुए इसे एक ‘भ्रामक और बेबुनियाद अफवाह’ करार दिया। अधिकारियों के बयान और घटनास्थल पर जांच के बाद यह साफ हो गया कि किसी भी तरह का कोई ग्रेनेड हमला नहीं हुआ है।
कैसे फैली अफवाह?
रविवार सुबह 4 बजे के करीब सोशल मीडिया पर बब्बर खालसा की ओर से एक पोस्ट डाली गई, जिसमें लिखा गया:
“वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह… आज सुबह करीब 4 बजे जीनगढ़ चौकी (हरियाणा) में जो ग्रेनेड हमला हुआ, उसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं। इन जालिमों को इसी तरह से जवाब दिया जाएगा।”
इस पोस्ट के वायरल होते ही स्थानीय प्रशासन और खुफिया एजेंसियों में हलचल मच गई। हालांकि पोस्ट में ‘जीनगढ़’ लिखा गया था, पर संदर्भ अजीमगढ़ पुलिस चौकी से जोड़ा गया, क्योंकि उस क्षेत्र में वही मुख्य चौकी है।
पुलिस का तत्काल एक्शन और प्रतिक्रिया
कैथल पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और चौकी प्रभारी राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। जांच की गई, चौकी और आसपास के क्षेत्रों की तलाशी ली गई, CCTV फुटेज चेक किया गया और स्थानीय लोगों से पूछताछ भी की गई।
राजेश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा:
“यह महज एक अफवाह है। चौकी पर किसी भी प्रकार का हमला नहीं हुआ है। पोस्ट पूरी तरह से भ्रामक है और आमजन को गुमराह करने के लिए फैलाई गई है।”
इस प्रतिक्रिया के तुरंत बाद ही स्थानीय प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की।
पटियाला से भी पहुंचे अधिकारी
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब के पटियाला से भी खुफिया विभाग और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने हर पहलु से मामले की समीक्षा की।
बब्बर खालसा जैसे संगठन का नाम लिए जाने के बाद यह जरूरी हो गया था कि पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की एजेंसियां आपस में समन्वय स्थापित कर जांच करें।
ग्रामीणों में डर का माहौल लेकिन पुलिस पर भरोसा
भले ही कोई वास्तविक हमला न हुआ हो, लेकिन अफवाह के कारण कुछ समय के लिए अजीमगढ़ और आसपास के गांवों में भय का माहौल बन गया। लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने से हिचकने लगे और बाजारों में भी भीड़ कम रही।
हालांकि, पुलिस द्वारा तुरंत स्थिति स्पष्ट कर देने और सोशल मीडिया पर बयान जारी कर अफवाहों का खंडन करने से लोगों में भरोसा लौटा।
एक स्थानीय निवासी रामपाल ने बताया:
“सुबह-सुबह खबर आई तो हम सब डर गए, लेकिन पुलिस ने जब खुद आकर बताया कि कुछ नहीं हुआ, तब जाकर चैन मिला।”
बब्बर खालसा की पोस्ट की जांच शुरू
अब पुलिस की नजरें उस सोशल मीडिया पोस्ट पर हैं, जिसमें हमले की जिम्मेदारी ली गई थी। शुरुआती जांच में यह पोस्ट फर्जी प्रतीत हो रही है। लेकिन इसके पीछे किसका हाथ है, इसकी पड़ताल के लिए साइबर सेल को जिम्मेदारी दी गई है।
राजेश कुमार ने कहा:
“हम सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले उस व्यक्ति को जल्द पकड़ लेंगे। कानून के तहत उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
खालिस्तानी संगठन और सोशल मीडिया का खतरा
बब्बर खालसा जैसे आतंकी संगठन पहले भी कई बार सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैलाने या अपनी विचारधारा को प्रचारित करने का प्रयास कर चुके हैं। खालिस्तानी आंदोलन से जुड़ी सोच और विचारधारा खासकर पंजाब, हरियाणा और कनाडा तक फैली है।
इस तरह की सोशल पोस्ट का उद्देश्य होता है — समाज में डर फैलाना, प्रशासन को बदनाम करना और युवाओं को भड़काना। लेकिन हरियाणा पुलिस ने इस बार न केवल तत्काल एक्शन लिया बल्कि स्थिति को समय रहते संभाल भी लिया।
प्रशासन की अपील और भविष्य की रणनीति
कैथल प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की सोशल मीडिया पोस्ट को बिना पुष्टि के आगे न बढ़ाएं और पुलिस को तुरंत सूचना दें।
इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि:
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पुलिस अब सभी चौकियों और थानों पर साइबर निगरानी बढ़ाएगी।
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भ्रामक खबरें फैलाने वालों की पहचान करने के लिए टास्क फोर्स बनाई जा रही है।
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सोशल मीडिया निगरानी टीम को एक्टिव किया गया है।
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साइबर एक्सपर्ट्स को कहा गया है कि वे ऐसी पोस्ट्स को ट्रैक करें जो असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाई जा रही हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आई सामने
इस घटना पर कोई भी राजनीतिक बयान नहीं आया, लेकिन भाजपा नेताओं ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। वहीं कुछ विपक्षी दलों ने यह सवाल उठाया है कि आखिर इस प्रकार की अफवाहें बार-बार हरियाणा में क्यों फैल रही हैं?