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Saturday, November 8, 2025

कैथल में 69 लाख की ठगी मामला: गुजरात के कारोबारी ने चावल लेकर नहीं लौटाए पैसे, पुलिस ने किया गिरफ्तार

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी - Dainik Bhaskar
                                                             पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

कैथल में 69 लाख की ठगी मामला: गुजरात के कारोबारी ने चावल लेकर नहीं लौटाए पैसे, पुलिस ने किया गिरफ्तार

The Airnews | कैथल, 13 अप्रैल 2025 | रिपोर्टर: यश

कैथल जिले के चीका क्षेत्र में एक गंभीर आर्थिक ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें गुजरात के एक व्यापारी ने लगभग 69 लाख 41 हजार रुपए की ठगी की है। यह ठगी चावल खरीदने के बहाने की गई और पांच साल के लंबे भरोसे का दुरुपयोग कर इसे अंजाम दिया गया। अब इस मामले में अहम आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

कैसे शुरू हुआ यह मामला?

कैथल के सेक्टर 20 निवासी सचिन गोयल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह पटियाला रोड, चीका स्थित राधा-कृष्ण राइस एंड जनरल मिल में अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हिस्सेदार हैं। इस मिल में उनकी पत्नी सुमन गोयल, भतीजा आदित्य, और अन्य परिजन प्रतिभा गोयल भी शामिल हैं।

सचिन गोयल ने बताया कि वह पिछले नौ वर्षों से इस राइस मिल का संचालन कर रहे हैं। सरकारी नीतियों के अनुसार, मिल अनाज मंडी से धान खरीदती है और उसे चावल में प्रोसेस कर दलालों के माध्यम से बेचती है।

ब्रोकर के जरिए हुई पहचान

सचिन गोयल ने बताया कि उनकी पहचान मुंबई निवासी ब्रोकर प्रकाश मच्छाल खत्री से करीब पांच साल पहले हुई थी। प्रकाश उनके मिल से चावल खरीदकर मुंबई में बेचा करता था और समय पर पेमेंट भेजता रहा। इस प्रकार प्रकाश ने उनका विश्वास जीत लिया।

अगस्त 2024 में प्रकाश ने बताया कि उसका संपर्क तीन कंपनियों से है:

  1. श्रीजी इंटरप्राइजेज, अहमदाबाद (गुजरात)
  2. सोना इंटरप्राइजेज, अहमदाबाद
  3. मां तुलजा भवानी एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड, देवास (इंदौर)

प्रकाश ने बताया कि इन फर्मों के मालिक दीपेश और महेश विश्वसनीय व्यापारी हैं जो समय पर भुगतान करते हैं। प्रकाश के कहने पर मिल मालिकों ने उन पर विश्वास कर लिया।

कैसे की गई ठगी?

प्रकाश की सिफारिश पर सचिन गोयल ने 6 सितंबर 2024 को 69 लाख 41 हजार रुपए मूल्य का चावल अलग-अलग स्थानों से उपरोक्त कंपनियों को भेजा। लेकिन नियत समय पर पेमेंट नहीं आई। जब उन्होंने संपर्क करने की कोशिश की तो कोई उत्तर नहीं मिला।

जब खुद जाकर दिए गए पते पर पहुंचे, तो यह पाया गया कि दिए गए पते गलत हैं और वहां कोई कंपनी मौजूद नहीं है। इसके बाद पुलिस जांच में पता चला कि दीपेश का असली नाम राजेश इंद्रलाल लीलवानी है और महेश का नाम रिंकू जेठवानी है।

आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी

इस पूरे मामले में पुलिस ने अब अहम आरोपी राजेश इंद्रलाल लीलवानी को गिरफ्तार कर लिया है, जो कि सरदार नगर, जवाहर कॉलोनी, अहमदाबाद, गुजरात का निवासी है। पुलिस ने बताया कि राजेश का नाम पहले से ही कई संदिग्ध आर्थिक मामलों में सामने आ चुका है।

इस मामले में पहले ही दो आरोपी काबू किए जा चुके हैं, जबकि राजेश को पूछताछ के लिए आठ दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

पांच साल के विश्वास का दुरुपयोग

इस ठगी में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब एक लंबे समय के विश्वास के आधार पर किया गया। ब्रोकर प्रकाश ने पांच साल तक मिल से चावल लेकर सही पेमेंट करके विश्वास जमाया, और अंत में बड़े सौदे में विश्वासघात कर दिया।

यह न केवल आर्थिक ठगी का मामला है, बल्कि यह उन छोटे-बड़े व्यापारियों के लिए भी चेतावनी है जो विश्वास के आधार पर अपने व्यापारिक निर्णय लेते हैं।

पुलिस की कार्रवाई

कैथल पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और आरोपियों की धरपकड़ शुरू की। अब तक तीन में से तीन आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और मामले में जांच जारी है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या इस गिरोह ने अन्य स्थानों पर भी इसी प्रकार की ठगी की है।

व्यापारियों में चिंता

इस घटना ने स्थानीय व्यापारियों और मिल मालिकों के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है। व्यापारियों का कहना है कि यदि इस प्रकार के फर्जी व्यापारी सक्रिय हैं, तो उनका व्यापार करना जोखिमभरा हो जाएगा।

व्यापार संघों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई हो और व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

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