नींद की झपकी और स्पीड बनी दो जिंदगियों की दुश्मन
नींद की झपकी और स्पीड बनी दो जिंदगियों की दुश्मन: नूंह में कैंटर की खड़े ट्रक से टक्कर में ड्राइवर और सहायक की मौत, जेब से पैसे-कागज भी निकाले
The Airnews | नूंह
हरियाणा के नूंह जिले से गुजर रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ जिसमें एक कैंटर खड़े ट्रक (DLT) से टकरा गया। इस टक्कर में कैंटर के ड्राइवर और सहायक की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे का कारण ड्राइवर को नींद की झपकी आना और तेज रफ्तार बताया जा रहा है। दोनों मृतक हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे और परिजन अब पिनगवां थाने पहुंच चुके हैं।
हादसा सुबह 7 बजे हुआ, पर देर तक नहीं हुई पहचान
यह घटना सुबह करीब 7 बजे पिनगवां थाना क्षेत्र के उमरी पुल के पास घटी, जब एक आईसर कैंटर दिल्ली की ओर जा रहा था। हादसे के समय कैंटर में केले लदे हुए थे। कैंटर जब उमरी पुल से उजीना की ओर बढ़ा, तो रास्ते में सड़क किनारे खड़े एक भारी ट्रक से जा टकराया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कैंटर का केबिन पूरी तरह चकनाचूर हो गया और अंदर बैठे ड्राइवर और सहायक की मौके पर ही मौत हो गई।
हादसे के बाद भीड़ ने निकाले मृतकों की जेब से पैसे और कागजात
इस हादसे में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह रहा कि हादसे के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे राहगीरों और लोगों ने मानवीय संवेदनाएं दिखाने की बजाय मृतकों की जेबों से पैसे और कागजात निकाल लिए। इससे पुलिस को मृतकों की पहचान करने में काफी दिक्कत हुई। न तो नाम पता चल पाया, न ही गाड़ी की सही जानकारी मिल सकी।
कैसे हुआ हादसा: नींद की झपकी और रफ्तार बनी जानलेवा
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि ड्राइवर को चलाते समय नींद की झपकी आ गई थी और कैंटर की रफ्तार भी काफी तेज थी। ऐसे में ड्राइवर गाड़ी पर नियंत्रण नहीं रख पाया और वह सड़क के किनारे खड़े भारी वाहन से सीधी टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कैंटर के अगले हिस्से (कैबिन) के परखच्चे उड़ गए।
मृतकों के परिजनों को ट्रांसपोर्टर के माध्यम से दी गई सूचना
मृतकों के पास से कोई भी पहचान संबंधी दस्तावेज न मिलने के कारण पुलिस ने ट्रांसपोर्टर की मदद से हिमाचल में उनके परिजनों को सूचना भेजी। इसके बाद सोमवार सुबह दोनों मृतकों के परिजन पिनगवां थाना पहुंच गए।
कैबिन के परखच्चे उड़े, शवों को निकालने में लगी मशक्कत
हादसे के बाद राहगीरों ने कंट्रोल रूम को सूचना दी, जिसके बाद पिनगवां थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने किसी तरह क्षतिग्रस्त केबिन को काटकर शवों को बाहर निकाला और नजदीकी अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया। शवों की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि टक्कर कितनी भीषण थी।
ट्रक (DLT) को किया गया जब्त, आगे की जांच जारी
पुलिस ने सड़क किनारे खड़े जिस भारी ट्रक से टक्कर हुई थी, उसे जब्त कर लिया है। थाना प्रभारी सुभाष चंद के अनुसार, यह पता लगाया जा रहा है कि ट्रक किन परिस्थितियों में खड़ा था, क्या उसमें कोई खामी थी, या ड्राइवर ने लापरवाही बरती थी। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि क्या ट्रक बिना इंडिकेटर या चेतावनी संकेतों के खड़ा था।
कई सवाल अब भी अनुत्तरित
इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं:
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एक्सप्रेसवे पर भारी वाहन को किन नियमों के तहत खड़ा किया जा सकता है?
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क्या वहां ट्रैफिक मैनेजमेंट और रात्रि निगरानी पर्याप्त है?
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क्या हाईवे पर वाहनों की नियमित निगरानी हो रही है?
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अगर मृतकों की जेब से सामान न निकाला जाता, तो क्या तुरंत पहचान हो पाती?
इन सवालों का जवाब मिलना ज़रूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।
मानवता पर सवाल: शवों से भी नहीं छोड़ी लूटपाट
मौके पर जमा लोगों ने न सिर्फ मृतकों की जेब से पैसे निकाले, बल्कि उनके पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज भी गायब कर दिए। यह कृत्य न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि मानवीयता के लिहाज से भी निंदनीय है। पुलिस को अब उन लोगों की तलाश है जिन्होंने ये हरकत की।
केले से भरा कैंटर था, दिल्ली के लिए हो रही थी डिलीवरी
मृतकों द्वारा चलाया जा रहा कैंटर हिमाचल से केला लेकर दिल्ली जा रहा था। यह व्यापारिक गाड़ी थी जिसमें ताज़े फल लोड थे। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि केला कहां से लोड हुआ था और किस मंडी में डिलीवरी होनी थी।
हादसों की सूची में एक और नाम, सिस्टम पर सवाल
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को देश का सबसे आधुनिक और सुरक्षित एक्सप्रेसवे माना जाता है, लेकिन इस पर लगातार हादसे हो रहे हैं। नूंह जिला पहले भी कई हादसों का गवाह बन चुका है। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि प्रशासन सुरक्षा मानकों को और कड़ा करे और ट्रैफिक की सतत निगरानी सुनिश्चित की जाए।
थाना प्रभारी की अपील
पिनगवां थाना प्रभारी सुभाष चंद ने “The Airnews” से बातचीत में बताया कि—
“हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। लेकिन वहां लूटपाट जैसी स्थिति देखकर हमें भी झटका लगा। हमने ट्रांसपोर्टर के जरिए परिजनों को सूचित किया और शवों को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। आगे की जांच जारी है।




