
कैथल में दिल दहलाने वाली घटना: 6 साल की बच्ची से रेप का प्रयास, आरोपी फरार
कैथल, हरियाणा | 15 अप्रैल, 2025
हरियाणा के कैथल जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है, बल्कि देश भर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। कलायत थाना क्षेत्र के एक गांव में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ उसके पड़ोसी ने कथित तौर पर रेप का प्रयास किया। इस भयावह घटना ने समाज में व्याप्त असुरक्षा और बच्चों के प्रति बढ़ते अपराधों पर सवाल खड़े किए हैं। आरोपी, जो गांव का ही एक युवक है, मौके से फरार हो गया है। पुलिस ने उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) और रेप के प्रयास से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
यह लेख घटना के विवरण, परिवार और पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया, ऐसे मामलों को नियंत्रित करने वाले कानूनी ढांचे, और इसके व्यापक सामाजिक प्रभावों पर प्रकाश डालता है। साथ ही, यह बच्चों को इस तरह की घटनाओं से बचाने के लिए निवारक उपायों और उपलब्ध संसाधनों पर भी चर्चा करता है।
घटना का विवरण: एक मासूम की पीड़ा
यह दुखद घटना 13 अप्रैल, 2025 की रात को कैथल जिले के कलायत थाना क्षेत्र के एक गांव में घटी। बच्ची के पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, उनकी 6 साल की बेटी रात करीब 9 बजे अपने घर के अंदर खेल रही थी। तभी पड़ोस में रहने वाला एक युवक, जिसे बच्ची और परिवार पहले से जानता था, ने बच्ची को खाने की चीजें या कोई अन्य लालच देकर अपने घर बुलाया। यह एक सामान्य रणनीति थी, जिसका उपयोग अक्सर मासूम बच्चों का विश्वास जीतने के लिए किया जाता है।
आरोपी बच्ची को अपने कमरे में ले गया और कथित तौर पर उसे बंधक बना लिया। वहां उसने बच्ची के साथ रेप का प्रयास किया। बच्ची की मासूमियत का फायदा उठाने की यह कोशिश उस समय नाकाम रही, जब बच्ची के रोने की आवाज उसके परिजनों तक पहुंची। परिजन तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन उनकी आहट सुनकर आरोपी वहां से भाग निकला। इस घटना ने न केवल बच्ची के परिवार को सदमे में डाल दिया, बल्कि पूरे गांव में आक्रोश और भय का माहौल पैदा कर दिया।
परिवार की प्रतिक्रिया और पुलिस की कार्रवाई
बच्ची के पिता ने तुरंत कलायत थाने में शिकायत दर्ज कराई। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि उनकी बेटी घर में खेल रही थी, जब आरोपी ने उसे बहला-फुसलाकर अपने कमरे में ले गया। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर जब वे और अन्य परिजन वहां पहुंचे, तो आरोपी ने मौके का फायदा उठाकर भागने में सफलता पा ली। परिवार की त्वरित प्रतिक्रिया ने स्थिति को और बिगड़ने से रोक दिया, लेकिन इस घटना ने बच्ची और उसके परिवार पर गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव छोड़ा है।
कलायत थाना प्रभारी जय भगवान ने बताया कि पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धाराओं और रेप के प्रयास से संबंधित भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपी की तलाश में छापेमारी की जा रही है। थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया कि जांच के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
कानूनी ढांचा: पोक्सो एक्ट और इसकी भूमिका
भारत में बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों को रोकने के लिए पोक्सो एक्ट, 2012 एक महत्वपूर्ण कानून है। यह कानून 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यौन उत्पीड़न, यौन शोषण, और अश्लील सामग्री से बचाने के लिए बनाया गया है। पोक्सो एक्ट के तहत, यौन अपराधों को गंभीरता से लिया जाता है, और इसमें सजा के प्रावधान भी बहुत सख्त हैं। उदाहरण के लिए:
- यौन हमले के लिए कम से कम 7 साल की सजा, जो आजीवन कारावास तक हो सकती है।
- अग्रिम यौन हमले (aggravated sexual assault) के लिए 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा।
- बच्चों को यौन उत्पीड़न के लिए उकसाना या बंधक बनाना भी गंभीर अपराध माना जाता है।
इस मामले में, आरोपी पर पोक्सो एक्ट की धाराओं के साथ-साथ IPC की धारा 376 (रेप का प्रयास) और धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। यह कानून न केवल अपराधियों को दंडित करने में मदद करता है, बल्कि पीड़ित बच्चों को न्याय और सहायता प्रदान करने के लिए भी प्रावधान करता है।
हालांकि, कानूनी ढांचा होने के बावजूद, ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि कानून का प्रभावी कार्यान्वयन, जागरूकता, और सामुदायिक भागीदारी ही इन अपराधों को कम कर सकती है।