हरियाणा के किसानों और मजदूरों के लिए बड़ी सौगात: रतिया में खुली अटल किसान-मजदूर कैंटीन
The Airnews | रिपोर्ट: रमेश भट्ट | Edited By: Sahil Kasoon | Updated: 18 अप्रैल 2025, सुबह 08:11 बजे
“सिर्फ 10 रुपये में पौष्टिक भोजन” – एक संकल्प, एक सेवा
हरियाणा सरकार की अटल किसान-मजदूर कैंटीन योजना अब प्रदेश के हर उस मेहनतकश तक पहुंचने लगी है जो दिन-रात पसीना बहाकर देश की अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत करता है। इसी क्रम में वीरवार को फतेहाबाद जिले के रतिया कस्बे में एक नई अटल कैंटीन का उद्घाटन किया गया।
यह उद्घाटन पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल द्वारा किया गया, जिनकी मौजूदगी में बड़ी संख्या में स्थानीय किसान, मजदूर, जनप्रतिनिधि और सरकारी अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियां:
-
पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल ने कैंटीन का फीता काटकर शुभारंभ किया
-
मौके पर लोगों को मुफ्त भोजन का वितरण कर कैंटीन की सेवा को दर्शाया गया
-
लाभार्थियों ने सरकार को धन्यवाद देते हुए योजना को “जनसेवा की मिसाल” बताया
सरकार का उद्देश्य: भूख नहीं, सशक्त भारत
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुनीता दुग्गल ने कहा:
“किसान और मजदूर ही भारत की असली रीढ़ हैं। इनका पेट भरेगा तभी भारत आगे बढ़ेगा। अटल कैंटीन इन्हीं के लिए है।“
उन्होंने बताया कि पहले फतेहाबाद मुख्यालय में शुरू हुई इस योजना से मजदूरों और किसानों को भरपेट भोजन मात्र 10 रुपये में मिल रहा है। अब रतिया में भी इस योजना का विस्तार करके हजारों जरूरतमंदों को राहत दी जाएगी।
पोषण और स्वच्छता पर पूरा ध्यान
इस कैंटीन में न केवल सस्ता भोजन बल्कि साफ-सुथरा और संतुलित भोजन देने पर भी जोर दिया गया है। प्रशासन द्वारा बताया गया कि खाने में चावल, दाल, सब्जी और रोटी जैसे संतुलित तत्व शामिल किए जाते हैं, जिससे श्रमिकों को भरपूर ऊर्जा मिलती है।
रतिया में शुरू की गई इस अटल कैंटीन में एक बार में लगभग 200-300 लोगों को भोजन कराने की व्यवस्था है, और आवश्यकता अनुसार इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
रतिया के लोगों की प्रतिक्रियाएं:
स्थानीय किसान रामस्वरूप जी का कहना है:
“हम रोज सुबह खेत जाते हैं और दोपहर तक बहुत थक जाते हैं। 10 रुपये में इतना अच्छा खाना मिलना एक वरदान है।“
वहीं मजदूरी करने वाली सरोज देवी कहती हैं:
“हम औरतों को अक्सर घर से टिफिन लेकर काम पर जाना पड़ता था, अब यहां ताजा खाना मिलेगा, वो भी इतने कम दाम पर।“
खेती-किसानी को लेकर भी आश्वासन
उद्घाटन अवसर पर सुनीता दुग्गल ने गेहूं की सरकारी खरीद प्रक्रिया पर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार इस वर्ष फसल खरीद में पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही है। मंडियों में किसानों को फसल बेचने में कोई कठिनाई न हो, इसके लिए:
-
मंडियों में पेयजल, छाया और तुलाई की व्यवस्था बेहतर की गई है
-
MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद सुनिश्चित की जा रही है
-
किसानों को बिना देरी के भुगतान हो, इसके लिए डिजिटल प्रणाली अपनाई गई है
आगे बढ़ रही है योजना, अन्य शहरों में भी जल्द शुरू होंगी कैंटीन
राज्य सरकार की योजना है कि हर जिले के छोटे-बड़े कस्बों में ऐसी कैंटीन स्थापित की जाएं। फिलहाल जिन जिलों में अटल किसान-मजदूर कैंटीन पहले से संचालित हैं, उनमें शामिल हैं:
-
फतेहाबाद
-
यमुनानगर
-
पानीपत
-
हिसार
-
कुरुक्षेत्र
अब रतिया जैसे ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में भी यह योजना जड़ें जमाने लगी है।
राज्य सरकार की पहल: केवल योजना नहीं, जन आंदोलन
हरियाणा सरकार का यह प्रयास केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि जन सहयोग पर आधारित सामाजिक आंदोलन बनता जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत:
-
किसान, मजदूर, रिक्शा चालक, रेहड़ी वाले, दिहाड़ी मज़दूर आदि लाभार्थी हैं
-
निजी संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं से भी सहयोग मांगा जा रहा है
-
कैंटीन में स्थानीय महिलाओं को रसोई में रोजगार दिया जा रहा है
जन कल्याण का नया अध्याय: एक राष्ट्र, एक उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा “अन्नदाता की सेवा, राष्ट्र की सेवा” जैसे नारों के तहत ऐसी योजनाएं लगातार प्रोत्साहित की जा रही हैं। अटल कैंटीन भी उसी सोच की एक कड़ी है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की निगरानी में इस योजना को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि 2025 के अंत तक हर जिले में कम से कम 3 अटल कैंटीन संचालित हों।