सिरसा में गेहूं के खेतों में भीषण आग: 700 एकड़ फसल राख, किसानों पर टूटा मुसीबतों का पहाड़
स्थान: सिरसा, हरियाणा
रिपोर्टर: सतनाम, The Airnews
हरियाणा के सिरसा जिले से एक बेहद दुखद और चिंताजनक खबर सामने आई है। ऐलनाबाद हलके के कई गांवों में देर रात आग लग गई, जिसने सैकड़ों एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल को अपनी चपेट में ले लिया। लगभग 700 एकड़ में फैली यह आग किसानों के अरमानों को जलाकर राख कर गई। खेतों में खड़ी वह फसल जिसे किसान महीनों की मेहनत से तैयार कर चुके थे, पल भर में आग की भेंट चढ़ गई।
आग की शुरुआत और भयावहता
रात के समय अचानक लगी आग ने नाथूसरी चोपटा क्षेत्र के कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें इतनी तीव्र थीं कि लगभग 10 किलोमीटर तक धुएं और आग की ऊंची-ऊंची लपटें दिखाई दे रही थीं। लुदेसर, रूपाना और आस-पास के गांवों में आग ने भारी तबाही मचाई।
ग्रामीणों का कहना है कि यह आग अचानक खेतों में फैलने लगी और हवा की गति तेज होने की वजह से आग ने कुछ ही देर में विशाल क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। आग इतनी तेजी से फैली कि किसानों को अपनी फसल बचाने का मौका ही नहीं मिला।
ग्रामीणों का प्रयास, प्रशासन नदारद
आग की सूचना मिलते ही गांव के किसान और ग्रामीण अपने-अपने साधनों जैसे ट्रैक्टर, ट्रॉलियां और पानी की टंकियों के साथ आग बुझाने में जुट गए। कई घंटों तक ग्रामीणों ने बिना किसी सरकारी मदद के आग पर काबू पाने का प्रयास किया। हालांकि, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बाद में पहुंचीं लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर नाराजगी जताई और कहा कि समय रहते यदि दमकल की गाड़ियां पहुंच जातीं, तो फसल को बचाया जा सकता था। लेकिन प्रशासन की लापरवाही ने उन्हें भारी आर्थिक नुकसान की गर्त में धकेल दिया।
किसानों को हुआ करोड़ों का नुकसान
फसल कटाई का समय था और किसान मंडियों में अपनी फसल बेचने की तैयारी कर रहे थे। गेहूं की फसल तैयार खड़ी थी और कुछ ही दिनों में मंडियों में भेजी जानी थी, लेकिन आग ने सब कुछ नष्ट कर दिया। प्राथमिक अनुमान के अनुसार लगभग 700 एकड़ की फसल जलकर राख हो गई है, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान किसानों को झेलना पड़ा है।
सरकार से मुआवजे की मांग
इस घटना के बाद किसानों में भारी रोष है। पीड़ित किसान सरकार और जिला प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। कई किसानों का कहना है कि वे पहले ही कर्ज में डूबे हैं और अब फसल के नुकसान से उनकी स्थिति और खराब हो गई है। अगर सरकार मुआवजा नहीं देती तो उनके लिए अगली फसल की बुआई तक करना मुश्किल हो जाएगा।
संतोष बेनीवाल ने मुख्यमंत्री से की अपील
हरियाणा सरपंच एसोसिएशन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संतोष बेनीवाल ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अपील की है कि वह तुरंत प्रभाव से पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा दिलवाएं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि किसानों के जीवन की बुनियाद पर हमला है।
आग लगने के कारणों पर सस्पेंस बरकरार
इस घटना को लेकर अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आग किस कारण लगी। कुछ लोगों का मानना है कि यह बिजली की लाइन से हुई चिंगारी के कारण हो सकता है, तो कुछ इसे किसी वाहन या लापरवाही से हुए हादसे से जोड़ रहे हैं। फिलहाल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट सामने आने की उम्मीद है।
प्रभावित गांवों की सूची
इस आग से सबसे अधिक प्रभावित गांवों में शामिल हैं:
- लुदेसर
- रूपाना
- नाथूसरी चोपटा के अन्य आसपास के खेत
- ऐलनाबाद हलका क्षेत्र के अन्य कई गांव
प्रशासन की अग्निशमन तैयारियों पर सवाल
इस घटना ने जिला प्रशासन की आपदा प्रबंधन और फायर ब्रिगेड की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि फायर ब्रिगेड की पर्याप्त गाड़ियां क्षेत्र में उपलब्ध नहीं थीं, जबकि यह गेहूं की कटाई का समय है और आग लगने की आशंका अधिक रहती है।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी मिलते ही विपक्षी दलों ने भी सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के स्थानीय नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार को किसानों की इस आपदा में साथ खड़ा होना चाहिए।