कोर्ट में पेश हुआ 3000 करोड़ की ठगी का आरोपी राधेश्याम उर्फ परम गुरु: जानिए पूरा मामला
स्थान: फतेहाबाद, हरियाणा
फतेहाबाद की अदालत में शनिवार को एक बेहद चर्चित और हाई-प्रोफाइल मामला सामने आया, जब 3000 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी और फ्यूचर मेकर कंपनी के चेयरमैन रहे राधेश्याम उर्फ परम गुरु को कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में कुल 24 आरोपी नामजद हैं, जिनमें से 23 आरोपी आज कोर्ट में पेश हुए। अदालत ने इस केस की अगली सुनवाई 2 अगस्त को निर्धारित की है।
फ्यूचर मेकर कंपनी और ठगी का इतिहास
फ्यूचर मेकर कंपनी को देशभर में नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर चलाई जा रही एक स्कीम के रूप में जाना जाता है। इस कंपनी ने लाखों लोगों को ‘जल्दी अमीर बनने’ का सपना दिखाया और कथित तौर पर उनसे हजारों करोड़ रुपये की वसूली की। राधेश्याम उर्फ परम गुरु और एमडी बंसीलाल ने एक वृहद नेटवर्क के माध्यम से आम लोगों को झांसे में लिया और उनका आर्थिक शोषण किया।
हजारों लोग इस कंपनी में पैसा लगाकर ठगे गए, जिसके बाद विभिन्न राज्यों में इस कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गईं। हरियाणा में ही इस कंपनी के खिलाफ 9 मामले दर्ज हैं, जिन्हें अब फतेहाबाद कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है।
फतेहाबाद कोर्ट में पेशी और कार्यवाही का ब्यौरा
शनिवार को कोर्ट में कुल 23 आरोपी पेश हुए, जबकि एक आरोपी को विवाह समारोह के कारण छुट्टी दी गई। राधेश्याम के केस की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश सचदेवा ने बताया कि सभी मामलों की सुनवाई अब फतेहाबाद कोर्ट में ही होगी।
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राधेश्याम को बार-बार पेश न होने पर कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट के निर्देशों के बाद ही राधेश्याम इस बार समय पर नहीं बल्कि दोपहर 4:30 बजे कोर्ट में पेश हुआ। यह देरी भी न्यायालय की नाराजगी का कारण बनी रही।
राधेश्याम की भूमिका और आरोप
राधेश्याम उर्फ परम गुरु फ्यूचर मेकर कंपनी का चेयरमैन था और उसके द्वारा रची गई नेटवर्क मार्केटिंग स्कीम के जरिए देशभर के लोगों से लगभग 3000 करोड़ रुपये की ठगी की गई। यह स्कीम मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) के नाम पर चलाई जा रही थी जिसमें लोगों को अधिक लोगों को जोड़ने पर बोनस और रिटर्न का वादा किया जाता था।
जैसे-जैसे यह नेटवर्क बढ़ता गया, पैसे का प्रवाह भी बढ़ता गया। लेकिन जब समय आया भुगतान का, तो कंपनी ने अपने हाथ खड़े कर दिए और निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। इस पूरे प्रकरण में राधेश्याम को मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है।
कानूनी प्रक्रिया और जांच की दिशा
हरियाणा पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस पूरे घोटाले की जांच की और 24 लोगों को आरोपी बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की। चूंकि यह मामला बहु-राज्यीय है, इसलिए इसमें अन्य राज्य पुलिस की भी भागीदारी रही है।
अब तक की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि फ्यूचर मेकर कंपनी ने भारत के कई राज्यों में अपने एजेंट और कार्यालय स्थापित किए थे। कंपनी के पास कोई सशक्त वित्तीय लाइसेंस नहीं था, फिर भी यह निवेशकों से पैसे जुटा रही थी, जो कि स्पष्ट रूप से गैरकानूनी है।
पीड़ितों की स्थिति और न्याय की आस
देशभर से हजारों की संख्या में पीड़ितों ने इस कंपनी के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई हैं। इनमें से कई लोगों ने अपनी जीवनभर की कमाई इस स्कीम में निवेश कर दी थी। अधिकांश निवेशक निम्न या मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति पहले से ही जटिल थी।
फतेहाबाद कोर्ट में चल रही इस सुनवाई से पीड़ितों को अब न्याय की उम्मीद बंधी है। हालांकि, ठगी की राशि इतनी विशाल है कि इसे पुनः प्राप्त करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
राधेश्याम की कोर्ट में हाजिरी और व्यवहार
राधेश्याम की कोर्ट में हाजिरी एक अहम विषय बनी रही। पिछली सुनवाई में बार-बार गैरहाजिर रहने पर कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए चेतावनी दी थी। इसके बाद ही वह शनिवार को कोर्ट में पेश हुआ। हालांकि, वह निर्धारित समय से काफी देरी से पहुंचा, जिससे न्यायालय की नाराजगी फिर से झलकती नजर आई।
उसके व्यवहार और कोर्ट में दिए गए बयानों को भी गौर से देखा जा रहा है, जिससे उसके खिलाफ आरोपों की पुष्टि हो सके।
आगे की सुनवाई और संभावनाएं
अब यह मामला 2 अगस्त को दोबारा फतेहाबाद कोर्ट में सुना जाएगा। तब तक सभी आरोपियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी और चार्जशीट पर बहस की जाएगी। कोर्ट का अगला कदम यह होगा कि किस आरोपी पर कौन-कौन से आरोप तय किए जाएं और मुकदमे की सुनवाई किस दिशा में आगे बढ़े।
यह भी संभावना है कि मामले में कुछ नए खुलासे हों और अन्य लोगों की संलिप्तता उजागर हो।