चरखी दादरी माइनिंग ज़ोन में फिर पहुंची आयकर विभाग की टीम: रिकॉर्ड जांच से मचा हड़कंप
The Airnews
चरखी दादरी के माइनिंग क्षेत्र में एक बार फिर हलचल तेज हो गई जब दिल्ली से आई आयकर विभाग की टीम ने अटेला कलां माइनिंग जोन में दोबारा दस्तक दी। डिप्टी डायरेक्टर अनन्या सिंह के नेतृत्व में तीन गाड़ियों में पहुंची टीम ने फरवरी में सील किए गए रिकॉर्ड का गहन निरीक्षण किया। इस कार्रवाई से खनन क्षेत्र में हड़कंप मच गया और कई स्तरों पर चर्चा का विषय बन गया।
फरवरी में हुई थी बड़ी रेड, अब रिकॉर्ड की दोबारा जांच
आयकर विभाग की यह कार्रवाई कोई पहली बार नहीं थी। इससे पहले 18 फरवरी 2025 को दिल्ली से आयकर विभाग की 22 सदस्यीय टीम डिप्टी डायरेक्टर विकास जाखड़ की अगुवाई में चरखी दादरी पहुंची थी। अटेला कलां माइनिंग जोन में तीन दिन तक चली इस रेड में विभाग ने माइनिंग कंपनी के कई कार्यालयों की तलाशी ली थी।
रेड के दौरान टीम ने रिकॉर्ड की हार्ड कॉपी के साथ-साथ डिजिटल डाटा, कंप्यूटर फाइल्स और हार्ड डिस्क भी जब्त की थी। उसके बाद कंपनी के एक कार्यालय कक्ष को सील कर दिया गया था, जिसमें सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखा गया था।
अनन्या सिंह के नेतृत्व में दोबारा कार्रवाई, गुप्त रूप से हुई जांच
शनिवार को डिप्टी डायरेक्टर अनन्या सिंह के नेतृत्व में तीन गाड़ियों में सवार टीम ने माइनिंग क्षेत्र में फिर से जांच शुरू की। इस दौरान किसी बाहरी व्यक्ति को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। विभाग ने मीडिया को भी कोई जानकारी साझा नहीं की, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस बार जांच का उद्देश्य क्या है।
हालांकि, सूत्रों की मानें तो टीम ने फरवरी में जब्त किए गए दस्तावेजों की दोबारा जांच की और कुछ नए साक्ष्यों को इकट्ठा किया है। लगभग 7 घंटे तक टीम माइनिंग क्षेत्र में मौजूद रही और रिकॉर्ड का विश्लेषण करती रही।
रेड के समय बंद हुआ था खनन कार्य, डंपर हुए थे जाम
18 फरवरी को हुई रेड के बाद खनन कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। खनन कार्य रुकने से क्षेत्र में बड़ी संख्या में डंपर फंस गए थे। इनमें से कुछ डंपरों को अगले दिन खाली निकालने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बहुत से डंपर खनन के पुनः शुरू होने का इंतजार करते रहे।
शनिवार को हुई कार्रवाई के दौरान हालांकि खनन कार्य पहले की तुलना में सामान्य दिखाई दिया, जिससे यह संकेत मिला कि इस बार की जांच केवल रिकॉर्ड निरीक्षण तक सीमित रही।
कंपनी के रिकॉर्ड को सील करने की प्रक्रिया और कानूनी कार्यवाही
फरवरी की रेड के दौरान जिस कमरे में कंपनी के रिकॉर्ड रखे गए थे, उसे सील किया गया था। इस सील के साथ एक कानूनी नोटिस भी चस्पा किया गया था, जिसमें स्पष्ट किया गया कि बिना अनुमति के सील को हटाना अपराध होगा। इसकी एक प्रति माइनिंग कंपनी को तथा दूसरी बाढड़ा थाना एसएचओ को भेजी गई थी।
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हुआ कि आयकर विभाग इस मामले में पूरी गंभीरता से कार्य कर रहा है और किसी भी प्रकार की चूक या छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगा।
अंदरूनी सूत्रों का दावा: करोड़ों की टैक्स चोरी की हो सकती है जांच
सूत्रों का कहना है कि फरवरी में जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच के दौरान विभाग को कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं जो करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की ओर इशारा करते हैं। बताया जा रहा है कि कुछ कंपनियां खनन क्षेत्र से निकाले गए खनिजों का पूरा विवरण सरकार को नहीं देती थीं, जिससे राजस्व का भारी नुकसान हो रहा था।
अब जब टीम ने दोबारा रिकॉर्ड की जांच की है, तो यह माना जा रहा है कि आगामी दिनों में संबंधित कंपनियों और अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई हो सकती है।
खनन क्षेत्र में व्यापारी और मजदूरों में डर का माहौल
आयकर विभाग की इस दोबारा कार्रवाई से माइनिंग क्षेत्र में काम करने वाले व्यापारियों और मजदूरों में भी खलबली मच गई है। कई मजदूरों ने बताया कि रेड की सूचना मिलते ही वे काम छोड़कर निकल गए थे। वहीं, कुछ ट्रांसपोर्ट एजेंसियों ने भी अपना काम अस्थायी रूप से रोक दिया।
स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि जब तक आयकर विभाग की जांच पूरी नहीं होती, तब तक क्षेत्र में अस्थिरता बनी रह सकती है।
क्या है माइनिंग क्षेत्र की अहमियत?
चरखी दादरी का अटेला कलां क्षेत्र हरियाणा में खनन गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यहां से बड़ी मात्रा में बजरी, रेत और अन्य खनिजों का खनन किया जाता है, जो न केवल राज्य बल्कि दिल्ली, राजस्थान और पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में भी सप्लाई किया जाता है।
खनन उद्योग में करोड़ों का कारोबार होता है और बड़ी संख्या में मजदूर इससे जुड़े हुए हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में आयकर विभाग की सक्रियता से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि सरकार अब इस अघोषित अर्थव्यवस्था पर भी निगरानी बढ़ा रही है।
भविष्य की कार्रवाई की संभावना
विभाग द्वारा अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अब इस मामले में विस्तृत जांच होगी। विभाग के अधिकारी जब्त रिकॉर्ड का फोरेंसिक विश्लेषण भी करा सकते हैं, ताकि यह पता चल सके कि कोई डेटा छुपाया गया है या नहीं।
यदि टैक्स चोरी के पुख्ता प्रमाण मिलते हैं, तो संबंधित कंपनियों पर आर्थिक जुर्माना, बैंक खातों की जब्ती और आपराधिक केस दर्ज होने की संभावना जताई जा रही है।
राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल
इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा शुरू हो गई है। कुछ स्थानीय नेताओं का मानना है कि यह रेड किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रही है, जिसकी परतें धीरे-धीरे खुलेंगी।
वहीं प्रशासनिक अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन इस प्रकार की जांच से यह संकेत जरूर मिल रहा है कि खनन उद्योग में पारदर्शिता को लेकर सरकार अब और सख्ती बरत रही है।