हरियाणा में रचा जाएगा नया इतिहास: बरसीन गांव में होंगे पहले बालिका पंचायत चुनाव, लड़कियां चुनेगीं पंच और सरपंच
The Airnews | फतेहाबाद | रिपोर्ट: रमेश भट्ट
हरियाणा जैसे राज्य में जहां महिलाओं की सामाजिक और राजनैतिक भागीदारी को लेकर वर्षों से विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं, अब एक नया और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। हरियाणा सरकार के निर्देश पर 22 अप्रैल 2025 को फतेहाबाद जिले के बरसीन गांव में पहली बार बालिका पंचायत का चुनाव करवाया जाएगा। इस पंचायत में केवल बालिकाएं ही सरपंच और पंच के पद के लिए चुनाव लड़ेंगी और केवल 11 से 21 वर्ष की लड़कियां ही मतदान करेंगी।
यह प्रयोग न केवल हरियाणा में बल्कि देशभर के लिए एक प्रेरणा बन सकता है, जहां किशोरियों को सामाजिक नेतृत्व और लोकतांत्रिक प्रणाली में भागीदारी का पहला मौका मिलेगा।
क्या है बालिका पंचायत?
बालिका पंचायत एक ऐसी अभिनव पहल है, जिसके अंतर्गत किशोरी लड़कियों को ग्राम पंचायत की तर्ज पर एक समानांतर पंचायत प्रणाली में शामिल किया जाएगा। इस पंचायत का मकसद है कि लड़कियों को कम उम्र से ही सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारियों की समझ दी जाए ताकि वे आगे चलकर अपने समाज और देश के नेतृत्व में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
इस पहल से लड़कियों में आत्मविश्वास, नेतृत्व कौशल और सामाजिक सोच को बढ़ावा मिलेगा।
बरसीन गांव से होगी शुरुआत
फतेहाबाद जिले का बरसीन गांव इस ऐतिहासिक पहल की प्रथम भूमि बनने जा रहा है। यहां 22 अप्रैल को सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक बालिका पंचायत चुनाव के लिए मतदान होगा और दोपहर 2 बजे तक मतगणना के बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
इस पंचायत में सरपंच और पंचों का चयन पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत किया जाएगा, जिसमें उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करना, प्रचार करना और अंत में मतदान और परिणाम की प्रक्रिया शामिल है।
उद्देश्य: महिला सशक्तिकरण और जागरूकता
जिला परिषद की चेयरपर्सन सुमन खिचड़ ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं का सशक्तिकरण और उन्हें सामाजिक व राजनीतिक निर्णयों में भागीदारी के लिए तैयार करना।
“गांव की ये पंचायतें वास्तविक पंचायतों के साथ बैठकों में हिस्सा लेंगी, वहां की कार्यप्रणाली को समझेंगी और भविष्य में ग्राम स्तर पर नेतृत्व के लिए तैयार होंगी,” – सुमन खिचड़
उन्होंने आगे बताया कि ये बालिका पंचायतें न केवल प्रशिक्षण का माध्यम होंगी बल्कि समाज में लैंगिक समानता का सशक्त संदेश भी देंगी।
चुनाव में कौन ले सकेगा भाग?
जिला परिषद के CEO सुरेश कुमार ने जानकारी दी कि इस चुनाव में केवल 11 से 21 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियां ही हिस्सा ले सकेंगी। यहीं नहीं, उम्मीदवार बनने की भी यही आयु सीमा रखी गई है। अब तक लगभग 19 गांवों की लड़कियां सरपंच और पंच पद के लिए नामांकन भर चुकी हैं।
यह आयु सीमा इसलिए निर्धारित की गई है ताकि स्कूल और कॉलेज स्तर की लड़कियों को नेतृत्व कौशल का अवसर मिले और वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नजदीक से समझ सकें।
कैसे चलेगा चुनाव?
बालिका पंचायत चुनाव को पूरी तरह से मतदान प्रक्रिया के अनुसार संचालित किया जाएगा:
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नामांकन प्रक्रिया – इच्छुक लड़कियों ने सरपंच और पंच पद के लिए नामांकन भरा।
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प्रचार-प्रसार – उम्मीदवारों को प्रचार का अवसर मिला, जिसमें वे अपनी योजनाएं, विचार और नेतृत्व क्षमता को प्रकट करेंगी।
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मतदान – 22 अप्रैल को सुबह 9 बजे से 12 बजे तक होगा मतदान।
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मतगणना व परिणाम – दोपहर 2 बजे तक घोषित किए जाएंगे परिणाम।
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शपथग्रहण व प्रशिक्षण – विजयी प्रत्याशियों को पंचायत की कार्यप्रणाली से अवगत कराया जाएगा।
कैसे होगी वास्तविक पंचायत से सहभागिता?
विजयी बालिका सरपंच और पंचों को समय-समय पर गांव की वास्तविक पंचायत बैठकों में भाग लेने का मौका मिलेगा। वे वहाँ बैठकर ग्राम सभा की कार्यशैली, निर्णय प्रक्रिया और योजनाओं के कार्यान्वयन को समझ सकेंगी।
यह प्रणाली भविष्य की महिलाओं को सक्षम बनाने की दिशा में एक सशक्त शैक्षणिक मंच प्रदान करेगी।
समाज में जागरूकता का संदेश
बरसीन गांव में जब यह जानकारी ग्रामीणों तक पहुंची तो शुरुआत में आशंका थी कि क्या लड़कियां इतना गंभीर दायित्व निभा पाएंगी? लेकिन कुछ ही दिनों में यह शंका उत्साह में बदल गई। गांव की बड़ी संख्या में लड़कियां आगे आईं, और समाज ने इस प्रयोग को खुले दिल से स्वीकार किया।
ग्रामीण समाज में यह एक बड़ा संदेश है कि लड़कियों को जब अवसर और मंच दिया जाता है, तो वे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहतीं।