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Saturday, November 8, 2025

करनाल में मंत्री श्रुति चौधरी का औचक निरीक्षण: डब्ल्यूजेसी नहर पर ओवरब्रिज निर्माण में देरी पर अधिकारियों को फटकार

करनाल में मंत्री श्रुति चौधरी का औचक निरीक्षण: डब्ल्यूजेसी नहर पर ओवरब्रिज निर्माण में देरी पर अधिकारियों को फटकार

The Airnews | करनाल

हरियाणा की महिला एवं बाल विकास व जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने करनाल में चल रहे एक अहम परियोजना का निरीक्षण कर प्रशासनिक महकमे में हलचल मचा दी। यह परियोजना पश्चिमी यमुना नहर (WJC) पर बन रहे ओवरब्रिज की मरम्मत से जुड़ी है, जिसमें देरी के चलते मंत्री ने अफसरों को कड़ी फटकार लगाई। मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि काम में लापरवाही बरती गई और समय पर कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो जनता को पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों पर होगी।

WJC नहर और रेलवे ब्रिज नंबर 65200 की अहमियत

पश्चिमी यमुना नहर हरियाणा की एक प्रमुख जलधारा है, जो कृषि और घरेलू उपयोग के लिए लाखों लोगों की निर्भरता का केंद्र है। इस नहर पर स्थित रेलवे ब्रिज नंबर 65200 की हालत काफी खराब हो चुकी थी, जिससे नहर के जल प्रवाह में भी बाधा उत्पन्न हो रही थी। इसी के चलते इस ब्रिज की मरम्मत का निर्णय लिया गया और कार्य की शुरुआत हुई। यह कार्य रेलवे और सिंचाई विभाग दोनों के सहयोग से किया जा रहा है।

मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि यह मरम्मत कार्य अत्यंत आवश्यक था क्योंकि पानी के दबाव और ब्रिज की जर्जर स्थिति के कारण नहर की संरचना को नुकसान पहुंच रहा था। हालांकि, कार्य में तकनीकी कारणों से देरी हुई, जिसके कारण न केवल प्रोजेक्ट लटका रहा बल्कि आम जनता को भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ा।

जल्द पूरी हो परियोजना, ताकि गर्मी में राहत मिले: मंत्री

श्रुति चौधरी ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि मरम्मत कार्य को युद्ध स्तर पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में पानी की आवश्यकता सबसे अधिक होती है, और यदि समय पर काम पूरा नहीं हुआ, तो यह जनहित में भारी संकट बन सकता है। मंत्री ने मौके पर मौजूद रेलवे और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को कहा कि “यह कोई साधारण कार्य नहीं है, बल्कि लाखों लोगों की पीने के पानी की सुविधा इससे जुड़ी है।”

पानी रोकने में हुई थी तकनीकी देरी

मंत्री से जब कार्य में देरी के कारणों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रारंभिक देरी का कारण पंजाब की ओर से आने वाले पानी को रोकने में आई समस्या थी। जब तक पानी को पूरी तरह से नहीं रोका जाता, तब तक मरम्मत कार्य संभव नहीं था। पंजाब की तरफ से पानी आने में देरी हुई, जिसके कारण परियोजना की शुरुआत देर से हुई। हालांकि अब विभागीय समन्वय बेहतर हो गया है और कार्य तेजी से चल रहा है।

भू-जल स्तर गिरने पर मंत्री की चिंता और अपील

मंत्री श्रुति चौधरी ने निरीक्षण के दौरान प्रदेश में लगातार गिरते भू-जल स्तर पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने जनता से अपील की कि पानी एक कीमती प्राकृतिक संसाधन है और इसे सोच-समझकर उपयोग करना चाहिए। अनावश्यक जल दोहन से भविष्य की पीढ़ियों के लिए संकट खड़ा हो सकता है।

उन्होंने कहा, “पानी केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह इस संसाधन को समझदारी से इस्तेमाल करे। सरकार प्रयासरत है कि हर घर तक जल पहुंचे, लेकिन जनता का सहयोग भी जरूरी है।”

कांग्रेस पर किया तीखा वार

मंत्री श्रुति चौधरी का यह दौरा सिर्फ तकनीकी परियोजनाओं तक सीमित नहीं रहा। जब मीडिया ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी पर सवाल किया तो उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “आज कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष की भूमिका तक को नहीं निभा पा रही है, जो लोकतंत्र के लिए दुखद है। विपक्ष की जिम्मेदारी होती है कि वह सरकार को जवाबदेह बनाए, लेकिन कांग्रेस अपनी भूमिका से पूरी तरह चूक रही है।”

‘स्लीपर सेल’ वाले बयान पर हल्का-फुल्का जवाब

कांग्रेस में स्लीपर सेल वाले बयान पर श्रुति चौधरी ने मुस्कराते हुए कहा कि वे यहां राजनीतिक टिप्पणियों के लिए नहीं, बल्कि कार्य निरीक्षण के लिए आई हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मीडिया को जो सवाल पूछने हैं, पूछे, लेकिन वह चाहती हैं कि सरकार के काम और प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया जाए, खासकर जब बात गर्मी के मौसम और जल संकट की हो।

काम में कोई लापरवाही नहीं चलेगी: श्रुति चौधरी

मंत्री ने अधिकारियों को साफ शब्दों में कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि ओवरब्रिज और नहर के मरम्मत कार्य को निर्धारित समय में पूरा करना ही प्राथमिकता है। इसके लिए अधिकारी दिन-रात कार्य करें, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।

जमीनी हकीकत जानने पहुंचीं मंत्री

श्रुति चौधरी ने केवल निरीक्षण तक सीमित नहीं रहकर आम जनता से भी संवाद किया और मौके पर मौजूद कर्मचारियों और ठेकेदारों से कार्य की गति और गुणवत्ता पर विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि फील्ड विजिट करने से वास्तविक स्थिति का पता चलता है और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होती है।

स्थानीय प्रशासन को दिए विशेष निर्देश

मंत्री ने करनाल के स्थानीय प्रशासन को भी निर्देश दिए कि वे नियमित मॉनिटरिंग करें और किसी भी अव्यवस्था या देरी की स्थिति में तुरंत संबंधित विभाग को अवगत कराएं। साथ ही स्थानीय विधायक और प्रतिनिधियों से भी अपील की कि वे प्रोजेक्ट्स की निगरानी में सहयोग करें।

जनता की भागीदारी जरूरी

श्रुति चौधरी ने कहा कि सरकार की योजनाएं तभी सफल होंगी जब जनता खुद उन्हें अपनाएगी। उन्होंने अपील की कि लोग अपने स्तर पर पानी का संचयन करें, वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा दें और बच्चों को भी पानी की महत्ता सिखाएं।

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