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Saturday, November 8, 2025

पंजाब का फैसला, हरियाणा को झटका: भाखड़ा नहर से पानी घटाया ?

पंजाब का फैसला, हरियाणा को झटका: भाखड़ा नहर से पानी घटाया, 9000 क्यूसिक की बजाय अब सिर्फ 4000 क्यूसिक

चंडीगढ़ | The AirNews | 29 अप्रैल 2025

पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने हरियाणा की नायब सैनी सरकार को बड़ा झटका दिया है। भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले पानी की मात्रा में भारी कटौती करते हुए पंजाब ने 9500 क्यूसिक के बजाय सिर्फ 4000 क्यूसिक पानी देने का फैसला लिया है। इससे हरियाणा में सिंचाई और पेयजल संकट गहरा सकता है।

15 दिन पहले लिया गया फैसला, 20 मई तक दिखेगा असर

सूत्रों के अनुसार, पंजाब सरकार ने यह कटौती लगभग 15 दिन पहले की थी, जिसका प्रभाव मई के मध्य तक साफ तौर पर दिखाई देने लगेगा। इसका सबसे अधिक असर हरियाणा के पश्चिमी जिलों पर होगा जहां पहले से ही पानी की कमी बनी हुई है।

सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे ये जिले:

  • हिसार

  • फतेहाबाद

  • सिरसा

  • रोहतक

  • महेंद्रगढ़

इन जिलों में खेती पर पानी की निर्भरता अधिक है, और गर्मी के इस मौसम में पीने के पानी की किल्लत भी बढ़ सकती है।


हरियाणा सीएम ने जताई आपत्ति, की सीधी बात

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस कटौती को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से सीधी बातचीत की है। सैनी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पंजाब को हरियाणा को उसके हिस्से के अनुसार 9000 क्यूसिक पानी देना होगा। यह फैसला समझौतों के खिलाफ है और इससे लाखों लोगों को नुकसान होगा।


पंजाब का पक्ष: “हमारे पास अतिरिक्त पानी नहीं”

इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि केंद्र सरकार हरियाणा को फायदा पहुंचाने के लिए पंजाब पर दबाव बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि—

“भाजपा की केंद्र सरकार पंजाब के पानी को लेकर एक गंदी चाल चल रही है। हरियाणा अपना हिस्सा पहले ही पूरा इस्तेमाल कर चुका है। अगर केंद्र हरियाणा को अतिरिक्त पानी देना चाहता है तो पाकिस्तान का पानी रोककर हमें दे, तभी हम आगे दे सकते हैं।”


भाखड़ा नहर और जल समझौता – एक नज़र

  • भाखड़ा नहर, सतलुज नदी से पानी लाकर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को सिंचाई और पीने के लिए पानी देती है।

  • 1976 में केंद्र सरकार ने 7.2 एमएएफ पानी में से 3.5 एमएएफ हरियाणा को देने की अधिसूचना जारी की थी।

  • 1981 में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच जल समझौता हुआ।

  • वर्तमान में हरियाणा को लगभग 1.8 एमएएफ पानी मिलता है।


आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण

गर्मी के इस मौसम में हरियाणा के कई जिलों में फसलों की सिंचाई और लोगों के लिए पीने के पानी का संकट गहराने की आशंका है। यदि केंद्र और दोनों राज्यों के बीच जल्दी समाधान नहीं निकला, तो यह मुद्दा राजनीतिक रूप से और बड़ा हो सकता है।


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