
भाखड़ा डैम पर पानी का झगड़ा: पंजाब ने घटाया पानी, केंद्र ने बदला डायरेक्टर, DIG की निगरानी में डैम पर तैनात हुई पुलिस
लेखक: अमित शर्मा, अभिषेक वाजपेयी
स्थान: चंडीगढ़
प्रकाशन: The Airnews | The Airnews Haryana
भाखड़ा डैम से हरियाणा को मिलने वाले पानी पर फिर छिड़ा विवाद
हरियाणा और पंजाब के बीच भाखड़ा डैम से नहरों के माध्यम से वितरित होने वाले पानी को लेकर एक बार फिर से बड़ा टकराव पैदा हो गया है। यह विवाद तब और गहरा गया जब भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने पानी वितरण से जुड़े अहम पद पर बैठे अफसर को अचानक बदल दिया और उसकी जगह हरियाणा कोटे के अधिकारी को नियुक्त कर दिया गया।
क्या है पूरा मामला
भाखड़ा डैम से हरियाणा को प्रतिदिन लगभग 8500 क्यूसिक पानी मिलने का प्रावधान है, लेकिन पंजाब सरकार ने पिछले 17 दिनों से यह आपूर्ति घटाकर मात्र 4000 क्यूसिक कर दी है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह दावा किया कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी मार्च में ही उपयोग कर चुका है और अब जो भी पानी दिया जा रहा है, वह “मानवता के आधार” पर दिया जा रहा है।
इस घटाई गई सप्लाई से हरियाणा के कई जिलों में जल संकट उत्पन्न हो गया है। वहीं केंद्र सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए BBMB में बड़ी प्रशासनिक फेरबदल की है, जिससे विवाद और गहराता जा रहा है।
BBMB डायरेक्टर का तबादला बना विवाद की जड़
BBMB में डायरेक्टर (वॉटर रेगुलेशन) पद पर तैनात पंजाब कैडर के इंजीनियर आकाशदीप सिंह को उनके पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह हरियाणा कोटे से आए इंजीनियर संजीव कुमार को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। संजीव कुमार इससे पहले डैम सेफ्टी विभाग में डायरेक्टर के रूप में तैनात थे।
इस फेरबदल को लेकर पंजाब सरकार ने कड़ा ऐतराज जताया है और कहा है कि संजीव कुमार को पानी वितरण जैसे संवेदनशील कार्य का कोई अनुभव नहीं है। पंजाब सरकार ने BBMB को पत्र लिखकर इस नियुक्ति को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की मांग की है।
पंजाब ने बढ़ाई भाखड़ा डैम पर सुरक्षा
इस घटनाक्रम के बाद पंजाब सरकार ने नंगल स्थित भाखड़ा डैम की सुरक्षा को बढ़ा दिया है। यहां पंजाब पुलिस के DIG स्तर के अधिकारी की अगुवाई में बल तैनात किया गया है। पंजाब का तर्क है कि वह हरियाणा को उसकी सीमा से बाहर पानी नहीं देना चाहता और इसके लिए वह हरसंभव कदम उठाएगा।
सूत्रों के अनुसार पंजाब सरकार इस विषय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाने की भी तैयारी कर रही है।
केंद्र सरकार का हस्तक्षेप और आपात बैठक
इस विवाद को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के निर्देश पर BBMB की एक आपात बैठक बुलाई गई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रतिनिधियों ने की। इस बैठक में हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया गया कि हरियाणा को उसकी पूरी 8500 क्यूसिक जल आपूर्ति तत्काल बहाल की जाए।
पंजाब ने इस प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि पानी वितरण तकनीकी व मौसमी परिस्थितियों पर निर्भर करता है, लेकिन इसके बावजूद केंद्रीय निर्देशों के आधार पर आदेश जारी कर दिए गए।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
जल विशेषज्ञों का मानना है कि भाखड़ा डैम का जल वितरण एक जटिल तकनीकी और संवैधानिक प्रक्रिया है। यह केवल राज्यों की इच्छानुसार नहीं बल्कि पूर्व निर्धारित कोटे और समझौतों के अनुसार होना चाहिए। पानी की आपूर्ति को घटाना या बढ़ाना एकतरफा निर्णय नहीं हो सकता।
इसके साथ ही यह भी कहा गया कि वाटर रेगुलेशन के डायरेक्टर पद पर अनुभवी व्यक्ति की तैनाती बेहद आवश्यक है क्योंकि इस पद पर लिए गए निर्णय करोड़ों लोगों को प्रभावित करते हैं।
हरियाणा की स्थिति
हरियाणा सरकार का कहना है कि उसे उसके हिस्से का पानी नहीं मिल रहा, जिससे राज्य के कई इलाकों में फसल बर्बाद हो रही है। टेल एंड क्षेत्रों जैसे कि सिरसा, फतेहाबाद, जींद और भिवानी में पानी की आपूर्ति पहले से ही सीमित है और अब वह और भी अधिक प्रभावित हुई है।
हरियाणा के जल संसाधन मंत्री ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है और केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की है।
पंजाब बनाम केंद्र: राजनीतिक पृष्ठभूमि
इस मुद्दे को लेकर पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। पंजाब सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार हरियाणा को राजनीतिक लाभ देने के लिए इस तरह की नियुक्तियां कर रही है और राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।
वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि यह प्रशासनिक निर्णय केवल संतुलन बनाने के लिए किया गया है और इसका उद्देश्य जल संकट को समाप्त करना है, न कि किसी राज्य का पक्ष लेना।