सीमा पर तनाव बढ़ा: इंडियन नेवी ने वॉरशिप किए अलर्ट, पाकिस्तान ने झंडे फिर लगाए, अमेरिका से मांगी मदद
The Airnews | राष्ट्रीय सुरक्षा | अपडेट: 1 मई 2025
भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति बनती जा रही है। बीते कुछ दिनों से अरब सागर से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक हलचल तेज हो गई है। भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने अपने वॉरशिप्स को हाई अलर्ट पर रख दिया है। वहीं, पाकिस्तान ने एक दिन पहले हटाए गए चौकी के झंडों को फिर से लगा दिया है। इसके साथ ही पाक ने अमेरिका से हस्तक्षेप की मांग की है।
अरब सागर में भारतीय नौसेना की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय नौसेना ने हाल ही में अरब सागर में एंटी-शिप (Anti-Ship) और एंटी-एयरक्राफ्ट (Anti-Aircraft) फायरिंग की अभ्यासिक कार्रवाई पूरी की है। इस अभ्यास के तहत सभी प्रमुख युद्धपोतों और गश्ती जहाजों को तैयार रहने का आदेश दिया गया है। यह अभ्यास न केवल दुश्मन की हरकतों का जवाब देने के लिए था, बल्कि समुद्री सीमाओं की सटीक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए भी किया गया।
गुजरात कोस्ट पर तैनात हुई कोस्ट गार्ड
भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) ने भी गुजरात के नजदीक अपने जवानों की अतिरिक्त तैनाती कर दी है। समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार ने हर स्तर पर सतर्कता बढ़ा दी है। इंटेलिजेंस इनपुट के अनुसार, पाकिस्तान की तरफ से समुद्र के जरिए घुसपैठ की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता।
पाकिस्तान ने फिर लगाए चौकियों पर झंडे
दिलचस्प बात यह है कि कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने इंटरनेशनल बॉर्डर (IB) पर स्थित अपनी कई चौकियों से झंडे हटा लिए थे। यह कदम भारत की बढ़ती सैन्य तैनाती के बीच देखा गया था। लेकिन अब दोबारा पाकिस्तानी चौकियों पर झंडे लहरा रहे हैं, जो एक रणनीतिक संकेत माना जा रहा है कि पाकिस्तान तनाव को स्थायी बनाना चाहता है या फिर इससे कुछ बड़ा छिपा रहा है।
पाकिस्तान ने मांगी अमेरिका से मदद
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका से अपील की है कि वह भारत पर संयम बरतने का दबाव बनाए। शरीफ ने यह भी कहा कि भारत को उकसाने वाली बयानबाजी से बचना चाहिए, जिससे क्षेत्रीय शांति प्रभावित हो रही है। पाकिस्तान ने अमेरिका से कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप करने की अपील की है।
भारत की रणनीतिक चुप्पी, लेकिन कार्रवाई स्पष्ट
भारत सरकार की तरफ से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना सभी अलर्ट पर हैं। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, भारत इस बार कूटनीतिक नहीं बल्कि रणनीतिक तरीके से जवाब देने की तैयारी में है।
राजनीतिक हलचल और अंतरराष्ट्रीय दबाव
विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान का अमेरिका से मदद मांगना यह दर्शाता है कि उसकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्थिति कमजोर हो रही है। साथ ही, भारत के आत्मनिर्भर और निर्णायक रक्षा दृष्टिकोण ने पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग कर दिया है।
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