नारनौल में चुनावी रंजिश में रिटायर्ड कैप्टन की निर्मम हत्या: सरपंच समेत कई लोगों पर हत्या का आरोप
नारनौल ( Sahil Kasoon ) हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाले गांव मुलोदी में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पूरे जिले में चुनावी रंजिश की खतरनाक तस्वीर पेश कर दी है। यहां सेना से रिटायर्ड कैप्टन रामसिंह की उनके ही घर में घुसकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस निर्मम हत्याकांड में गांव के वर्तमान सरपंच प्रवीण कुमार और उसके सहयोगियों के खिलाफ नामजद हत्या का केस दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता का बयान: बेटे की आंखों के सामने पिता की हत्या
मृतक के पुत्र रामपाल, जो कि हरियाणा पुलिस में गुरुग्राम में तैनात हैं, ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि यह हमला एक पूर्व नियोजित साजिश थी। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के सरपंच प्रवीण कुमार ने पहले से रंजिश रखते हुए उनके पिता को मारने की धमकी कई बार दी थी। रामपाल के अनुसार, सरपंच बार-बार उन्हें और उनके परिवार को विधानसभा चुनावों के दौरान समर्थन न करने के चलते धमकाता रहता था।
हत्या की रात क्या हुआ?
10 मई की रात को लगभग आधी रात, एक बोलेरो गाड़ी में सवार होकर सरपंच प्रवीण कुमार, राकेश, अरुण और उनके 4-5 साथी आए। उनमें से एक व्यक्ति ने दीवार कूदकर घर का दरवाजा खोला और सभी घर में घुस आए। इसके बाद उन्होंने रामपाल को बाहर बुलाया और सरपंच ने सभी को आदेश दिया – “इनको जान से मार दो।”
लाठी-डंडों से पीट-पीट कर कैप्टन की हत्या
रामपाल ने बताया कि सभी आरोपियों ने लाठी-डंडों और घूंसों से हमला किया, जिसमें राकेश, अरुण और खुद सरपंच ने बुरी तरह हमला किया। इस हमले में कैप्टन रामसिंह के सिर पर लाठी से वार किया गया, जिससे वे वहीं बेहोश होकर गिर पड़े। इसके बाद भी हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा था। साथ ही उनकी पत्नी, बहू और बेटे पर भी हमले किए गए।
घर में चीख-पुकार मची, लेकिन कोई बचाने नहीं आया
हमले के दौरान रामपाल ने शोर मचाया, जिस पर उनकी पत्नी बंटी, मां चंद्रकला और पिता रामसिंह बाहर आए। लेकिन, आरोपियों ने उन पर भी हमला कर दिया। रामपाल के अनुसार, उनके पिता को लाठी-डंडों और लात-घूंसों से इतना पीटा गया कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद बोलेरो में बैठकर हुए फरार
हत्या के बाद सभी आरोपी बोलेरो में बैठकर वहां से भाग गए। लेकिन, घटना स्थल पर सरपंच प्रवीण कुमार का आधार कार्ड और एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ पर्चा गिर गया, जो जांच के लिए महत्त्वपूर्ण सबूत साबित हो सकते हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों की मौजूदगी
गांव का एक अन्य निवासी वेद भी मौके पर पहुंच गया था, जिसने देखा कि सभी आरोपी भागते हुए बोलेरो में सवार होकर फरार हुए। वेद ने भी हमले की पुष्टि की है और इस पूरे कांड को होते हुए अपनी आंखों से देखा है।
पुलिस कार्रवाई और जांच
कलानौर पुलिस थाना प्रभारी एसआई राकेश ने बताया कि उन्हें घटना की सूचना मिली और तत्काल पुलिस टीम मौके पर भेजी गई। पोस्टमॉर्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया गया है और प्रवीण कुमार, राकेश, अरुण और 4-5 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 452, 147, 149 समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मौके से मिले आधार कार्ड और मोबाइल नंबर वाली पर्ची को जब्त कर लिया गया है और बोलेरो वाहन की जानकारी के लिए CCTV फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। गांव के कई लोगों से पूछताछ की जा रही है।
राजनीतिक दबाव और पूर्व शिकायतें
मृतक कैप्टन रामसिंह का परिवार गांव में राजनीतिक रूप से सक्रिय रहा है और कई चुनावों में उन्होंने सरपंच प्रवीण का विरोध किया था। रामपाल ने यह भी बताया कि उन्होंने पूर्व में भी पुलिस को धमकियों की जानकारी दी थी, लेकिन कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई थी।
अब जब इस प्रकार की पूर्व नियोजित हत्या हुई है, तब पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
गांव में तनाव का माहौल
इस घटना के बाद गांव मुलोदी में तनाव का माहौल बना हुआ है। लोग डरे हुए हैं और हत्या को लेकर आक्रोशित हैं। ग्रामीणों की मांग है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलवाई जाए। पुलिस ने गांव में अतिरिक्त बल तैनात किया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
परिवार की मांग: CBI जांच और पुलिस संरक्षण
रामपाल व अन्य परिजनों ने इस हत्याकांड की CBI या उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि गांव के कुछ लोग आरोपियों के साथ मिले हुए हैं और उन्हें जान का खतरा है। उन्होंने पुलिस से सुरक्षा और गवाहों की रक्षा की मांग की है।