हिसार की बेटी बनी माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियर: ₹55 लाख सालाना पैकेज, पिता गली-गली जाकर करते हैं कबाड़ का काम

बालसमंद, हिसार | Sahil Kasoon The Airnews – हरियाणा के हिसार जिले की एक साधारण सी गली से निकलकर एक लड़की ने दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में अपनी जगह बनाई है। 21 वर्षीय सिमरन, जिनके पिता राजेश कुमार गली-गली घूमकर कबाड़ का काम करते हैं, अब ₹55 लाख के सालाना पैकेज पर माइक्रोसॉफ्ट हैदराबाद में इंजीनियर बन चुकी हैं।
300 बच्चों में चुनी गई बेस्ट इंटर्न
सिमरन को उनके कैंपस सिलेक्शन के दौरान माइक्रोसॉफ्ट हैदराबाद में इंटर्नशिप मिली थी। 2 महीने की इस इंटर्नशिप में उन्होंने 300 बच्चों में से बेस्ट इंटर्न का अवॉर्ड जीता, जिसे उन्हें अमेरिका से आई माइक्रोसॉफ्ट की ओवरसीज़ हेड ने खुद भारत आकर दिया।
इसके बाद सिमरन का नाम टॉप लिस्ट में दर्ज हुआ और 30 जून को उन्होंने जॉइनिंग कर ली।
IIT मंडी में ली थी एडमिशन, सपना था माइक्रोसॉफ्ट
सिमरन ने 17 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में JEE एडवांस पास किया और IIT मंडी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। हालांकि, उनकी रुचि IT में थी, इस कारण उन्होंने कंप्यूटर साइंस को ऐडिशनल सब्जेक्ट के रूप में पढ़ा और माइक्रोसॉफ्ट में जाने का सपना सच कर दिखाया।

मां ने खुद पढ़ाया, पिता ने सपनों में रोड़ा नहीं बनने दिया
सिमरन की मां कविता, जिन्होंने 12वीं तक पढ़ाई की है, ने बेटी को 7वीं कक्षा तक घर पर ही पढ़ाया। उनका कहना है कि उन्होंने कभी बेटी से घर का कोई काम नहीं करवाया और उसका पूरा फोकस पढ़ाई पर रहा।
सिमरन के पिता राजेश कुमार, जो कबाड़ इकट्ठा कर रोजाना ₹300 से ₹500 तक की कमाई करते हैं, कहते हैं कि उन्होंने कभी हार नहीं मानी और सिमरन ने मेहनत से यह मुकाम पाया।

2 कमरों का घर, बड़ी सोच
राजेश कुमार का पूरा परिवार एक 2 कमरों के घर में रहता है, जिसकी खिड़कियों में शीशे तक नहीं लगे हैं। लेकिन अब इस परिवार के सपनों को एक नई उड़ान मिल चुकी है।
राजेश की दो छोटी बेटियां ममता और मुस्कान भी पढ़ाई कर रही हैं और सिमरन से प्रेरित होकर कुछ बड़ा करने की कोशिश कर रही हैं।




