हिसार में माइनर टूटने पर हिंसक झड़प, जमकर पथराव, 25 घायल, लोग बोले- जानबूझकर तोड़ी; माहौल तनावपूर्ण, पुलिस तैनात – Narnaund News

दोनों तरफ से ग्रामीणों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। इसमें कई लोग घायल हो गए।
हरियाणा के हिसार में माइनर टूटने के बाद शनिवार को 2 गांवों में विवाद हो गया। गुराना और खानपुर गांव के ग्रामीणों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई, जिसमें 25 लोग घायल हो गए। पत्थरबाजी के कई वीडियो सामने आए हैं। मौके पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. खानपुर के लोगों का आरोप है कि गुराना गांव के लोगों ने जानबूझकर माइनर तोड़ी है। पूरा पानी बहकर खानपुर और सिंधड़ गांव की तरफ आ रहा है। अगर ऐसा ही हुआ तो घिराय, सिंधड़, सिंघवा राघो और खानपुर डूब जाएंगे। हालांकि गुराना के लोगों का कहना है कि दबाव बनने की वजह से माइनर टूटी है।

माइनर के दोनों छोर पर खड़े ग्रामीण।

खुद को पत्थर न लगे इसलिए कुछ ग्रामीण गद्दे लेकर पहुंचे।
2 पॉइंट्स में जानिए कैसे हुआ विवाद…
- 5 सितंबर को टूटी थी माइनर: शुक्रवार (5 सितंबर) सुबह करीब 3 बजे गुराना गांव में सिंघवा राघो माइनर टूट गई थी। माइनर टूटने से गुराना के खेतों में पानी भर गया। रात तक पानी बहकर खानपुर और सिंधड़ गांव की तरफ तेजी से बहने लगा।
- बात करते गए तो विवाद हुआ: खानपुर और सिंधड़ गांव में जलभराव की स्थिति को देखते हुए लोग शनिवार को गुराना गांव पहुंचे और वहां के लोगों से बातचीत की। इस दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि मामला दोनों तरफ से पत्थरबाजी पर जा पहुंचा। माइनर के दोनों छोर पर ग्रामीण जुट गए और एक दूसरे पर पत्थर बरसाने लगे।

शुक्रवार को माइनर टूटने की वजह से गुराना के खेतों में पानी भर गया। इसके बाद पानी खानुपर और सिंधड़ की तरफ जा रहा है।

सिंघवा राघो माइनर टूटने के बाद गुराना गांव के खेतों में भरा पानी।
खानपुर और सिंधड़ के ग्रामीणों की 2 बातें…
- जानबूझकर माइनर तोड़ी: खानपुर और सिंधड़ गांव के लोगों का आरोप है कि गुराना के ग्रामीणों ने जानबूझकर माइनर को तोड़ा है, ताकि उनके खेतों में भरे पानी का दबाव कम किया जा सके। उनका कहना है कि अगर पानी बहता रहा तो उनके गांव डूब जाएंगे। माइनर टूटने से खानपुर, सिंधड़, सिंघवा राघो और गिराय गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
- लोग सामान शिफ्ट कर रहे: ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने तुरंत कदम नहीं उठाए तो दोनों गांवों की ढाणियां और रिहायशी इलाके पूरी तरह जलमग्न हो जाएंगे। पानी की बढ़ती धार देखकर लोग अपने पशुओं और जरूरी सामान को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करने लगे हैं।




