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Saturday, November 8, 2025

BJP विधायक अत्री की मुश्किलें बढ़ीं:हाईकोर्ट ने रिटर्निंग अधिकारी तलब किया; बृजेंद्र सिंह बोले- 150 पोस्टल बैलेट के लिफाफे ही नहीं खोले

हरियाणा में उचाना से भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उचाना विधानसभा चुनाव के रिटर्निंग अधिकारी को तलब कर लिया है। मंगलवार को पूर्व सांसद और उचाना से कांग्रेस प्रत्याशी रहे बृजेंद्र सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें बृजेंद्र सिंह के बयान दर्ज हुए।

बृजेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि काउंटिंग के दौरान रिटर्निंग अधिकारी ने 150 वोटों के लिफाफे खोले ही नहीं। हाईकोर्ट ने इस मामले में रिटर्निंग अधिकारी को तलब करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 8 अक्टूबर निर्धारित की है।

बृजेंद्र सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। 2024 विधानसभा चुनाव में बृजेंद्र सिंह भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र अत्री से केवल 32 वोटों से हार गए थे। इसके बाद बृजेंद्र सिंह ने अमान्य घोषित किए गए 215 पोस्टल बैलेट की दोबारा गिनती कराने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

वहीं विधायक देवेंद्र अत्री ने भी बृजेंद्र सिंह की याचिका को खारिज करने के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट 18 सितंबर को अस्वीकार कर चुका है।

 बृजेंद्र सिंह ने बताया कि जब कोई व्यक्ति कोर्ट जाता है, तो अपना दावा मजबूत मानकर चलता है, यह तो कोर्ट को देखना है कि दावा कैसा है। मैं सिर्फ एक ही पॉइंट पर हाईकोर्ट में गया हूं। यदि हार जीत का अंतर इन-वैलिड वोट्स (जो पोस्टल बैलेट 215 इन-वैलिड घोषित किए गए) के अंतर से कम हैं, तो रिटर्निंग ऑफिसर बाध्य है। उन इन-वैलिड वोट की दोबारा री-वेरिफिकेशन करें। बाकायदा इसकी वीडियोग्राफी भी जरूरी है, लेकिन हमारे मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ।

बृजेंद्र सिंह ने बताया कि 150 के करीब इन-वैलिड वोट्स ऐसे हैं, जिनके लिफाफे भी नहीं खोले, क्योंकि वह स्कैन नहीं हुए थे, इलेक्शन रूल्स में प्रोविजन दिया हुआ है, उसको खोलने की भी प्रक्रिया है। रिटर्निंग ऑफिसर ने अपनी री-वेरिफिकेशन कर ली होती, तो यह पॉइंट ही खत्म हो जाता। यह प्रक्रिया नहीं हुई है, इसलिए हम हाईकोर्ट आए हैं।

उन्होंने बताया कि मैं मामले की ज्यादा गहराई में नहीं जाना चाहता, क्योंकि आज मैं कुछ बोलूं, कोर्ट का मत कुछ हो, तो इस पर ज्यादा बोलना ठीक नहीं रहता, फैसला कोर्ट करेगा। इलेक्शन कानून का प्रावधान है, इन 215 वोटों की री-वेरिफिकेशन करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी बाध्य था। हमारा पॉइंट यहीं तक सीमित है, अदालत का फैसला सर्वोपरि है।

बृजेंद्र सिंह को 636 पोस्टल वोट मिले उचाना में अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह को मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें केवल 32 वोटों से शिकस्त मिली थी। देवेंद्र अत्री ने 48,968 वोट हासिल किए थे, जबकि बृजेंद्र सिंह को 48,936 वोट प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में आजाद प्रत्याशी विजेंद्र घोघड़ियां 31,456 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे, वहीं एक अन्य आजाद प्रत्याशी विकास को 13,458 वोट मिले थे।

पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। वह 7,950 वोटों के साथ पांचवें स्थान पर रहे। चुनाव में कुल 1,377 पोस्टल बैलेट डाले गए थे, जिनमें से 215 को रिटर्निंग ऑफिसर ने अमान्य घोषित कर दिया था। बाकी 1,158 वैध पोस्टल बैलेट में से 636 बृजेंद्र सिंह के पक्ष में पड़े थे।

हाईकोर्ट मामले को जल्द निपटाने के पक्ष में हाईकोर्ट ने पिछले सुनवाई के दौरान यह माना कि याचिकाकर्ता ने अन्य सभी आधारों को छोड़ते हुए केवल मतगणना की मांग पर ध्यान केंद्रित किया है, ताकि मामला शीघ्र निपट सके। कोर्ट ने इसे दुर्भावना नहीं माना और कहा कि यह प्रतिनिधित्व कानून या संविधान के विरुद्ध नहीं है।

कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह की ओर से पेश वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि याची अब केवल 215 पोस्टल वोटों की अनुचित अस्वीकृति को लेकर संतुष्ट होना चाहता है और उसी आधार पर याचिका को आगे बढ़ाना चाहता है।

Sahil Kasoon

The Air News (Writer/Editer)

Sahil Kasoon

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