जाली पासपोर्ट-वीजा पर अब सात साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना, लागू हुआ नया आव्रजन कानून
भारत सरकार ने विदेशियों और आव्रजन से जुड़े मामलों को नियंत्रित करने के लिए नया आव्रजन एवं विदेशी अधिनियम, 2025 लागू कर दिया है। इस कानून में जाली पासपोर्ट या फर्जी वीजा का उपयोग करते पाए जाने पर कड़ी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
सात साल तक की जेल और 10 लाख का जुर्माना
कानून के अनुसार, कोई भी व्यक्ति यदि भारत में प्रवेश करने, देश में रहने या बाहर जाने के लिए जाली पासपोर्ट, वीजा या अन्य यात्रा दस्तावेज का उपयोग करता है, तो उसे कम से कम 2 साल की कैद और अधिकतम 7 साल की कैद की सजा हो सकती है।
इसके साथ ही 1 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
विदेशियों की जानकारी देना अनिवार्य
गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव नितेश कुमार व्यास द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, यह कानून 1 सितंबर, 2025 से लागू हो गया है। इसके तहत,
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सभी होटल, विश्वविद्यालय, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल और नर्सिंग होम को अपने यहां ठहरे विदेशियों की जानकारी सरकार को देना अनिवार्य होगा।
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सभी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों और जहाजों को यात्रियों और चालक दल की सूची अग्रिम रूप से भारतीय अधिकारियों को सौंपनी होगी।
सरकार को मिले नए अधिकार
नए कानून से केंद्र सरकार को यह अधिकार मिल गया है कि वह उन स्थानों पर नियंत्रण रख सके जहां विदेशियों का बार-बार आना-जाना होता है। सरकार जरूरत पड़ने पर किसी परिसर को बंद करने या विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाने जैसे कदम उठा सकेगी।
पुराने कानून हुए रद्द
यह अधिनियम अब तक लागू चार अलग-अलग कानूनों को समाप्त करता है:
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पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920
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विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1939
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विदेशी अधिनियम, 1946
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आव्रजन (वाहक दायित्व) अधिनियम, 2000
अब ये सभी कानून निरस्त कर दिए गए हैं और नया कानून एक व्यापक ढांचा प्रदान करेगा।




