FIR में फंसे बॉलीवुड सितारे सनी देओल और रणदीप हुड्डा: ‘जाट’ फिल्म ने भड़काई धार्मिक भावना, पंजाब में ईसाई समुदाय ने जताया रोष
The Airnews | जालंधर ब्यूरो
तारीख: 18 अप्रैल 2025
सम्पादन: Yash, The Airnews
बॉलीवुड की चमकती दुनिया एक बार फिर विवादों में घिर गई है। इस बार विवाद की चपेट में आए हैं दो दिग्गज कलाकार – सनी देओल और रणदीप हुड्डा, जिन पर पंजाब के जालंधर में एक एफआईआर दर्ज की गई है। इनके साथ फिल्म ‘जाट’ के निर्देशक और निर्माता समेत कुल 5 लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगे हैं। आरोप लगाने वाले हैं ईसाई समुदाय के सदस्य, जिन्होंने फिल्म के एक सीन को लेकर जबरदस्त विरोध जताया है और फिल्म पर बैन लगाने की मांग भी कर डाली है।
विवाद की शुरुआत: ‘जाट’ फिल्म का एक सीन बना आग की चिंगारी
फिल्म ‘जाट’ जो 10 अप्रैल 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, एक ऐसी कहानी पर आधारित है जिसमें हरियाणवी संस्कृति और जाट समाज की छवि को प्रस्तुत किया गया है। फिल्म में रणदीप हुड्डा, जो हरियाणा के रोहतक से हैं, ने मुख्य भूमिका निभाई है और सनी देओल एक महत्वपूर्ण सह-भूमिका में हैं।
ईसाई समुदाय का आरोप है कि फिल्म के एक सीन में रणदीप हुड्डा को प्रभु ईसा मसीह के जैसे दिखाया गया है, जिसमें वह चर्च के अंदर खड़े हैं, ठीक उसी मुद्रा में जैसे ईसा मसीह को दर्शाया जाता है। इसके साथ ही ईसाई समुदाय में उपयोग होने वाले पवित्र शब्द “आमीन” का भी उपहास उड़ाया गया है।
शिकायत की मुख्य बातें: क्या कहा गया है एफआईआर में?
1. प्रभु ईसा मसीह का अपमान
शिकायतकर्ता विकलाव गोल्डी, जो ईसाई समुदाय के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं, ने 15 अप्रैल को जालंधर कमिश्नरेट पुलिस को लिखित शिकायत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म ‘जाट’ में ऐसे दृश्य दिखाए गए हैं, जिनसे साफ तौर पर प्रभु ईसा मसीह और उनके अनुयायियों का अपमान किया गया है। रणदीप हुड्डा का किरदार चर्च के भीतर वैसी ही छवि में दिखाया गया है जैसे प्रभु ईसा को दिखाया जाता है, जिससे समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
2. समुदाय को उकसाने की कोशिश
गोल्डी ने कहा कि फिल्म में यह डायलॉग भी कहा गया, “तुम्हारे प्रभु ईसा सो रहे हैं, उन्होंने मुझे भेजा है।” यह कथन ईसा मसीह की अलौकिकता पर सवाल उठाने जैसा है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे दृश्य और संवाद समाज में धार्मिक असहिष्णुता फैलाते हैं और इससे चर्चों पर हमलों की संभावना भी बनती है।
FIR दर्ज कराने के लिए दिया गया था अल्टीमेटम
ईसाई समुदाय के लोगों ने पुलिस को साफ शब्दों में कहा था कि यदि 48 घंटे में एफआईआर दर्ज नहीं हुई तो बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। समुदाय के नेता विकलाव गोल्डी ने साफ कर दिया था कि यह मामला केवल भावनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में धार्मिक हिंसा को भड़काने की साजिश भी बन सकता है।
पुलिस ने मामला गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को एफआईआर दर्ज कर ली। यह केस सदर थाना जालंधर में दर्ज किया गया है और इसमें जिन नामों को शामिल किया गया है, वे हैं:
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सनी देओल – अभिनेता
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रणदीप हुड्डा – अभिनेता
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विनीत कुमार – सह-निर्माता
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गोपी चंद – निर्देशक
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नवीन मालिनेनी – निर्माता
रणदीप हुड्डा का हरियाणा कनेक्शन: रोहतक में किया था फिल्म प्रमोशन
रणदीप हुड्डा हरियाणा के रोहतक जिले के निवासी हैं। वे सामाजिक मुद्दों और जाट समुदाय की संस्कृति को अक्सर अपने अभिनय के जरिए प्रस्तुत करते हैं। हाल ही में वे फिल्म ‘जाट’ के प्रमोशन के लिए रोहतक में भी पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपने किरदार और फिल्म के संदेश पर प्रकाश डाला था।
हालांकि, अब यही फिल्म उनके लिए कानूनी मुसीबत बनती नजर आ रही है।
क्या है ‘जाट’ फिल्म की कहानी?
‘जाट’ फिल्म एक सांस्कृतिक-सामाजिक संघर्ष की कहानी है, जिसमें एक साधारण किसान का बेटा समाज के अन्यायों और जातिगत भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाता है। इस फिल्म में जाट समुदाय के संघर्ष और आत्म-सम्मान को केंद्र में रखा गया है, लेकिन इसी विषय को दर्शाते हुए कुछ ऐसे दृश्य शामिल हो गए, जिन्हें एक समुदाय ने अपने धर्म के प्रति अपमान के रूप में लिया।
फिल्म के खिलाफ मांग: बैन लगाने की गुहार
ईसाई समुदाय के नेताओं ने सिर्फ एफआईआर दर्ज करने की मांग ही नहीं की, बल्कि उन्होंने यह भी मांग की है कि इस फिल्म को तत्काल प्रभाव से बैन किया जाए। उनका कहना है कि जब तक फिल्म में आपत्तिजनक सीन हटाए नहीं जाते, तब तक इसे सार्वजनिक प्रदर्शन के योग्य नहीं माना जाना चाहिए।
क्या बोले धार्मिक संगठनों के अन्य नेता?
पंजाब और हरियाणा में सक्रिय कई ईसाई संगठनों ने भी इस मुद्दे पर बयान जारी किए हैं। पंजाब चर्च काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा:
“यदि हमारे धर्म के साथ इस तरह का मजाक उड़ाया गया, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। हमें धर्मों का सम्मान करना चाहिए, लेकिन इस फिल्म ने उस मर्यादा को लांघ दिया है।”
फिल्म निर्माता की प्रतिक्रिया पर सस्पेंस
इस पूरे विवाद पर अभी तक फिल्म के निर्माता नवीन मालिनेनी या निर्देशक गोपी चंद की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। सनी देओल और रणदीप हुड्डा ने भी अभी तक इस पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
फिल्म के सेंसर बोर्ड पर भी उठे सवाल
इस विवाद के बाद एक बार फिर सेंसर बोर्ड की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। धार्मिक संगठनों का मानना है कि ऐसे दृश्य सेंसर बोर्ड से पास ही कैसे हो गए? क्या किसी विशेष वर्ग को ठेस पहुंचाने वाली फिल्में अब व्यावसायिक फायदे के लिए बन रही हैं?
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया
फिल्म के रिलीज के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। ईसाई समुदाय से जुड़े कई यूज़र्स ने ट्वीट कर फिल्म की आलोचना की है और इसके बायकॉट की मांग की है। ट्विटर पर #BanJattMovie और #RespectAllReligions ट्रेंड कर रहे हैं।
आगे क्या? पुलिस जांच और कानूनी प्रक्रिया
एफआईआर दर्ज होने के बाद अब जालंधर पुलिस मामले की जांच कर रही है। यदि फिल्म के दृश्य धर्म विरोधी साबित होते हैं, तो इस पर आईपीसी की धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के तहत सख्त कार्रवाई हो सकती है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस फिल्म के निर्माता और कलाकार सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हैं या कोर्ट की कार्यवाही के लिए तैयार रहते हैं।