हरियाणा में नदियों का कहर: घग्घर और मारकंडा डेंजर लेवल से ऊपर, 2748 गांव प्रभावित
हरियाणा में लगातार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। घग्घर और मारकंडा नदी अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं हथिनीकुंड बैराज पर यमुना के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है।
मारकंडा नदी की स्थिति
कुरुक्षेत्र के शाहबाद में सुबह करीब साढ़े 5 बजे मारकंडा नदी में 30,445 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। गेज रीडर रविंद्र के अनुसार, 5 से 6 सितंबर सुबह तक नदी के जलस्तर में 6 हजार क्यूसेक की कमी आई है और आगे और गिरावट की संभावना है। हालांकि नदी अभी भी खतरे के निशान से 0.15 मीटर ऊपर बह रही है।
मारकंडा के पानी से खेत दलदल में तब्दील हो गए हैं। जिले में 22 हजार एकड़ से ज्यादा फसलें प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 5 हजार एकड़ पूरी तरह डूब चुकी हैं।
घग्घर नदी का प्रकोप
कैथल में घग्घर नदी का जलस्तर बढ़कर आज 23.4 फीट पहुंच गया, जो डेंजर पॉइंट से 4 इंच ज्यादा है। गांवों में पानी भरने से स्कूल-कॉलेज बंद कर छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे के लिए जेसीबी और अन्य मशीनें तैनात की गई हैं। कई जगह ओवरफ्लो होकर खेतों में पानी घुस गया है। सिरसा जिले के झोड़नाली गांव में घग्घर नदी का पुल टूट गया, जिससे 20 गांवों की कनेक्टिविटी खत्म हो गई है।
हथिनीकुंड बैराज की स्थिति
हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर अब 1 लाख क्यूसेक से नीचे आ गया है। इस कारण फ्लड गेट डाउन कर दिए गए हैं।
कुल नुकसान और खतरा
हरियाणा में बारिश और नदियों के उफान से अब तक 2,748 गांव प्रभावित हो चुके हैं। फसलें तबाह हो चुकी हैं और पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है। सबसे बड़ी चिंता इस्माइलाबाद के नैसी गांव के टूटे तटबंध को लेकर है। यहां से निकला पानी अंबाला तक पहुंच गया है, जिससे हालात और बिगड़ने की आशंका है।




