
PGT गणित भर्ती पर हाईकोर्ट की मुहर: हरियाणा में दोबारा होगा सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट, सभी श्रेणी के उम्मीदवारों को मिलेगा समान मौका
The Airnews | चंडीगढ़
हरियाणा में PGT गणित पदों के लिए होने वाली भर्ती प्रक्रिया में एक बार फिर से बड़ा बदलाव हुआ है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की अपील को खारिज करते हुए आदेश दिया है कि स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद सभी श्रेणियों के उम्मीदवारों को समान रूप से ओपन कैटेगरी में शामिल कर सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट आयोजित किया जाएगा। इसके तहत आयोग अब दोबारा सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट कराएगा और सभी वर्गों के योग्य उम्मीदवारों को नई मेरिट लिस्ट के अनुसार मुख्य परीक्षा में शामिल किया जाएगा।
315 पदों की भर्ती पर लगा था कानूनी पेच
PGT गणित के कुल 315 पदों के लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2023 में स्क्रीनिंग टेस्ट आयोजित किया गया था, जिसका परिणाम 6 अक्टूबर 2023 को घोषित किया गया। इसी परिणाम में गड़बड़ी को लेकर याचिका दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता प्रमिला ने आरोप लगाया कि आयोग ने अनारक्षित श्रेणी में शॉर्टलिस्ट किए गए कुछ उम्मीदवारों को ऐसे चुना है, जिनके अंक उनसे कम थे। जबकि प्रमिला के अंक अधिक होने के बावजूद उन्हें शॉर्टलिस्ट नहीं किया गया। इस पर हाईकोर्ट ने पहले सिंगल बैंच द्वारा फैसला सुनाया और अब डिवीजन बेंच ने भी प्रमिला के पक्ष में निर्णय देते हुए आयोग की अपील को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट का बड़ा निर्देश: नई मेरिट लिस्ट बनेगी, सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट दोबारा होगा
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने साफ तौर पर कहा कि HPSC को अब स्क्रीनिंग टेस्ट के अंकों के आधार पर सभी उम्मीदवारों की नई ओपन कैटेगरी मेरिट लिस्ट तैयार करनी होगी। इसमें आरक्षित और अनारक्षित दोनों श्रेणियों के उम्मीदवारों को शामिल किया जाएगा। यह लिस्ट ओपन कैटेगरी की कुल सीटों की चार गुना संख्या के आधार पर बनेगी। उसके बाद सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट लिया जाएगा।
स्क्रीनिंग टेस्ट को लेकर हाईकोर्ट की टिप्पणी
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि:
- स्क्रीनिंग टेस्ट का परिणाम चयन प्रक्रिया का एकमात्र आधार नहीं हो सकता, लेकिन यह चयन की एक प्रक्रिया का हिस्सा है। ऐसे में यदि किसी उम्मीदवार के अंक अधिक हैं और फिर भी उसे बाहर रखा जाता है तो यह असमानता है।
- रिट याचिकाकर्ता प्रमिला को अधिक अंक होने के बावजूद बाहर रखा जाना अनुचित है, इसलिए उसे मुख्य परीक्षा में भाग लेने का अधिकार दिया जाए।
- चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहनी चाहिए, इसलिए आयोग को आदेश दिया जाता है कि वह नए सिरे से मेरिट सूची बनाए और सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट दोबारा आयोजित करे।
- हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि कोई भी श्रेणी का उम्मीदवार, यदि उसके अंक अधिक हैं तो वह ओपन कैटेगरी में पात्र माना जाएगा।
HPSC को दूसरा झटका, हाईकोर्ट ने लगातार दूसरी बार की अपील खारिज
हरियाणा लोक सेवा आयोग ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील की थी। लेकिन इस अपील को भी खारिज कर दिया गया है। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस कीर्ति सिंह की खंडपीठ ने 9 अप्रैल 2025 को अपने फैसले में कहा कि:
- सिंगल बेंच के फैसले में जरूरी संशोधन के साथ उसे बरकरार रखा जाता है।
- स्क्रीनिंग टेस्ट के परिणाम को पुनः तैयार किया जाएगा।
- उसी आधार पर सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट कराया जाएगा।
- अंतिम मेरिट सूची भी नए सिरे से बनाई जाएगी।
चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर न्यायपालिका की मुहर
हाईकोर्ट ने एक अहम बात यह भी कही कि किसी भी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सबसे महत्वपूर्ण तत्व होते हैं। यदि कोई उम्मीदवार स्क्रीनिंग टेस्ट में अधिक अंक प्राप्त करता है, तो उसे आगे की चयन प्रक्रिया में भाग लेने से वंचित नहीं किया जा सकता।
यह टिप्पणी उन सभी उम्मीदवारों के लिए राहतभरी है, जो स्क्रीनिंग टेस्ट में अच्छे अंक लाने के बावजूद सूची से बाहर कर दिए गए थे। कोर्ट ने साफ किया कि चयन के प्रत्येक चरण में न्याय और समानता होनी चाहिए।
अब आगे क्या होगा?
- नई मेरिट लिस्ट: HPSC को निर्देश दिए गए हैं कि वह स्क्रीनिंग टेस्ट के परिणामों के आधार पर ओपन कैटेगरी के चार गुना उम्मीदवारों की नई मेरिट सूची बनाए।
- नई परीक्षा: इन उम्मीदवारों का सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट दोबारा आयोजित किया जाएगा।
- नई विज्ञप्ति: आयोग जल्द ही 315 पदों के लिए नई अधिसूचना जारी करेगा।
- रिट याचिका की फिर से सुनवाई: सिंगल बेंच अब फिर से इस मामले की सुनवाई करेगा और आयोग की प्रक्रिया की निगरानी करेगा।
PGT अभ्यर्थियों में खुशी की लहर
इस फैसले से उन हजारों उम्मीदवारों को राहत मिली है जो पिछले रिजल्ट को लेकर असंतुष्ट थे। कोर्ट के निर्णय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मेरिट और अंकों के आधार पर सभी को बराबरी का मौका मिलेगा।
हरियाणा में शिक्षक भर्ती की यह प्रक्रिया लंबे समय से विवादों में रही है, लेकिन अब न्यायिक हस्तक्षेप से यह सुनिश्चित हो गया है कि योग्य उम्मीदवारों को उनका हक मिलेगा।