हिसार की टीचर ज्योति सैनी।
PMO में शिकायत करने पर स्कूल प्रबंधन बैकफुट पर: हिसार में छुट्टी लेने पर टीचर को निकाला; सैलरी काटी, ग्रेच्युटी नहीं दी
The Airnews | रिपोर्ट: यश
हरियाणा के हिसार में निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा महिला टीचर के साथ किए गए अन्याय का मामला सामने आया है। एमएससी बीएड धारक ज्योति सैनी को छुट्टी लेने पर पहले पेनल्टी लगाकर वेतन काटा गया, फिर स्कूल से बाहर कर दिया गया। जब तमाम प्रयासों के बाद भी न्याय नहीं मिला, तो उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद स्कूल प्रबंधन बैकफुट पर आ गया और उन्हें कुछ हद तक राहत मिली। हालांकि अभी भी ग्रेच्युटी का भुगतान लंबित है।
शिकायत से पहले अन्याय की लंबी कहानी
हिसार के सेक्टर-14 निवासी ज्योति सैनी वर्ष 2005 से तोशाम रोड स्थित सेंट मैरी स्कूल में बतौर साइंस टीचर कार्यरत थीं। करीब 17 वर्षों की सेवा के बाद वर्ष 2022 में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से 10 दिन की छुट्टी ली थी। उन्होंने छुट्टी की एप्लिकेशन स्कूल के क्लर्क को दी थी, जोकि वहां की सामान्य प्रक्रिया थी।
मगर स्कूल प्रबंधन ने इसे मुद्दा बनाते हुए ज्योति को चार दिन की अनुपस्थिति का कारण बताते हुए शॉ-कॉज नोटिस भेज दिया। नोटिस में लिखा गया कि उन्होंने बिना प्रिंसिपल की अनुमति के छुट्टी ली है। इस पर ज्योति ने अपना जवाब भी प्रस्तुत किया, लेकिन उसे संतोषजनक नहीं माना गया।
नौकरी से निकाला, पेनल्टी लगाई गई
14 जुलाई 2022 को स्कूल ने उन्हें नोटिस थमाया कि तीन माह की अवधि के बाद उनकी सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। अक्टूबर 2022 में अचानक उनकी जॉब समाप्त कर दी गई। उनका मासिक वेतन 54 हजार रुपए था, लेकिन छुट्टी के एवज में 7200 रुपए की पेनल्टी लगाकर वेतन काटा गया।
इसके साथ ही उन्हें सिक्योरिटी राशि और ग्रेच्युटी भी नहीं दी गई। इतना ही नहीं, ईपीएफ निकालने के लिए आवश्यक अथॉरिटी लेटर भी देने से स्कूल ने इनकार कर दिया। सिक्योरिटी अमाउंट करीब 13 हजार रुपए था। ज्योति के अनुसार, यह सबकुछ एक साजिश के तहत किया गया ताकि उन्हें जबरन हटाया जा सके।
कई बार गुहार लगाई, कोई सुनवाई नहीं हुई
ज्योति सैनी ने कई बार स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया, फोन किए, व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी बात रखी, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। इससे परेशान होकर उन्होंने अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में शिकायत की।
PMO ने लिया संज्ञान, जांच के आदेश
प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और श्रम मंत्रालय के माध्यम से 3 मार्च 2025 को हिसार के लेबर विभाग को पत्र भेजा। इसमें स्कूल द्वारा की गई कार्यवाही की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
इसके बाद केस की सुनवाई हुई और श्रम विभाग ने जांच पूरी कर लेबर कोर्ट में प्रस्तुत की। कोर्ट ने आदेश दिया कि टीचर को पेनल्टी राशि वापस की जाए, सिक्योरिटी और ईपीएफ का भुगतान किया जाए तथा ग्रेच्युटी भी दी जाए।
स्कूल ने मानी कुछ बातें, फिर भी ग्रेच्युटी पर टालमटोल
स्कूल प्रबंधन ने अब जाकर 7200 रुपए की पेनल्टी वापस देने, सिक्योरिटी राशि लौटाने और ईपीएफ के लिए अथॉरिटी लेटर देने की बात मानी है। मगर ग्रेच्युटी देने में अब भी आनाकानी कर रहा है। ऐसे में ज्योति अब अगला ठोस कानूनी कदम उठाने की तैयारी में हैं।
टीचर पर बनाया गया था नौकरी छोड़ने का दबाव
ज्योति ने बताया कि स्कूल प्रबंधन की ओर से पहले से ही उन पर नौकरी छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था। उनका आरोप है कि जिन टीचर्स की सैलरी अधिक होती है, उन्हें जानबूझकर ऐसे तरीके अपनाकर निकाला जा रहा है और उनकी जगह कम वेतन वाले कर्मचारियों को भर्ती किया जा रहा है।