SYL नहर विवाद पर दिल्ली में आज अहम मीटिंग: सीएम मान की रावी नदी पर शर्त, हरियाणा सीएम भी शामिल; 13 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
चंडीगढ़ (Sahil Kasoon The Airnews) सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद को लेकर आज दिल्ली में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री एक बार फिर आमने-सामने बैठे। मीटिंग केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल की अगुआई में हो रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान इस बार रावी नदी के पानी को लेकर एक नई शर्त के साथ बैठक में शामिल हुए हैं। उनका कहना है कि यदि रावी और चिनाब का पानी पंजाब लाया जाता है, तो हरियाणा को पानी देने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
सीएम मान ने बैठक में स्पष्ट किया कि SYL नहर का निर्माण नहीं होगा, लेकिन हरियाणा से भाईचारे का संबंध है और यदि रावी से पानी पंजाब पहुंचे, तो वह आगे हरियाणा को देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा –
“हम भाई घन्नैया के वारिस हैं, जो दुश्मनों को भी पानी पिलाते थे। हमें दो-तीन MAF के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जबकि वहां से 23 MAF पानी लाया जा सकता है। फिर हमें क्या दिक्कत रहेगी?”
मीटिंग से पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने गले मिलकर एक-दूसरे का स्वागत किया। मीटिंग सकारात्मक माहौल में हुई। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा —
“यह एक सार्थक चर्चा रही। पंजाब और हरियाणा दोनों भाई हैं और इस मुद्दे का समाधान मिलकर निकाला जाएगा।”
सीएम मान ने सुझाव दिया कि पाकिस्तान के साथ इंडस वाटर समझौता रद्द होने के बाद अब झेलम न सही, पर चिनाब और रावी से पानी लाया जा सकता है। यह पानी पौंग, भाखड़ा और रंजीत सागर डैम के ज़रिए पंजाब तक पहुंचाया जा सकता है। इससे पंजाब को रिपेरियन राज्य का दर्जा भी वापस मिल सकता है और SYL पर नया रास्ता निकल सकता है।
SYL नहर की कुल लंबाई 212 किलोमीटर है। इसमें हरियाणा का 92 किलोमीटर हिस्सा बनकर तैयार है, जबकि पंजाब के हिस्से का 122 किलोमीटर अभी अधूरा है। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2002 में हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन पंजाब सरकार ने 2004 में विधानसभा में कानून पास करके 1981 के समझौते को रद्द कर दिया था।
इस मीटिंग को 13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले राज्यों के बीच सहमति की आखिरी कोशिश माना जा रहा है। इससे पहले भी तीन बार दोनों राज्यों के सीएम की मीटिंग हो चुकी है —
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पहली: 18 अगस्त 2020
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दूसरी: 14 अक्टूबर 2022
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तीसरी: 4 जनवरी 2023
लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया।




