अनाज मंडी में भिड़े आढ़तियों के दो गुट: हंगामा, आरोप और मांगों की पूरी पड़ताल
स्थान: इंद्री, हरियाणा
रिपोर्टर: मैनपाल कश्यप, The Airnews
हरियाणा के इंद्री क्षेत्र की अनाज मंडी में उस समय तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई जब खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर बारदाना न देने और भेदभावपूर्ण व्यवहार करने के आरोप लगे। यह मामला इतनी गंभीरता से बढ़ गया कि आढ़तियों के दो गुटों के बीच जमकर झड़प हो गई। इस घटना ने न केवल मंडी के माहौल को अस्त-व्यस्त कर दिया, बल्कि प्रदेश की मंडी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए जानते हैं पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी, आरोपों की तह तक और आढ़तियों की प्रमुख मांगें।
घटना का पूरा विवरण
घटना इंद्री की अनाज मंडी की है जहां गेहूं की खरीद और उसकी लिप्टिंग का कार्य चल रहा है। यहां आढ़तियों के दो गुटों के बीच बारदाना (बोरे) और लोडिंग गाड़ियों की उपलब्धता को लेकर विवाद हुआ। बताया जा रहा है कि कुछ आढ़तियों ने खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे उन्हें समय पर न तो बारदाना दे रहे हैं और न ही लोडिंग के लिए गाड़ी उपलब्ध करवा रहे हैं।
स्थिति उस समय और भी तनावपूर्ण हो गई जब आरोप लगाए गए कि कुछ अधिकारियों द्वारा रात के समय केवल अपने ‘चहेते’ आढ़तियों को बारदाना और गाड़ी मुहैया करवाई जाती है। बाकी आढ़तियों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
1500 रुपये रिश्वत का आरोप
कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान ने खुलकर आरोप लगाए कि अधिकारियों द्वारा गाड़ी उपलब्ध करवाने के लिए प्रति ट्रक 1500 रुपये की रिश्वत ली जा रही है। यदि कोई आढ़ती यह राशि नहीं देता तो उसे न तो गाड़ी दी जाती है और न ही बारदाना मिलता है, जिससे उसकी फसल की लिप्टिंग रुक जाती है और उसे नुकसान झेलना पड़ता है।
प्रधान ने आरोप लगाया कि मंडी में लोडिंग की गाड़ियों की भारी कमी है और सभी गाड़ियों को बाईपास की ओर भेजा जा रहा है, जिससे मंडी में लोडिंग-अनलोडिंग की प्रक्रिया ठप हो गई है और जाम की स्थिति बनी हुई है।
मंडी में जाम और अफरा-तफरी का माहौल
इस असंतोष और आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति के चलते मंडी में आढ़तियों के दो गुट आपस में भिड़ गए। झगड़ा इतना बढ़ गया कि बात हाथापाई तक पहुंच गई। इस झगड़े की खबर पूरे इलाके में फैल गई और मंडी में व्यापार करने वाले किसानों, मजदूरों और व्यापारियों में भी खलबली मच गई।
लोगों ने किसी तरह बीच-बचाव कर झगड़ा शांत कराया लेकिन मंडी में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। इस घटनाक्रम के चलते कई गाड़ियों की लोडिंग प्रक्रिया प्रभावित हुई और किसानों को भी लंबे समय तक मंडी में रुकना पड़ा।
आढ़तियों की मुख्य मांगें
- भेदभाव न किया जाए: सभी आढ़तियों को समान रूप से बारदाना और लोडिंग के लिए गाड़ियां उपलब्ध करवाई जाएं।
- रिश्वतखोरी पर रोक: अधिकारियों द्वारा यदि वाकई 1500 रुपये की रिश्वत ली जा रही है तो इसकी निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
- गाड़ियों की उपलब्धता: मंडी में सभी किसानों की फसल की समय पर लिप्टिंग के लिए पर्याप्त गाड़ियां उपलब्ध करवाई जाएं।
- रात में भेदभावपूर्ण ड्यूटी पर रोक: रात के समय केवल चहेते आढ़तियों को बारदाना और गाड़ी देना बंद किया जाए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस पूरी घटना के बाद मंडी के अनाज मंडी अधिकारी ने The Airnews से बातचीत में बताया कि उन्हें भी इस तरह की शिकायतें मिली हैं कि कुछ अधिकारियों द्वारा चुनिंदा आढ़तियों को ही बारदाना और लोडिंग गाड़ियां दी जा रही हैं। अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में संबंधित एजेंसी से रिपोर्ट मांगी गई है और यदि कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि मंडी में किसी भी प्रकार की भेदभावपूर्ण नीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी आढ़तियों को समान सुविधा प्रदान की जाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और किसान संगठनों की नजर
इस घटना को लेकर कुछ किसान संगठनों ने भी आढ़तियों का समर्थन किया है। उनका कहना है कि यदि मंडी में इस तरह की रिश्वतखोरी और भेदभाव होता है तो इसका सीधा असर किसानों पर पड़ता है, जिनकी फसल मंडी में लंबे समय तक लटकी रह जाती है।
किसान संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि मंडी के पूरे कामकाज की निष्पक्ष जांच हो और यदि कोई भी अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसे तत्काल सस्पेंड किया जाए।
मंडी के हालात और आगे की स्थिति
वर्तमान में मंडी में स्थिति सामान्य हो गई है लेकिन आढ़तियों में अब भी असंतोष बना हुआ है। यदि समय रहते प्रशासन ने इस मसले को हल नहीं किया तो भविष्य में बड़ी हड़ताल या आंदोलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंडी में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की गई है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।