
कनाडा भेजने का झांसा और डेढ़ लाख की ठगी: जब चंडीगढ़ के इमीग्रेशन सेंटर ने कैथल की महिला को बना दिया निशाना”
The Airnews | कैथल | विशेष रिपोर्ट
हरियाणा के कैथल जिले से एक और चौंकाने वाला धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। एक महिला को कनाडा भेजने का सपना दिखाकर उससे डेढ़ लाख रुपए की ठगी कर ली गई। इस मामले ने न केवल वीजा माफियाओं की पोल खोल दी है, बल्कि आमजन के भरोसे को भी झकझोर कर रख दिया है।
कैसे हुआ ठगी का खुलासा?
यह मामला कैथल जिले के गांव कुतुबपुर से जुड़ा है, जहां के निवासी सोनू ने सदर थाने में एक विस्तृत शिकायत दर्ज कराई है। सोनू का कहना है कि उसने अपनी मां रेखा देवी को कनाडा भेजने की योजना बनाई थी और इसके लिए चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में स्थित “किंग इमीग्रेशन” नामक एक वीजा सेंटर से संपर्क किया।
सोनू का यह भी कहना है कि सेंटर के संचालक विराट, मीना और राहुल ने खुद को अनुभवी और भरोसेमंद बताया और वादा किया कि वे निर्धारित समय में टूरिस्ट वीजा लगवा देंगे।
विश्वास दिलाने के लिए ली गई लिखित गारंटी
शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपियों ने उन्हें एक लिखित दस्तावेज दिया था, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि यदि किसी कारण वीजा नहीं लगता, तो 10 हजार रुपए चार्ज करके शेष राशि लौटा दी जाएगी।
इस आश्वासन के आधार पर सोनू ने 1.5 लाख रुपए “किंग इमीग्रेशन” के खाते में ट्रांसफर कर दिए। लेकिन समय बीतने के बावजूद न तो वीजा आया और न ही पैसे लौटाए गए।
न वीजा, न पैसे: उल्टा धमकियां मिलने लगीं
जब रेखा देवी और उनके बेटे ने दोबारा सेंटर से संपर्क किया और पैसे लौटाने की बात कही, तो न केवल उनकी बात को नजरअंदाज किया गया, बल्कि अब सेंटर के संचालक उन्हें धमकाने भी लगे हैं।
यहां तक कि जब वे चंडीगढ़ जाकर सेंटर पहुंचे तो उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की गई, जिससे अब पीड़ित परिवार मानसिक तनाव में है।
पुलिस की भूमिका और अब तक की कार्रवाई
कैथल सदर थाना प्रभारी मुकेश कुमार ने जानकारी दी है कि शिकायत मिलने के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि—
“मामले की गंभीरता को देखते हुए गहन जांच की जा रही है। सबूत जुटाए जा रहे हैं और आरोपी फिलहाल जांच के दायरे में हैं। साक्ष्यों के आधार पर जल्द ही गिरफ्तारी भी की जा सकती है।”
कौन हैं आरोपी?
पीड़ित परिवार के अनुसार, “किंग इमीग्रेशन” के नाम से चंडीगढ़ में जो सेंटर चल रहा है, उसके मालिकों में तीन लोग शामिल हैं —
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विराट
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मीना
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राहुल
इन तीनों ने मिलकर न केवल धोखाधड़ी की बल्कि लिखित गारंटी के बावजूद पैसे वापस करने से इनकार कर दिया और अब धमकी भी दे रहे हैं।
क्या इस केस में और भी पीड़ित हो सकते हैं?
यह केवल एक केस नहीं हो सकता। कई बार ऐसे इमीग्रेशन एजेंट पूरे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर भारत में लोगों को विदेशी जीवन का सपना दिखाकर ठगते हैं। यह मामला बताता है कि अब समय आ गया है कि सरकार व ऐसे धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी नजर रखे।
इस प्रकार की घटनाओं में पीड़ित अक्सर चुप रह जाते हैं, लेकिन सोनू और उसकी मां ने साहस दिखाते हुए केस दर्ज कराया, जो अन्य पीड़ितों के लिए प्रेरणा बन सकता है।
कानूनी पहलू और संभावित धाराएं
इस केस में धोखाधड़ी की धारा 420, धमकी देने की धारा 506 और आपराधिक षड्यंत्र की धारा 120B जैसी धाराएं लगाई जा सकती हैं। यदि जांच में यह साबित होता है कि यह सुनियोजित गिरोह है, तो उनके खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा भी जांच कर सकती है।
कैसे बचें ऐसे वीजा फ्रॉड से?
आज के समय में वीजा और विदेश जाने को लेकर युवाओं और उनके परिवारों में बड़ी चाहत होती है, लेकिन इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग ठगी का धंधा कर रहे हैं। यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं, जिनसे ऐसे फ्रॉड से बचा जा सकता है:
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कभी भी अनजाने सेंटर को पैसे न दें।
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सभी दस्तावेजों को वैधता के साथ जांचें।
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सेंटर की पंजीकरण संख्या और रजिस्ट्रेशन को चेक करें।
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लिखित समझौते पर ही भरोसा करें, लेकिन उसकी कानूनी वैधता भी जांचें।
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कोई भी भुगतान बैंक ट्रांजैक्शन से करें, नकद में नहीं।
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फिर भी संदेह हो तो नजदीकी पुलिस स्टेशन में पहले से शिकायत देकर सलाह लें।
प्रशासनिक भूमिका पर भी उठते सवाल
इस केस ने यह भी उजागर किया है कि आखिर ऐसे इमीग्रेशन सेंटर प्रशासन की निगरानी में कैसे काम कर रहे हैं? क्या इनका रजिस्ट्रेशन वैध है? क्या ये समय-समय पर जांच के दायरे में आते हैं?
अगर नहीं, तो यह न केवल प्रशासनिक चूक है बल्कि आम जनता की सुरक्षा में बड़ी चूक भी है।
पीड़ित परिवार की अपील
पीड़ित महिला रेखा देवी और उनके बेटे सोनू ने प्रशासन से अपील की है कि—
“ऐसे फ्रॉड करने वालों को सजा मिले ताकि कोई और मां या बेटा इस तरह की ठगी का शिकार न हो।”
वे यह भी चाहते हैं कि उनके पैसे जल्द से जल्द वापस दिलाए जाएं और दोषियों को जेल भेजा जाए।