
करनाल के युवक की सिंगापुर में संदिग्ध मौत: परिवार ने ज़मीन बेचकर भेजा था, शव की वापसी की मांग
हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव के 23 वर्षीय युवक मनीष की सिंगापुर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। युवक मनीष का शव समुद्र के किनारे मरीना बे क्षेत्र में मिला, जिससे परिवार और स्थानीय समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई। मनीष का परिवार इस कष्टपूर्ण समय में सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है, ताकि उनके बेटे का शव देश लाकर अंतिम संस्कार किया जा सके। यह पोस्ट उस दिल दहलाने वाली घटना की पूरी जानकारी प्रदान करती है, जो मनीष की दुखद मौत और उसके परिवार की बेबसी के इर्द-गिर्द घूमती है।
सिंगापुर जाने के लिए परिवार ने बेची थी जमीन:
मनीष का परिवार बेहद गरीब था, और मनीष को बेहतर भविष्य की उम्मीद में सिंगापुर भेजने के लिए उन्होंने अपनी दो कनाल ज़मीन बेच दी थी। मनीष के पिता भीम सिंह अब बुजुर्ग हो चुके हैं और वह किसी कामकाजी स्थिति में नहीं हैं। मनीष की मां सुमन हाउसवाइफ हैं और घर में उनकी एक बहन और एक छोटा भाई भी है। परिवार की यह कड़ी मेहनत और त्याग ने मनीष को विदेश भेजने में मदद की, ताकि वह वर्क परमिट पर सिंगापुर जाकर अपनी जिंदगी को बेहतर बना सके।
इस पूरी प्रक्रिया में मनीष के परिवार ने करीब 15 लाख रुपये खर्च किए थे, जिसमें से लगभग 10 लाख रुपये उन्होंने अपनी ज़मीन बेचकर जुटाए थे। सिंगापुर में मनीष को एक टेक्नो कंपनी में नौकरी मिल गई थी, और उसने पिछले कुछ महीनों में घर भेजे गए लगभग सवा लाख रुपये भी परिवार को भेजे थे।
मनीष की मौत के बारे में जानकारी मिलती है:
12 अप्रैल 2025 की रात मनीष ने अपने रूममेट संजू से कहा था कि वह घर वालों से बात करके आता है। संजू, जो कि यमुनानगर के शाहबाद का रहने वाला है, ने बताया कि मनीष ने लगभग रात 10 बजे घर फोन करने की बात कही और रूम से बाहर चला गया। संजू ने बताया कि मनीष देर रात तक लौटकर नहीं आया। संजू ने मनीष के फोन पर कॉल किया, लेकिन फोन उठाया नहीं गया। तब संजू ने मनीष को ढूंढने की कोशिश शुरू की, लेकिन किसी भी प्रकार का सुराग नहीं मिल पाया।
अगले दिन सुबह मनीष के रूममेट को सूचना मिली कि सिंगापुर के मरीना बे क्षेत्र में समुद्र के किनारे एक शव मिला है, जो मनीष का था। संजू मौके पर पहुंचा और शव की पहचान की। मनीष के शव को देखने के बाद संजू ने परिवार को सूचित किया।
मनीष की मौत की परिस्थितियां संदिग्ध:
मनीष के शव के मिलने की जानकारी से परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों ने मनीष की मौत की परिस्थितियों पर सवाल उठाए हैं। जिस स्थान पर मनीष का शव मिला है, वह मनीष के रूम से एक घंटे की दूरी पर था। यह सवाल उठता है कि मनीष उस स्थान तक कैसे पहुंचा और उसकी मौत कैसे हुई? यह पूरी घटना संदिग्ध प्रतीत हो रही है, और परिवार को मनीष की मौत के असल कारणों को जानने का इंतजार है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार:
परिवार इस वक्त पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है, क्योंकि उसी रिपोर्ट के आधार पर मनीष की मौत के कारणों का खुलासा किया जा सकेगा। मनीष के परिजनों का कहना है कि वह नहीं मानते कि मनीष ने आत्महत्या की होगी या किसी दुर्घटना का शिकार हुआ होगा। वे इसे एक रहस्यमय मौत मानते हैं, और इस मामले की गहराई से जांच की मांग करते हैं।
मृतक मनीष का परिवार सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है:
मनीष के परिवार का कहना है कि उनका सबसे बड़ा दुख यह है कि उनका बेटा विदेश में मर गया, और अब शव को घर लाने के लिए वे सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि मनीष का शव भारत लाने में मदद की जाए ताकि उसे उसके गांव की मिट्टी नसीब हो सके और उसका अंतिम संस्कार घर पर किया जा सके। मनीष के पिता भीम सिंह का कहना है कि परिवार इस दर्दनाक घटना को सहन करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उनके पास शव लाने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।
मनीष का परिवार दुखी है, लेकिन उम्मीद का दामन थामे हुए है:
मनीष के परिवार में गहरा शोक है, खासकर उसकी मां सुमन, जो अब अपने बेटे के बिना जिंदगी जीने की कल्पना भी नहीं कर पा रही हैं। मनीष की बहन भी अपने भाई की मौत पर दुखी हैं और इस घटना से उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ है। मनीष के परिवार का कहना है कि इस दर्द को सहन करना बहुत मुश्किल है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी मदद करेगी और उनका बेटा घर लौट सकेगा।